नगर निगम क्षेत्र के गरीब व जरूरतमंद मरीजों के लिए वरदान बने महात्मा बसवेश्वर सेंट्रल डायग्नोस्टिक सेंटर को राष्ट्रीय प्रतिष्ठा माने जाने वाले स्कॉच अवार्ड कि घोषणा कि गई है। हाल हि मे नगर निगम को इस पुरस्कार संबंधी मेल प्राप्त हुवा है । सांगली, मिरज और कुपवाड शहर नगर निगम यह पुरस्कार जीतने वाली सांगली जिले की दूसरी सरकारी संस्था बन गई हैं। इससे पहिले सांगली जिला परिषद को यह पुरस्कार मिला था कमिश्नर शुभम गुप्ता (IAS) के मार्गदर्शन मे चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. वैभव पाटिल के नियंत्रण में इस डायग्नोस्टिक सेंटर का काम काका हलवाई देखते हैं।आज तक इस सेंट्रल डायग्नोस्टिक सेंटर से पचास हजार से अधिक मरीज लाभान्वित हो चुके हैं और यहां विभिन्न प्रकार की जांचें बहुत ही कम दरों पर की जाती हैं। इस सेंटर से नगर निगम को करोड़ों रुपये की आय भी हुई है । हालांकि मरीजों की देखभाल को केंद्र में रखते हुए नगर निगम ने इस आधुनिक सेंट्रल डायग्नोस्टिक सेंटर का निर्माण कराया है । पुराने बिल्डिंग की मरम्मत कर इस भवन का निर्माण करके नगर निगम ने सरकार के करोड़ों रुपये की बचत की है । अत्याधुनिक टेस्टिंग मशिन्स और तकनीशियनों और विशेषज्ञ चिकित्सा अधिकारियों की देखरेख में सेंट्रल डायग्नोस्टिक सेंटर में कई परीक्षण सफलतापूर्वक किए गए हैं। जैसे-जैसे परीक्षण सटीक हो रहे हैं, मरीजों की संख्या धीरे-धीरे बढ़ रही है। हमारे प्रतिनिधियों से बात करते हुए चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. वैभव पाटिल ने यह भावना व्यक्त की कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा स्कॉच पुरस्कार के लिए आवश्यक सभी मानदंडों को पूरा करने और प्रशासन में उचित समन्वय के कारण हम इस पुरस्कार तक पहुंचने में सक्षम हुए। उन्होंने कहा, कमिश्नर शुभम गुप्ता के मार्गदर्शन में स्वास्थ्य विभाग आधुनिकता की ओर बढ़ रहा है। उनकी आधुनिक अवधारणा अनुशासन और अधिकारियों व कर्मचारियों के साथ उचित समन्वय के कारण ही हम आज यह फोकस हासिल कर पाए हैं। आगे भी हम इसी तरह अच्छा प्रदर्शन करेंगे. इस केन्द्र के संचालक काका हलवाई ने बताया कि यह पुरस्कार मेरी सेवानिवृत्ति के अंतिम चरण में मात्र चार माह का है। यह पुरस्कार मीलना मतलब कि मेरी सेवा सार्थक रही है। यह आयुक्त शुभम गुप्ता और चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. वैभव पाटिल द्वारा हम पर दिखाए गए विश्वास का परिणाम है। कुचंही दिनो मे एक बडे कार्यक्रम मे पुरस्कार का वितरण होगा ।