सवांददाता नरसीराम शर्मा बीकानेर श्रीडूंगरगढ़
पंचांग का अति प्राचीन काल से ही बहुत महत्त्व माना गया है।शास्त्रों में भी पंचांग को बहुत महत्त्व दिया गया है और पंचाग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना गया है।पंचांग में सूर्योदय सूर्यास्त, चद्रोदय-चन्द्रास्त काल, तिथि, नक्षत्र, मुहूर्त, योगकाल, करण, सूर्य-चंद्र के राशि, चौघड़िया मुहूर्त दिए गए हैं।
🙏श्री गणेशाय नमः🙏
🙏जय श्री कृष्णा🙏
चोघडिया, दिन
रोग 06:11 – 07:48 अशुभ
उद्वेग 07:48 – 09:25 अशुभ
चर 09:25 – 11:03 शुभ
लाभ 11:03 – 12:40 शुभ
अमृत 12:40 – 14:17 शुभ
काल 14:17 – 15:54 अशुभ
शुभ 15:54 – 17:32 शुभ
रोग 17:32 – 19:09 अशुभ
चोघडिया, रात
काल 19:09 – 20:32 अशुभ
लाभ 20:32 – 21:55 शुभ
उद्वेग 21:55 – 23:17 अशुभ
शुभ 23:17 – 24:40* शुभ
अमृत 24:40* – 26:03* शुभ
चर 26:03* – 27:26* शुभ
रोग 27:26* – 28:48* अशुभ
काल 28:48* – 30:11* अशुभ
(*) समय आधी रात के बाद, लेकिन अगले दिन के सूर्योदय से पहले.
🙏🏻आज का राशिफल🙏🏻
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मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)
आज का दिन आपको राज समाज से लाभ के साथ-सातः मान-सम्मान भी दिलाएगा। कारोबारी लोग रुके हुए कार्य सहायता मिलने से पूर्ण कर सकेंगे। प्रतिस्पर्धा भी कम रहने से लाभ के आसार बढ़ेंगे। लेन-देन के व्यवहारों से भी निश्चित समय पर धन लाभ हो सकेगा। दाम्पत्य जीवन मे खुशियां बढ़ेंगी। सुख के साधनों की वृद्धि पर खर्च करेंगे। सामाजिक जीवन मे आज आप धनी व्यक्तियों जैसी पहचान बनाएंगे। किसी मांगलिक अथवा धार्मिक कार्यक्रम में उपस्थिति देंगे। महिला वर्ग भी आज महात्त्वकांक्षाओ की पूर्ति होने पर उत्साहित रहेंगी। जननेंद्रित संबंधित समस्या रह सकती है पानी अधिक पियें।
वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)
आज का दिन आपके लिए आशा से अधिक फायदेमंद रहेगा। घर एवं बाहर आश्चर्यजनक घटनाएं घटित होंगी। आज जहाँ आप हानि की संभावना रखेंगे वहां से भी लाभ मिलेगा। कार्य क्षेत्र पर आरंभ में थोड़ी परेशानी हो सकती है लेकिन बाद में स्थिति अनुकूल बनने लगेगी कई साधनो से एक साथ धन लाभ होगा। विरोधी भी आपकी कार्यकुशलता की प्रशंशा करेंगे सामाजिक क्षेत्र पर मान बढ़ेगा परन्तु गृहस्थ में इसके विपरीत वातावरण रहने से होत्साहित हो सकते है। परिजन आज आपकी बात का जल्दी से विश्वास नहीं करेंगे। सेहत की अनदेखी भारी पड़ सकती है।
मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)
