खंडार रिपोर्टर भगवान शर्मा जिला सवाईमाधोपुर राजस्थान
करौली: बाल विवाह मुक्त करौली अभियान को लेकर ब्लॉक स्तरीय बैठक सम्पन्न,बाल संरक्षण पर दिया जोर
करौली: बाल विवाह मुक्त करौली अभियान के दूसरे चरण के अंतर्गत आज पंचायत समिति सभागार हिंडौन सिटी में ब्लॉक स्तरीय अधिकारी, बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी, सेवाप्रदाता, धर्मगुरु, सामुदायिक लीडर्स एवं सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक आयोजित की गई। एक्शनएड यूनिसेफ जिला समन्वयक दिनेश कुमार बैरवा ने बताया कि बताया कि बैठक उपजिला मजिस्ट्रेट हेमराज गुर्जर की अध्यक्षता एवं प्रधान विनोद कुमार जाटव के सानिध्य में की गई। उपजिला मजिस्ट्रेट हेमराज गुर्जर ने बाल संरक्षण को लेकर जिला प्रशासन, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, बाल अधिकारिता विभाग एवं एक्शनएड- यूनिसेफ द्वारा बाल मैत्रीपूर्ण एवं बाल विवाह मुक्त करौली अभियान के संबंध में सभी को विस्तृत जानकारी दी।
उन्होंने बाल संरक्षण मुद्दों की शिकायत चाइल्ड हेल्पलाइन 1098, जिला स्तरीय बाल विवाह नियंत्रण कक्ष के दूरभाष नंबर 07464-251335 एवं नालसा हेल्पलाइन नंबर 15100 पर करने हेतु आमजन को प्रेरित करने पर जोर दिया। साथ ही हिंडौन सिटी में बाल संरक्षण को प्रभावी बनाने के लिए सभी अधिकारियों को आपसी समन्वय से कार्य करने के निर्देश दिए। प्रधान विनोद कुमार जाटव ने बाल विवाह के दुष्परिणामों एवं बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम के प्रावधानों से आमजन को अवगत करवाने हेतु ग्राम पंचायत स्तर पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने के लिए ग्राम विकास अधिकारियों को निर्देश प्रदान किए। एक्शनएड यूनिसेफ जिला समन्वयक दिनेश कुमार बैरवा ने बच्चे हमारे भविष्य की नींव हैं। भारत में दुनिया के लगभग 19% बच्चे रहते हैं। उनके अधिकारों की रक्षा केवल एक जिम्मेदारी नहीं, बल्कि एक बेहतर भविष्य के लिए अनिवार्यता बन जाती है। हालांकि, वैश्विक स्तर पर बच्चे कई चुनौतियों का सामना करते हैं, जिनमें से एक प्रमुख चुनौती बाल विवाह की समस्या है। भारत में बाल विवाह एक गंभीर सामाजिक समस्या होने के साथ-साथ एक अपराध भी है। एक प्रमुख वैश्विक एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया के एक तिहाई बाल दुल्हन भारत में हैं, जिससे यह बचपन में विवाह करने वाली महिलाओं और लड़कियों की सबसे अधिक संख्या वाला देश बन जाता है। बाल विवाह बच्चों के स्वास्थ्य और भलाई पर गंभीर प्रभाव डालता है। बाल विवाह की समस्या की गंभीरता को स्वीकार करते हुए, सुप्रीम कोर्ट ने इस मुद्दे पर अपने फैसले में विचार किया है। हाल ही में, “सोसायटी ऑफ एनलाइटनमेंट एंड वॉलंटरी एक्शन बनाम भारत संघ (2024 INSC 790)” मामले में, सुप्रीम कोर्ट ने बाल विवाह को रोकने, पीड़ितों के पुनर्वास और उन्हें समाज में पुनः स्थापित करने के लिए व्यापक दिशानिर्देश जारी किए हैं। जिसके तहत राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण ने नालसा आशा (अवेयरनेस, सपोर्ट, हेल्प एंड एक्शन) मानक संचालन प्रक्रिया-2025″ तैयार किया। यह मानक संचालन प्रक्रिया बाल विवाह की समस्या से निपटने के लिए एक संस्थागत ढांचा तैयार करने का लक्ष्य रखता है। जिसके तहत ग्राम स्तर तक बाल विवाह की रोकथाम हेतु कार्य किया जायेगा। बाल विवाह मुक्त करौली अभियान का उद्देश्य बाल विवाह की रोकथाम एवं आमजन को बाल विवाह के दुष्परिणामों के साथ बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम के प्रावधानों के साथ बाल अधिकारों के संबंध में जागरूक करने एवं बाल मैत्रीपूर्ण करौली अभियान के अंतर्गत बालश्रम, भिक्षावृति, बाल तस्करी, बाल शोषण की रोकथाम एवं शिक्षा/विद्यालय से वंचित बालको को शिक्षा से जोड़ना पात्र एवं वंचित बच्चों एवं उनके परिवार को जन कल्याणकारी योजनाओं से जोड़कर समाज की मुख्य धारा में लाकर बाल संरक्षण को प्रभावी बनाना है। जिला युवा अधिकारी शरद त्रिपाठी ने कहा कि जिलें में बाल संरक्षण की जिम्मेदारी हम सबकी है बाल संरक्षण के मुद्दों के प्रति हम सबको गम्भीर होकर कार्य करने की जरूरत है इस दौरान उन्होंने माई भारत पोर्टल पंचायत स्तर पर युवा मंडलों का गठन करने एवं लर्निंग प्रोग्राम के बारें में भी बताया। भीकमसिंह प्रभारी चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 ने चाइल्ड हेल्पलाइन के कार्यो पर प्रकाश डालते हुए बाल संरक्षण मुद्दों से संबंधित किसी भी प्रकार की शिकायत चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 पर करने की बात कही। हेमराज माली सचिव सहयोग सेवा संस्थान ने कहा कि हमें बच्चों को समय देना चाहिए उनके साथ दोस्ती करनी चाहिए बच्चों को अच्छा स्पर्श बुरा स्पर्श की जानकारी देने के साथ मोबाइल फोन के दुरुपयोग के बारें में बताया। बाल कल्याण समिति सदस्य फरीदा शाह ने आखातीज (अक्षय तृतीया), पीपल पूर्णिमा, अबूझ सावों एवं सामाजिक स्तर पर आयोजित सामूहिक विवाह सम्मेलनों में बाल विवाह की रोकथाम करने एवं अभियान के अनुसार निर्धारित जन जागरूकता कार्यक्रमों का सफल क्रियान्वयन करने के बारें में बताया। विकास अधिकारी लाखन सिंह ने बाल मैत्रीपूर्ण करौली अभियान के संबंध में विस्तृत जानकारी देते हुए बालश्रम, भिक्षावृति, बाल तस्करी एवं शोषण की रोकथाम के लिए सभी से अपील करते हुए आमजन को जागरूक करने एवं ग्राम स्तरीय बाल संरक्षण समितियों का गठन करने के निर्देश दिए। प्रचेता रेखा गुप्ता ने बाल विवाह एवं बाल मैत्रीपूर्ण करौली अभियान के अंतर्गत महिला अधिकारिता विभाग द्वारा की जारही विशेष जाजम बैठक की जानकारी देते हुए कार्यक्रम अनुरूप बाल संरक्षण हेतु कार्य करने की बात कही।