रिपोर्टर प्रवीण सिंह राजपूत
मिरज तहसील से
बिजली क्षेत्र में निजीकरण और पेंशन समेत विभिन्न मांगों को लेकर 25 और 26 सितंबर को तीनों कंपनियों महावितरण, महाविद्युत पारेषण और महानिर्मिति के कर्मचारी 48 घंटे की हड़ताल पर रहेंगे.। उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़नवीस ने पिछली बैठक में हमारे संगठनों को आश्वासन दिया था कि बिजली वितरण लाइसेंस और बिजली कंपनियों के निजीकरण पर फिलहाल कोई विचार नहीं है, लेकिन उन्होंने अपनी बात नहीं रखी और निजीकरण जारी है। वर्तमान में भले ही राज्य में 16 पनबिजली उत्पादन स्टेशन बहुत कम लागत पर बिजली पैदा कर रहे हैं, लेकिन यहां के सेटों के आधुनिकीकरण और नवीनीकरण के नाम पर इन स्टेशनों को निजी कंपनियों को दिया जाने वाला है। महापारेशान कंपनी ने निर्माण, रखरखाव और मरम्मत के लिए दो सौ करोड़ से अधिक लागत की परियोजनाएं निजी उद्यमियों को देने का फैसला किया है। इस निजीकरण का इंजीनियरिंग स्टाफ और प्रबंधन वर्ग कड़ा विरोध कर रहा है। एक मांग यह भी है कि राज्य सरकार तीनों बिजली कंपनियों के कर्मचारियों के लिए सरकारी कर्मचारियों की तरह संशोधित पेंशन योजना लागू करे. तीनों कंपनियों ने इन कंपनियों में बड़ी संख्या में रिक्तियों को तत्काल भरने और कई अन्य मांगों को लेकर 48 घंटे की हड़ताल बुलाई है, जिससे ग्राहक सेवा प्रभावित होने की संभावना है।