आज दिन का अधिकांश समय शांति से व्यतीत करेंगे परन्तु बीच-बीच में पारिवारिक उलझने परेशान करेंगी। व्यवसाय में परिश्रम का फल विलम्ब से मिलेगा धन लाभ के लिए अधिक इन्तजार करना पड़ेगा सहकर्मीयो से नम्रता से व्यवहार करें अन्यथा सारा कार्य खुद ही करना पड़ सकता है। आपके व्यवहार में परिवर्तन आने से लोग आश्चर्य करेंगे। सामाजिक क्षेत्र से आय के नवीन साधन बनेंगे उच्चवर्ग के लोगो से लाभदायक जान-पहचान होगी। पारिवारिक जीवन में विषमताओं का अहसास होगा खर्च करने पर भी आर्थिक स्थिति बिगड़ेगी स्वयजनो से वैर विरोध रहेगा फिरभी गंभीर परिणाम नही होंगे।
कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
आज का दिन भी आपको प्रतिकूल फलदेगा। प्रातःकाल से ही कार्य करने के लिए शारीरिक एवं मानसिक रूप से असमर्थता रहेगी। मन एक साथ दो विषयो में भटकने से असमंजस में फंसे रहेंगे। बार-बार प्रयास करने पर भी निराशा मिलने से मन ऊबने लगेगा। घर एवं बाहर बड़बोलेपन के कारण स्वयं मुसीबत सर लेंगे। धर्म कर्म में आस्था होने पर भी पूजा के समय ध्यान इधर उधर की बातों में ज्यादा भटकेगा। लोग मीठा बोलकर आपकी परोपकार की वृत्ति का नाजायज फायदा उठाएंगे। कार्य व्यवसाय से आर्थिक लाभ होगा परन्तु ज्यादा देर रोक नही सकेंगे।
सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
आज आपके द्वारा बनाई योजनाएं शीघ्र फलीभूत होंगी। सभी महत्त्वपूर्ण कार्य आज सरलता से पूर्ण होने की संभावना अधिक रहेगी। कार्य व्यस्तता के कारण घरेलु कार्यो की अनदेखी पारिवारिक क्लेश का कारण बन सकती है फिर भी धन लाभ होने से संतुष्टि रहेगी। स्वास्थ्य उत्तम बना रहेगा। धर्म कर्म में विश्वास रहने पर भी समय नहीं दे सकेंगे तंत्र मंत्र में अधिक रूचि लेंगे। आज आप सभी को साथ लेकर चलेंगे जिससे अधिक स्नेह एवं सम्मान मिलेगा। परंतु घर के बुजुर्ग एवं अधिकारी वर्ग से सावधान रहें मतभेद के चलते गर्मा-गर्मी हो सकती है। धन लाभ आवश्यकतानुसार हो जाएगा।
कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
आपका आज का दिन भागदौड़ वाला रहेगा। शारीरिक शिथिलता के बाद भी कार्यो की व्यस्तता सेहत ज्यादा खराब करेगी। धन संबंधित कार्य जोड़ तोड़ की नीति से पूर्ण करलेंगे फिर भी आज के दिन से जो आशा रहेगी उसके पूर्ण होने में अंत तक संदेह रहेगा अधूरे रहने की संभावना ज्यादा है। विद्यार्थ वर्ग मध्यान तक पढ़ाई को लेकर गंभीर रहेंगे इसके बाद चंचलता आने लगेगी। घर अथवा कार्य क्षेत्र पर किसी की मामूली गलती से बड़ा नुकसान होने की सम्भवना है सतर्क रहें। महिलाये आज स्वयं को अन्य से अत्यंत बुद्धिमान आंकेंगी। घरेलू सुख मिलने से पहले कुछ कटु अनुभव भी होंगे।
तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
