• लार्ड विश्वेश्वर के 1991 के मामले में हरिहर पांडेय के बेटों को पक्षकार बनाने पर कोर्ट में हुई सुनवाई, 25 अक्टूबर को होगी अगली सुनवाई।
वाराणसी : विशेष न्यायाधीश (आवश्यक वस्तु अधिनियम) की अदालत में गुरुवार को प्राचीन लार्ड विश्वेश्वर के 1991 के मामले में हरिहर पांडेय (पूर्व पक्षकार) के निधन के बाद उनके बेटों को पक्षकार बनाने की निगरानी अर्जी पर सुनवाई हुई। इस मामले में हरिहर पांडेय के बेटे के प्रतिनिधित्व में अधिवक्ता आशीष कुमार श्रीवास्तव नें बहस की, जो अभी जारी है। अगली सुनवाई 25 अक्टूबर को निर्धारित की गई है।
हाल ही में, हरिहर पांडेय के बेटों ने सीनियर डिवीजन फास्ट ट्रैक अदालत के पिछले आदेश को चुनौती देते हुए सत्र न्यायालय में निगरानी अर्जी दायर की थी। निगरानी कर्ता नें आरोप लगाया कि लोअर कोर्ट ने सुनवाई के दौरान उचित विचार नहीं किया और अर्जी को खारिज कर दिया। इस मामले में कानून के अनुसार कोई आदेश नहीं दिया गया था।
हरिहर पांडेय के निधन के बाद उनके दोनों बेटों, प्रणय पांडेय और करण शंकर पांडेय को वारिस के रूप में इस मुकदमे में पक्षकार बनाने का अधिकार है। निगरानी कर्ता ने पिता की जगह बेटों को पक्षकार बनाने की मांग की है। पिछली सुनवाई में वादमित्र विजय शंकर रस्तोगी ने अपनी बहस पूरी की, जिसके बाद निगरानी कर्ता की ओर से जवाबी दलीलें प्रस्तुत की जा रही हैं। यह मामला हरिहर पांडेय के अधिकारों से संबंधित है, जो उनकी मृत्यु के बाद उनके बेटों को हस्तांतरित हो गए हैं।