कांकेर आदिवासी छात्र युवा संगठन ने पखांजूर के गोंडवाना भवन में सिदो कान्हू चांद भैरव व फूलों झानो के छाया चित्र में पुष्प अर्पित कर हुल दिवस मनाया ।
सत्यार्थ न्यूज़ पुनीत मरकाम संवाददाता कांकेर (छत्तीसगढ़ ) भानुप्रतापपुर ✍️ ✍️ कांकेर (छत्तीसगढ़) पखांजूर आदिवासी छात्र युवा संगठन के अध्यक्ष राजेश नुरूटी, महामंत्री विनोद कुमेटी, गीता दुग्गा,जीत नाग रूकनी जुर्री ,सरिता महा ने कहा कि 30 जून को नई क्रांति की शुरुआत हुई थी। हजारों लोग एक सूत्र में बंधे थे और अंग्रेजों को भगाने की योजना बनाई थी।इसलिए पूरे देश मे 30 जून को हुल दिवस मनाया जाता हैं इस दिन आदिवासियों की शौर्य गाथा और बलिदान को याद किया जाता हैं जिन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी।कह ले तो हम उन 50 हजार अदम्य साहस की प्रतिमूर्ति रहे हुल वीरों को याद करते हैं जिन्होंने भूखे नंगे रह कर केवल पारंपरिक हथियारों से अंगेज और उनकी सेना को धूल चटा दी थी।
सिदो-कान्हु चांद-भैरव व फूलो-झानो इन छह भाई-बहनों ने तीर-धनुष से अंग्रेजों का मुकबला किया था। वे हमारे लिए प्रेरणा स्त्रोत हैं।
इस कार्यक्रम में निम्न लोग शामिल थे राजेश नुरूटी अध्यक्ष, विनोद कुमेटी ,गीता दुग्गा महामंत्री,कोषाध्यक्ष जीत नाग ,छोटेबेटिया सहसचिव सरिता महा,रूकनी जुर्री ,जय आँचला ,मुकेश कोरचा, आदि थे।