आज का दिन आपको पुराने परिश्रम का फल देगा। व्यवहारिकता से बनाये सम्बन्धों से लाभ की संभावनाएं बनेगी। व्यवसाय से भी मध्यान तक प्रचुर मात्रा में लाभ अर्जित कर पाएंगे। परन्तु आज नए कार्यो में निवेश ना करें अन्यथा रुकावट आ सकती है। घरेलु कार्यो में व्यस्तता रहेगी सुखोपभोग की वस्तुओ पर खर्च करना पड़ेगा। रिश्तेदारी में जाना पड़ सकता है। सामाजिक क्षेत्र पर पारिवारिक स्थिति और ज्यादा बेहतर बनेगी। वाणी एवं व्यवहार की मधुरता किसी को भी आसानी से प्रभावित करेगी। धार्मिक क्षेत्र की यात्रा होगी दान पुण्य के अवसर मिलेंगे। सेहत सामान्य रहेगी।
वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)
आज के दिन गृहक्लेश के कारण वातावरण कलुषित होने की संभावना अधिक है। भाई-बंधू वैरभाव रखेंगे परिवार के अन्य सदस्य भी आपका पक्ष लेने से बचेंगे। जमीन जायदाद सम्बंधित कार्य जल्दबाजी अथवा भावुकता में ना करें अन्यथा बाद में पश्चाताप होगा। कार्य क्षेत्र पर व्यवसाय में सुधार आने से थोड़ी राहत मिलेगी। नौकरी पेशा वर्ग आज पर्यटन के मूड में रहेंगे। स्वास्थ्य सम्बंधित शिकायते भी रहने से शिथिलता आयेगी। अधिकारी वर्ग से किसी कारण बहस हो सकती है। आस-पड़ोसियों से सम्बन्ध बिगड़ेंगे। यथा सम्भव लंबी यात्रा टालें। चोरी की घटनाएं घट सकती है।
धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)
आज के दिन आपको अधूरे कार्य पूर्ण करने की जल्दी रहेगी जल्दबाजी में कुछ कार्य बिगड़ भी सकते है इसका ध्यान रखें। कार्य क्षेत्र पर अपनी गलती का गुस्सा अन्य व्यक्ति के ऊपर निकालने से गर्मा गर्मी बढ़ेगी फिर भी अधिकांश कार्य समय से थोड़ा आगे पीछे पूर्ण हो ही जायेंगे। धन लाभ की कामना संध्या के समय पूर्ण हो जायेगी लेकिन आशा से कुछ कम ही। नौकरी पेशा जातक आवश्यक कार्य से लंबे अवकाश का मन बना सकते है। धार्मिक कार्यो में भी विशेष रूचि लेंगे टोने टोटको पर प्रयोग कर सकते है। पारिवारिक वातावरण मध्यम रहेगा। अविवाहितो के लिए रिश्ते आएंगे।
मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)
आज के दिन का पूर्वार्ध कुछ ख़ास नहीं रहेगा दैनिक कार्य सामान्य गति से चलते रहेंगे। कार्य क्षेत्र पर विलम्ब के कारण व्यवसाय की गति धीमी रहेगी। अधूरे कार्य आज भी लटके रहने की संभावना है। मध्यान के बाद का समय कार्यो से मन भटकायेंगा। आज आप स्वयं को छोड़ इधर-उधर की बातों में ज्यादा रूचि लेंगे लेकिन किसी को बिना मांगे सलाह ना दे अन्यथा सम्मान में कमी आ सकती है दो पक्षो में सुलह कराने में भी आपकी महत्त्वपूर्ण भागीदारी रह सकती है। विरोधी शांत रहेंगे। धन लाभ आज चाह कर भी आशा के अनुकूल नहीं रहेगा। मन बहलाने के लिये अनैतिक कर्म भी कर सकते है।
कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
