रिपोर्टर रावेंद्र केसरवानी रोहन प्रयागराज उत्तर प्रदेश राम लीला के तीसरे दिन मुनि आगमन और ताड़का वध का मंचन किया गया( जारी प्रयागराज) जारी के गड़ैया कला में रामलीला मैदान में तीसरे दिन मुनि आगमन और ताड़का वध का मंचन किया गया। महर्षि विश्वामित्र राजा दशरथ से यज्ञ की रक्षा के लिए राम और लक्ष्मण को मांगने उनके महल पहुंचे। महर्षि ने राजा दशरथ से कहा कि राजन ताड़का नाम की राक्षसी से पूरा समाज भयभीत है। यज्ञ की रक्षा के लिए राम और लक्ष्मण को लेने आया हूं। यह सुनते ही राजा दशरथ ने कहा-मुनिवर मेरे राम व लक्ष्मण बहुत कोमल व सुकुमार हैं, भला ताड़का जैसी राक्षसी का कैसे वध करेंगे? ऋषिवर मैं स्वयं आपके यज्ञ की रक्षा के लिए चलूंगा, लेकिन राम व लक्ष्मण को नहीं जाने दूंगा।
राजा दशरथ की बात सुन महर्षि विश्वामित्र क्रोधित हो गए और बोले कि मैं तुम्हारी अयोध्या को भस्म कर दूंगा। उसी समय वशिष्ठ मुनि आते हैं और विश्वामित्र को शांत कराते हुए राजा दशरथ को समझाते हैं कि राम लोक कल्याण के लिए अवतरित हुए हैं। इसलिए उनको महर्षि विश्वामित्र के साथ जाने दीजिए। राजा दशरथ राम व लक्ष्मण को विश्वामित्र के साथ विदा करते हैं। भगवान राम रास्ते में ही ताड़का नाम की राक्षसी का वध करते हैं। ताड़का का वध करते ही रामलीला मैदान जय श्रीराम के नारे से गूंज उठा।