राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने विजयदशमी उत्सव एवं पथ संचलन का किया कार्यक्रम
पलवल-13 अक्टूबर
कृष्ण कुमार छाबड़ा
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने विजयदशमी उत्सव एवं पथ संचलन का कार्यक्रम माननीय संघ चालक के0 पी0 सिंह जी की अध्यक्षता में किया गया। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता श्रीमान श्याम सुंदर प्रांत मेवात गतिविधि संयोजक, हरियाणा व मुख्य अतिथि डॉ विजय सहरावत, सहरावत हॉस्पिटल पलवल रहे। कार्यक्रम की शुरुआत शस्त्र पूजन करके की गई उसके बाद मुख्य अतिथि डॉ विजय सेहरावत ने अपने वक्तव्य में बताया कि संघ ने व्यक्ति निर्माण के लिए बहुत सारे प्रकल्प चला रखे हैं और उन सभी प्रकल्पो में एक सच्चे, अच्छे राष्ट्र भक्त व्यक्ति का निर्माण किया जाता है और वह व्यक्ति समाज में जाकर के राष्ट्र निर्माण में अपनी भागीदारी निभाता हैं संघ अपने 99 साल पूर्ण करके 100 वें साल में प्रवेश कर रहा है आज के दिन डॉक्टर केशव राव हेडगेवार जी ने अपने मन में राष्ट्र निर्माण और हिंदू समाज के कल्याण के लिए नागपुर में 1925 में संघ की स्थापना की थी संघ ने राष्ट्र निर्माण में अपनी भागीदारी निभाई है चाहे देश में प्राकृतिक आपदा आई हो, 1962 भारत चीन का युद्ध हो उसमें भारतीय सीमा पर खाना व युद्ध सामग्री ले जाना,
इससे खुश होकर के हमारे तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने पहली बार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को 1963 की गणतंत्र दिवस की परेड में शामिल किया। कारगिल युद्ध हो, कोरोना काल हो हमारे स्वयंसेवकों ने हर परिस्थिति में देश के साथ दिया है संघ के स्वयंसेवक हर क्षेत्र में कार्य करते हैं जैसे भारतीय मजदूर संघ, विश्व हिंदू परिषद, भारत विकास परिषद, विद्यार्थी परिषद, भारतीय जनता पार्टी और स्वयंसेवक को जो भी काम दिया जाता है उसे हर परिस्थिति में उसे पूरा करता है और आज संघ विश्व का सबसे बड़ा गैर राजनीतिक संगठन है उसके बाद मुख्य वक्ता श्री श्याम सुंदर जी ने अपना वक्तव्य रखा और उन्होंने भारत माता की जय घोष बोलते हुए बताया कि हिंदू समाज को संगठित नहीं किया जा सकता लेकिन श्री केशव राव हेडगेवार जी के विचार ने सिद्ध कर दिया कि हिंदुओं को एक किया जा सकता है क्योंकि उन्होंने संघ के हर एक स्वयंसेवक को यही सिखाया है कि देश के लिए जीना सीखें क्योंकि देश के भाग्य में ही हमारा भाग्य है और कलयुग में संघ की शक्ति ही सबसे बड़ी शक्ति है। भला हो जिसमे देश का काम वो किए चलो संघ का हर कार्य करता राष्ट्र निर्माण में अपनी पूर्ण आहुति देता है उसके बाद पथ संचलन ब्राह्मण धर्मशाला से होकर बस स्टैंड चौक, बस स्टैंड चौक से अलावलपुर चौक होते हुए कमेटी चौक, कमेटी चौक होते हुए मुख्य बाजार से निकलकर मीनार गेट पहुंची और उसके बाद मीनार गेट से ब्राह्मण धर्मशाला में जाकर समापन हुआ।