धान की पराली में आगजनी करने वाले किसानों पर की जा रही कार्रवाई
पलवल-13 अक्तूबर
कृष्ण कुमार छाबड़ा
जिला उपायुक्त डॉ. हरीश कुमार वशिष्ठ द्वारा जिला में फसल अवशेष प्रबंधन स्कीम के तहत धान की पराली में आगजनी न करने बारे भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163 लागू की हुई है। इसके अनुसार जो भी अपने खेत में धान के बचे हुए अवशेषों/पराली में आगजनी करता पाया जाता है तो उसके विरूद्ध भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा 188 के तहत कार्यवाही अमल में लाई जाएगी।
इसके अलावा उपायुक्त ने फसल अवशेष प्रबंधन स्कीम के तहत नियुक्त की गई ग्राम स्तरीय नोडल अधिकारी, खंड स्तरीय निगरानी टीम तथा उप मंडल स्तरीय निगरानी टीम के अधिकारियों/कर्मचारियों को निर्देश दिए हैं कि वे अपने-अपने कार्यक्षेत्र में हर समय फील्ड में तैनात रहे। जिन किसानों द्वारा आगजनी की जा रही है उनके विरूद्ध एनजीटी के दिशा – निर्देशानुसार कार्यवाही अमल में लाई जाए। वहीं विभाग की टीमों द्वारा किसानों को पराली में आग लगाने से होने वाले नुकसान के बारे में जानकारी दी जा रही है और पराली में आग न लगाने को लेकर जागरूक किया जा रहा है। इस संबंध में उपायुक्त ने किसानों से आह्वान किया है कि वे धान की पराली में आग न लगाएं, क्योंकि इससे न केवल वातावरण प्रदूषित होता है, बल्कि भूमि में उपस्थित मित्र कीट व अन्य लाभदायक जीवाणु नष्ट हो जाते हैं जो कि भूमि की उर्वरा शक्ति बढ़ाने में सहायक होते हैं।
जिला उपायुक्त ने जानकारी देते हुए बताया कि हरसेक द्वारा भेजी गई लोकेशन के आधार पर अब तक 13 किसानों के खिलाफ पराली में आग लगाने को लेकर 37500 रुपए जुर्माना लगाया गया है। इसके अलावा उन्होंने पराली न जलाने को लेकर नियुक्त की गई टीमों के अधिकारियों और कर्मचारियों को सख्त निर्देश दे रखे हैं कि वे अपने-अपने क्षेत्र में पूरी तरह से निगरानी रखें और खेतों में फसलों के अवशेष और पराली में आगजनी की घटनाएं न होने दें। वहीं टीमों द्वारा किसानों को पराली न जलाने को लेकर जागरूक किया जा रहा है। जिसके सकारात्मक परिणाम भी देखने को मिल रहे हैं। किसान कृषि यंत्रों द्वारा पराली का उचित प्रबंधन करके उसे खेत में ही मिला रहे हैं। इसके अलावा टीमों द्वारा भी खेतों में निगरानी रखी जा रही है ताकि कोई किसान पराली में आगजनी न कर पाए।