अब पालतू जानवरों को भी मिलेंगी सरकारी वैक्सीन और दवाएं; जिला परिषद के बजट में प्रावधान; पशुपालकों को मिलेगी राहत; जिला परिषद सीईओ तृप्ति धोडामिसे
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Sudhir
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रिपोर्टर प्रवीण सिंह राजपूत
मिरज तहसील से
हमारे संवाददाता से बात करते हुए जिला परिषद की मुख्य कार्यकारी अधिकारी तृप्ति धोडामिस ने बताया कि अब ग्रामीण क्षेत्रों के पशु चिकित्सालयों में पालतू जानवरों के लिए टीके और दवाइयां उपलब्ध कराई जाएंगी। उन्होंने कहा कि इस वर्ष के बजट में इसके लिए 10 लाख रुपये का विशेष प्रावधान किया गया है, जिससे पालतू पशु मालिकों को काफी राहत मिलेगी। जिले में लगभग 100 जिला परिषद क्लीनिक हैं और ये क्लीनिक वर्तमान में गायों, भैंसों, बकरियों और बछड़ों को पशु चिकित्सा सेवाएं प्रदान करते हैं। अब इन पशुओं के लिए आवश्यक दवाइयां अस्पताल में ही उपलब्ध करा दी जाएंगी। साथ ही, इन अस्पतालों में कुत्ते और बिल्लियों जैसे पालतू जानवरों का भी इलाज किया जाता है, लेकिन कुछ दवाएं बाहर की दुकानों से खरीदनी पड़ती हैं, जिससे पालतू जानवरों को काफी परेशानी होती है। अब ये दवाएं सरकारी अस्पतालों में उपलब्ध होंगी, जिससे पशुपालकों को बड़ी राहत मिलेगी। इस संबंध में जिला पशुपालन पदाधिकारी कृष्ण माली ने बताया कि अगले दो-तीन माह में जिले के सभी जिला परिषद अस्पतालों में कुत्तों व बिल्लियों के लिए टीके उपलब्ध करा दिए जाएंगे। जब हमारे प्रतिनिधियों ने इस बारे में मालगांव के पशु चिकित्सा विशेषज्ञ डॉ. संदीप आवटी से बात की तो उन्होंने कहा कि यह निर्णय निश्चित रूप से स्वागत योग्य है। वर्तमान में ग्रामीण क्षेत्रों में पाले जाने वाले कुत्तों और बिल्लियों की संख्या बढ़ गई है, साथ ही उनकी दवाओं की लागत भी बढ़ गई है। ग्रामीण क्षेत्रों में चोरों की संख्या बढ़ने के कारण खेतों और घरों में पाले जाने वाले कुत्तों की संख्या में वृद्धि हुई है, लेकिन कुछ परिवार उनके इलाज का खर्च वहन नहीं कर सकते। अब अगर ये टीके और दवाइयां सरकारी अस्पतालों में उपलब्ध हों तो अच्छी बात होगी।