धंसी रेल पटरी, मुंगेर में बड़ा हादसा टला
बिहार और झारखंड में पिछले दो हफ्तों में पुल गिरने की कई बड़ी घटनाएं सामने आई हैं। अब बिहार में रेल पटरी धंसने का मामला भी सामने आया है। मुंगेर के जमालपुर-क्यूल रेलखंड पर हल्की बारिश के बाद महरना गांव के पास रेल पटरी धंस गई, जिससे हड़कंप मच गया। हालांकि, एक बड़ा हादसा होने से बच गया। यह घटना उस समय हुई जब मौके पर अंडरपास का काम चल रहा था और बारिश के कारण मिट्टी सरकने से रेल पटरी धंस गई।
बिहार के मुंगेर जिले में सोमवार को एक बड़ा रेल हादसा होते-होते बच गया। किउल-जमालपुर रेलखंड में महरना समपार फाटक के पास निर्माणाधीन एलएचएस (लेवल क्रॉसिंग सब-वे) पुल के करीब रेल पटरी धंसने से मेमू पैसेंजर ट्रेन दुर्घटना का शिकार होने से बच गई। अचानक तेज बारिश के कारण महरना नदी में पानी बढ़ गया और पुल के दोनों ओर की मिट्टी धंस गई। इससे अप और डाउन लाइन पर 10 फीट तक पटरियों के नीचे डेढ़ फीट गड्ढा हो गया।
बिहार के मुंगेर जिले में रेल पटरी धंसने की घटना के बाद सूचना मिलते ही बचाव दल और रेल अधिकारी तुरंत घटना स्थल पर पहुंच गए और रेल पटरी की मरम्मत का कार्य युद्ध स्तर पर शुरू कर दिया गया। इस घटना के कारण कुछ समय के लिए रेल परिचालन प्रभावित हुआ था, लेकिन अब धीरे-धीरे ट्रेनों का परिचालन शुरू कर दिया गया है।
इस घटना के बारे में जानकारी देते हुए धरहरा रेलवे स्टेशन के प्रबंधक प्रफुल्ल कुमार सिंह ने कहा कि रेलवे को एलसी गेट 20 के गेटमैन से पटरी धंसने की सूचना मिली। इसके बाद कंट्रोल रूम को तुरंत की सूचित किया गया। थोड़ी देर में एक टीम मौके पर पहुंची और पटरी की मरम्मत की गई। पटरी धंसने के कारण इस रूट पर 50 मिनट तक ट्रेनों का परिचालन प्रभावित हुआ। चरवाहे ने सूझबूझ दिखाते हुए अपना गमछा निकालकर ट्रेन को धंसी हुई पटरी से पहले ही रोक दिया। इससे बड़ा रेल हादसा होते-होते बच गया।