हरियाणा में कांग्रेस को 45-54 सीटें, BJP 19-28 पर सिमटेगी : 10 साल बाद कांग्रेस सरकार के आसार*
सत्यार्थ न्यूज़ रिपोर्टिंग टीम
पलवल-05 अक्टूबर
कृष्ण कुमार छाबड़ा
हरियाणा में विधानसभा चुनाव की वोटिंग खत्म हो चुकी है। 8 अक्टूबर को पता चलेगा कि BJP यहां जीत की हैट्रिक पूरी करेगी या 10 साल बाद कांग्रेस की सत्ता में वापसी होगी।
हरियाणा में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनेगी और वह अपने बलबूते सरकार भी बना सकती है। लगातार दो बार से सरकार बना रही BJP बहुमत के लिए जरूरी 46 सीटों के आंकड़े से दूर दिख रही है। पार्टी दूसरे नंबर पर रह सकती है। हालांकि एक्सपर्ट्स का मानना है कि 18 सीटें ऐसी हैं, जहां दोनों के बीच कड़ा मुकाबला है।
BJP-कांग्रेस के अलावा बाकी पार्टियों में इनेलो-बसपा गठबंधन, जजपा-असपा गठबंधन, आम आदमी पार्टी कोई उलटफेर करते नजर नहीं आ रहे।
4 पॉइंट्स में समझिए हरियाणा की हवा का रुख
कांग्रेस को 44 से 54 सीटें मिल सकती हैं। जाटलैंड और बांगर बेल्ट में कांग्रेस मजबूत दिख रही है। सीटों की संख्या के लिहाज से राज्य के 2 सबसे बड़े इलाकों बांगर बेल्ट और जीटी रोड एरिया में भी पार्टी 2019 के मुकाबले अच्छा प्रदर्शन कर सकती है।
BJP को 19 से 29 सीटें मिल सकती हैं। पार्टी को सबसे ज्यादा सीटें जीटी रोड बेल्ट और साउथ हरियाणा से मिल सकती हैं। जाटलैंड वाले बांगर और देसवाल बेल्ट में BJP पिछड़ती नजर आ रही है
हरियाणा में तीसरे नंबर पर इनेलो-बसपा गठबंधन रह सकता है। इसे 1 से 5 सीटें मिल सकती हैं।
निर्दलीय कैंडिडेट 4 से 9 सीटों पर जीत सकते हैं। पूर्व डिप्टी CM दुष्यंत चौटाला की पार्टी जजपा और आम आदमी पार्टी मुकाबले में नहीं हैं। इन्हें 1 से 2 सीटें मिल सकती हैं।
एक्सपर्ट्स मानते हैं कि चुनाव की शुरुआत से ही माहौल कांग्रेस के पक्ष में रहा है। एंटी इनकम्बेंसी, किसानों, युवाओं की नाराजगी और पहलवानों के आंदोलन की वजह से BJP पिछड़ती नजर आई। बड़े नेताओं की बड़ी रैलियों के बाद थोड़ा मोमेंटम बना, लेकिन कम समय होने की वजह से उसका फायदा नहीं मिल पाया।
हांलांकि ये केवल एग्जिट पोल हैं… इसका रिजल्ट से कोई लेना-देना नहीं है।
कई बार एग्जिट पोल और चुनावी नतीजे में बड़े अंतर देखने को मिल जाता है।