आज के दिन आस-पास का वातावरण अनुकूल मिलने से दिनचर्या सुव्यवस्थित रहेगी कार्यो के प्रति गंभीर रहेंगे जिससे समय से पहले पूर्ण कर लेंगे परन्तु फिर भी आज धन अथवा अन्य लाभ के लिए प्रतीक्षा करनी पड़ेगी। कार्य क्षेत्र पर आपकी व्यवहार कुशलता की प्रशंसा होगी। मध्यान के आस-पास किसी अन्य व्यक्ति के व्यवहार अथवा कार्य की थकान के कारण स्वभाव में झुंझलाहट आएगी। लोगो से कार्य निकालने के लिए खुशामद भी करनी पड़ेगी। गृहस्थ जीवन सामान्य रूप से चलता रहेगा। महिलाये पुरुषों का बराबर सहयोग करेंगी।
मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)
आपका आज का दिन प्रतिकूल रहेगा। जिस भी कार्य को करने का प्रयास करेंगे उसमे ही विलंब के साथ कुछ ना कुछ कमी रहेगी। सहकर्मी भी आपके ऊपर छींटाकशी करेंगे जिससे माहौल गरम रहेगा। आज आपकी विचारधारा किसी से भी मेल नही खायेगी जी कारण अन्य लोगो से तालमेल बैठाने में असुविधा रहेगी। घर मे भी भाई बंधुओ से वैचारिक मतभेद के चलते कलह होगी। घर के बुजुर्गो का व्यवहार भी निराश करने वाला रहेगा। आज किसी भी महत्त्वपूर्ण कार्य मे निवेश ना करें हानि की संभावना अधिक है। विपरितलिंगीय के प्रति सम्मानजनक दृष्टिकोण रखें।
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श्रीमद्भागवत प्रसंग – (१६२४)
भाई-बहनों, शास्त्रों में पावक कहते हैं भगवान् के क्रोध को “राम रोष पावक सौं जोरहीं” भक्त के अपमान के समय भगवान् को जो रोष आता है उसको पावक कहते हैं, भगवान् सब कुछ सहन कर सकते हैं लेकिन अपने भक्त का अपमान सहन नहीं करते, रामजी तो कहते हैं कि मैं तो संतो का दास हूँ, संत तो मैरे शीश पर रहते हैं।
मै तो हूँ संतन को दास, संत मेरे मुकुटमणि। पग चापूँ और सेज बिछाऊँ, नौकर बनूँ हजाम। हाँकू बैल बनूँ गडवारौ, बिनु तनख्वा रथवान। मैं तो हूँ संतत को दास, संत मेरे मुकुटमणि। श्री हनुमानजी इतने अभियान शून्य है, अपने बल का उपयोग अपने मान-अपमान के लिये कभी नहीं करते, बल का उपयोग भगवान् के कार्य के लिए करते हैं, और चूंकि हनुमानजी अभिमान शून्य है इसलिए प्रभु के प्रिय है, आप रामजी की कोई झांकी ऐसी नहीं देखेंगे जो बिना हनुमानजी के हो, इसलिये किसी ने अच्छा गाया है कि “दुनिया चले न श्रीराम के बिना, रामजी चले ना हनुमान के बिना” भगवान् बिना हनुमानजी के एक कदम भी नहीं चलते।
“जय हनुमान ज्ञान गुण सागर” श्री हनुमानजी ज्ञान और गुण के सागर है, सिन्धु है, समुद्र है, “ज्ञनिनाम अग्रगण्यम” इतना बल व ज्ञान होने के बावजूद भी श्रीहनुमानजी अभिमाशून्य है, इसलिये हनुमानजी की सदैव जय होती हैं, हनुमानजी को माँ का आशीर्वाद है “होहुँ तात बल शील निधाना” देखिये दोस्तों! गुण के साथ शील होना आवश्यक है और शील आयेगा भक्तिदेवी माँ सिताजी के आशीर्वाद से।
