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बीकानेर- आयोध्या मे राम नवमी पर विशेष

न्यूज़ रिपोटर मनोज मुंधड़ा 17 अप्रैल
500 साल के बाद अपने ‘घर’ में विराजे राम, सूर्य तिलक देख मंत्रमुग्ध अयोध्या धाम
आज रामनवमी पर अयोध्या के मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के बाद विराजमान रामलला का पहला सूर्य तिलक हुआ। दोपहर 12 बजकर 01 मिनट पर वैज्ञानिकों के द्वारा बना
अयोध्या जी में आज उत्सव मनाया जा रहा है। रामनवमी के शुभ अवसर पर अयोध्या जी में रामलला का अभिजीत मुहूर्त में सूर्य तिलक किया गया। नियत समय 12 बजने के साथ ही मंदिर के कपाट बंद कर दिए गए और सूर्य तिलक हुआ। दोपहर 12 बजे अभिजीत मुहूर्त में रामलला का 3 मिनट तक सूर्य तिलक किया गया। सूर्य तिलक के साथ ही रामलला का जन्म हो गया। मंदिर में आरती की गई। सूर्य तिलक के बाद कुछ देर के लिए रामलला का पट बंद कर दिया गया। इससे पहले जगद्गुरु राघवाचार्य ने 51 कलशों से भगवान रामलला का अभिषेक किया। आज सुबह 3.30 बजे मंदिर के कपाट खुल गए, आम दिनों में यह 6.30 बजे खुलते हैं। श्रद्धालु रात 11.30 बजे तक, यानी 20 घंटे दर्शन कर सकेंगे। सूर्य तिलक के लिए अष्टधातु के 20 पाइप से 65 फीट लंबा सिस्टम बनाया गया है। इसमें 4 लेंस और 4 मिरर के जरिए गर्भ गृह तक रामलला के मस्तक तक किरणें पहुंचाई गईं।अयोध्या में रामनवमी पर दोपहर 12 बजे से रामलला का सूर्य तिलक हुआ। प्राण प्रतिष्ठा के बाद रामलला का यह पहला सूर्य तिलक है। दोपहर 12 बजे अभिजीत मुहूर्त में रामलला का सूर्य तिलक किया गया और मस्तक पर 3 मिनट तक नीली किरणें पड़ीं।
रामलला के मस्तक पर 5 मिनट तक ऐसे हुआ सूर्य तिलक
आज रामनवमी पर अयोध्या के मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के बाद विराजमान रामलला का पहला सूर्य तिलक हुआ। दोपहर 12 बजकर 01 मिनट पर वैज्ञानिकों के द्वारा बनाई तकनीक से रामलला के मस्तक पर सूर्य तिलक हुआ। जैसे ही रामलला के मस्तक पर सूर्य की पहली किरण पहुंची मंदिर का वातावरण भक्ति भाव में डूब गया। विधि-विधान के साथ भगवान राम की पूजा की गई और मंगल गीत और भजन गाया गया।

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