• पनियरा के रहसुगुरु धाम में खुदाई के दौरान मिल रहे हैं प्राचीन ईंट और दिवाल।
महराजगंज : “आश्चर्य” महराजगंज जिले के पनियरा नगर पंचायत के मुख्य कस्बा स्थित,बाबा रहसुगुरु धाम में वृद्धाश्रम बनाने के लिए हो रही नींव की खुदाई में,प्राचीन काल की ईंट और मोटी दीवार तथा सीढियां मिल रही हैं।जो कस्बावासियों में कौतूहल का विषय बना हुआ है।
पनियरा नगर पंचायत के रजौड़ा रोड के किनारे स्थित बाबा राहसुगुरु धाम क्षेत्र का एक प्रमुख धार्मिक स्थल है। जहां हनुमान जी,राधा – कृष्ण, भगवान शिव, मां दुर्गा एवं समय माता का मंदिर है। यहां साल के दोनों नवरात्रों में भक्तों की भीड़ इकट्ठा होती है,तथा प्रत्येक वर्ष इस मंदिर प्रांगण में यज्ञ तथा धार्मिक अनुष्ठान का आयोजन कस्बावासियों के सहयोग से होता रहता है।
बाबा राहसुगुरू धाम के मंदिर परिसर के बगल में,कस्बावासियों ने सर्वसम्मति एवं सर्वसहयोग से एक वृद्धाश्रम बनवाने का निर्णय लिया था। जिसका भूमि पूजन पवित्र श्रावण मास में ब्राह्मणों के सानिध्य में वैदिक मंत्रोच्चार से संपन्न हुआ था।लेकिन बारिश का महीना होने के कारण नींव की खुदाई का काम रोक दिया गया था।जैसे ही मौसम में कुछ बदलाव हुआ और बारिश कमजोर पड़ने लगा,तो नींव खुदाई का काम करीब एक सप्ताह पूर्व से पुनः शुरू कराया गया।इसी क्रम में नींव की खुदाई के दौरान प्राचीन काल की ईंट,मोटी – मोटी दीवारें तथा उन दीवारों के पास पूरी चौड़ी सीढियां मिल रही हैं।जो कस्बा वासियों में कौतूहल का विषय बना हुआ है।
चर्चा मुताबिक लोग अपने – अपने मतानुसार बाबा राहसुगुरु धाम की ऐतिहासिकता बता रहे हैं,लेकिन सच्चाई कुछ भी हो अगर इसकी पुरातात्विक सर्वेक्षण शासन द्वारा कराया जाए तो हकीकत सामने आएगी।
वैसे कुछ लोग इस स्थान को बौद्ध कालीन भी मान रहे हैं। चर्चा मुताबिक लोगों का मानना है कि – इतिहासकारों द्वारा महराजगंज जिले का नाम भगवान बुद्ध के नाना महाराज अंजन के नाम पर पड़ा है।और यह क्षेत्र उस वक्त उनके राज्य क्षेत्र में शामिल था।दूसरा ए की इसी जनपद में बनरसिहां चौक क्षेत्र का सोनाड़ी देवी मंदिर क्षेत्र बौद्ध कालीन होने से बाबा रहसुगुरु धाम को भी इससे जोड़ कर देखा जा रहा है।