भक्ति की कृपा गुण में शील के साथ जुडी है और भक्ति श्रीहनुमानजी के आशीर्वाद से मिलेगी, अन्यथा तो गुण अभिमानी हो जाता है, हमारे गुण अभिमान लेकर आते हैं और हनुमानजी के गुण भगवान को लेकर आते हैं, गुण माने योग्यता तथा गुण रस्सी को भी कहते हैं, गुणवान अनेक प्रकार के बन्धनों में बंधे भी देखे जाते हैं, गुण अभिमान के बन्धन में हमको बाँध देते है, गुण बहुत धीरे धीरे शील के साथ आते हैं। सिमिटि सिमिटि जल हरहिं तलाबा।
जिमि सदगुन सज्जन पहिँ आवा।। गुण के साथ शील चाहिये, धर्मशील, विनयशील, दानशील “विनयशील करूणा गुण सागर जयति बचन रचना अति नागर” शील माने दयालुता, विनम्रता, सरलता, सहजता, सज्जनों! आपने प्रहलादजी की कथा सुनी होगी, प्रहलादजी ने अपने तपोबल से तीनो लोकों का राज्य अपने वशीभूत कर लिया, इन्द्र घबराकर भगवान के पास आए और इन्द्र ने कहा महाराज लगता है कि मैरा सिंहासन भी जानेवाला है।वक्योंकि प्रहलादजी ने अपने बल से तीनों लोकों पर आधिपत्य कर लिया है, मैरा राज्य मुझे कैसे मिले? युद्ध मै उनसे कर नहीं सकता, क्योंकि प्रहलादजी इतने बलवान है, भगवान् ने कहा कि प्रहलादजी भी दानशील व शीलवान है, आप ब्राह्मण का वेष बना कर जाइये और जो माँगना है उनसे माँग लीजिये, वे मना नहीं करेंगे, ब्राह्मण वेष बनाकर इन्द्र प्रहलादजी के दरबार में आये, प्रहलादजी ने अन्तदृष्टि से जान लिया कि ब्राह्मणरूप में इन्द्र है। पूछा, आओ ब्राह्मण देवता कैसे आगमन हुआ, क्या चाहते हैं, ब्राह्मण ने एक-एक करके बल, वैभव, सम्पति, ऐश्वर्य, राज्य, शक्ति जो कुछ भी उनको माँगना था माँगते चले गयें, तथास्तु – तथास्तु प्रहलादजी देते चले गये, जब सब कुछ दे दिया तो इन्द्र ने कहा कि अब मुझे आपका सत्य चाहिये तो प्रहलादजी ने सत्य भी दे दिया, शक्ति भी चाहिये शक्ति भी दे दी, अंत में कहा कि हमें आपका शील चाहिये। प्रहलादजी ने कहा कि हम आपको शील नहीं दे सकते, तो ब्राह्मण वेशधारी इन्द्र ने कहा आपने तो सब कुछ देने का वचन दिया है, तो प्रहलादजी ने मुस्कुराकर कहा कि ब्राह्मण देवता शील मांगना न तो आपके हित में है और न मैरे हित में है, पूछा कैसे? तब प्रहलादजी ने हँसते हुये कहा महाराज, मैं आपको जानता हूँ, आप तो इन्द्र हैं और ब्राह्मण वेष में आप मुझसे छल करके माँगने आये हैं। यह जानने के बावजूद भी कि आप छल करके मुझसे सब कुछ माँग रहे है, फिर भी मैं दे रहा हूँ यह मैरा शील ही तो है, अगर मैं शील भी आपको दे दूँगा तो मारपीट कर के सब कुछ आपसे वापिस छीन न लूँगा, इसलिये आपकी भलाई इसी में है कि शील छोड जाइये, सब कुछ ले जाइये, अन्यथा शील मैंने आपको दे दिया तो सब कुछ आपसे छीन लूँगा। सज्जनों, ज्ञान के साथ अगर शील है तो भगवान रहेंगे, गुण के साथ अभिमान रहेगा तो मान और अपमान के साथ हमेशा रोते रहेंगे, इसलिये हमारे ऋषियों ने शील पर बहुत कुछ कहाँ हैं, भाई-बहनों! जीवन में शील का प्रादुर्भाव होगा।