अब्दुल सलाम रंगरेज
भीलवाड़ा में भारत बंद का असर शांतिपूर्ण-
भीलवाड़ा शहर के स्कूल कॉलेज और बाजार रहे बंद_
भीलवाड़ा- सुप्रीम कोर्ट द्वारा अनुसूचित जाति (एससी) और जनजाति (एसटी) आरक्षण में क्रिमिलेयर लागू करने के फैसले के विरोध में अजा-जजा संगठनों द्वारा बुलाए गए इस बंद ने दोनों जिलों में जनजीवन को प्रभावित किया। बंद शांतिपूर्ण रहा।
औद्योगिक नगरी भीलवाड़ा में सुबह से ही बंद का असर स्पष्ट रूप से दिखाई दिया। स्कूल, कॉलेज, दुकानें, और बाजार सभी बंद रहे, जिससे पूरे शहर में सन्नाटा पसरा रहा। बंद के आह्वान के कारण आम लोग भी अपने घरों में ही रहने को मजबूर हुए। शहर की सभी प्रमुख बाजारें बंद रहीं। भीलवाड़ा जिला प्रशासन ने बंद को देखते हुए सभी सरकारी और निजी स्कूलों, कक्षा 1 से 12वीं तक के सभी स्कूलों, और कोचिंग सेंटरों में अवकाश घोषित कर दिया था। इसके साथ ही, पुलिस और प्रशासन ने सुरक्षा के मद्देनजर व्यापक इंतजाम किए थे। शहर के प्रमुख चैराहों और बाजारों में पुलिस बल तैनात किया गया था, जो लगातार गश्त कर रहा था।
भीलवाड़ा जिले के ग्रामीण क्षेत्र में भी बंद का असर देखने को मिला। मांडलगढ़,बड़लियास, महुआ ,काछोला, बिगोद ,बिजोलिया आदि क़स्बों में एससी एसटी संगठन ने बंद का आवाह्न किया।
इसी प्रकार शाहपुरा जिले में भी भारत बंद का व्यापक असर दिखाई दिया। यहां भी अजा-जजा संगठनों ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरोध में बाजार बंद कराए। सुबह से ही शहर के सभी बाजार और दुकाने बंद रहीं, जिससे शहर में सन्नाटा छाया रहा। पुलिस और प्रशासन ने शाहपुरा में भी चाक-चौबंद व्यवस्थाएं थीं। शाहपुरा के बाजारों में सुबह से ही अजा-जजा संगठनों के पदाधिकारी घूम-घूम कर खुली हुई दुकानों को बंद कराते नजर आए।
शहर की सुरक्षा के लिए पुलिस बल प्रमुख बाजारों और चाैराहों पर तैनात किया गया, जो लगातार गश्त कर रहा था।दोनों जिलों में पुलिस और प्रशासन ने किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए। पूरे भीलवाड़ा और शाहपुरा में पुलिस बल की तैनाती की गई है, जो प्रमुख बाजारों और संवेदनशील स्थानों पर गश्त करते रहे। बंद के दौरान शांति बनाए रखने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल भी बुलाया गया।
पुलिस और प्रशासन की सख्त निगरानी और सुरक्षा व्यवस्थाओं के चलते बंद के दौरान शांति बनी रही।