सिरोही जिले की *जन चेतना संस्थान* ने बलात्कार और यौन शोषण पीड़ितों को शीघ्र न्याय दिलाने के लिए राज्य सरकार से *नई विशेष त्वरित अदालतों* के गठन की मांग की है
। इस अपील का आधार इंडिया चाइल्ड प्रोटेक्शन की एक शोध रिपोर्ट है, जो यह दर्शाती है कि *फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट्स (FTSC)* बलात्कार और पॉक्सो मामलों के शीघ्र निपटारे में बेहद प्रभावी रही हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, *फास्ट ट्रैक अदालतों* की सहायता से 2022 में इन मामलों की निपटान दर 83% थी, जो 2023 में 94% हो गई। हालांकि, देशभर में बलात्कार और पॉक्सो के 2,02,175 लंबित मामलों का निपटारा अभी भी शेष है। रिपोर्ट के अनुसार, अगर *1000 नई विशेष अदालतों* का गठन नहीं हुआ तो लंबित मामलों का निपटारा वर्षों तक लटक सकता है।
इसके समाधान के रूप में, जन चेतना संस्थान ने राज्य सरकार से अपील की है कि वह निर्भया फंड की अप्रयुक्त राशि का उपयोग करते हुए नई अदालतों का गठन सुनिश्चित करे।