जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने जिला पलवल, होडल व हथीन की अदालतों में किया राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन
-कुल 11 हजार 414 केसों में से 8 हजार 482 केसों का किया मौके पर ही निपटान-
पलवल-15 सितंबर
कृष्ण कुमार छाबड़ा
जिला की अदालतों में शनिवार को राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशानुसार हरियाणा विधिक सेवा प्राधिकरण के मार्गदर्शन में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन जिला पलवल में किया गया। जिला एवं सत्र न्यायाधीश एवं जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण के चेयरमैन पुनीश जिंदिया के मार्गदर्शन तथा मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एवं प्राधिकरण की सचिव मेनका सिंह के नेतृत्व में राष्ट्रीय लोक अदालत में केसों का निपटारा करने के लिए जिला अदालत पलवल, होडल तथा हथीन की अदालतों में राष्ट्रीय लोक अदालतें लगाई गई। इन लोक अदालतों में कुल 11 हजार 414 केसों में से 8 हजार 482 केसों का निपटारा किया गया।
जिला एवं सत्र न्यायाधीश पुनीश जिंदिया तथा मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट मेनका सिंह के नेतृत्व में राष्ट्रीय लोक अदालत के लिए जिला न्यायिक परिसर पलवल में सभी विचाराधीन मामलों के निपटारे के लिए अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सूर्य चंद्रकांत, प्रधान न्यायाधीश पारिवारिक न्यायालय कुमुद गुगनानी, अतिरिक्त मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी प्रतीक जैन, मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी मानसी धीमान, प्रधान न्यायाधीश बाल न्याय समिति सीमा एवं न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी साक्षी सैनी की न्यायिक पीठों का गठन जिला पलवल में किया गया।
इसी प्रकार होडल न्यायिक परिसर में उपमंडल न्यायिक मजिस्ट्रेट एवं चेयरमैन उपमंडल विधिक सेवा समिति छवि गोयल की न्यायिक पीठ को राष्ट्रीय लोक अदालत के लिए बैठाया गया। इसी क्रम में हथीन न्यायिक परिसर में उपमंडल न्यायिक मजिस्ट्रेट एवं चेयरमैन उपमंडल विधिक सेवा समिति हथीन विनय काक्रान की न्यायिक पीठ को राष्ट्रीय लोक अदालत में विचाराधीन मामलों में सुलह करवाने के लिए बैठाया गया।
इन सभी न्यायिक पीठों में प्राधिकरण के पैनल अधिवक्तागण फुलवास डागर, हंसराज, मधु, महिपाल बघेल, महेशचंद शर्मा, कृष्णा शर्मा, संदीप अग्रवाल और राकेश गुप्ता भी को भी बतौर सदस्य पीठ में शामिल किया गया। प्राधिकरण के अधिवक्ता (डिफेंस काउंसिल) नवीन रावत, जगत सिंह रावत, संदीप गुप्ता, अमित कुमार ने भी लोक अदालत में बतौर रिमांड काउंसिल सहयोग किया।
मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी मेनका सिंह ने राष्ट्रीय लोक अदालत के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि इस राष्ट्रीय लोक अदालत में पहली बार साइबर क्राइम के मामलों को भी रखा गया था। इन मामलों में पीडि़त लोगों का लाखों करोड़ों रुपया फंसा हुआ है और लोक अदालत में इस प्रकार के मामलों को रखें जाने से पीडि़त लोगों को काफी राहत मिलेगी। इसके अतिरिक्त वाहन दुर्घटना मुआवजा, बैंक वसूली, राजीनामा योग्य फौजदारी मामले, बिजली एवं पानी के बिल संबंधी मामले, श्रम विवाद, सभी प्रकार के पारिवारिक विवाद, चैक बांउस, राजस्व आदि मामलों को भी निपटाने का हरसंभव प्रयास लोक अदालत के माध्यम से किया गया। इस राष्ट्रीय लोक अदालत में इन विवादों के निपटारे के लिए सुलह एवं समझौते के आधार पर निपटारे के प्रयास किए गए, जिसके चलते राष्ट्रीय लोक अदालतों में पारिवारिक 16 मामलों में 7 मामलों का सहमति से निपटाया गया। फौजदारी के 130 मामलों में से 47 मामलों का निपटारा हुआ। चैक बाउंस के 107 केसों में से 33 मामले आपसी सहमति से निपटाए गए। वाहन दुर्घटना के 163 मामलों में से 41 मामलों को निपटाया गया। बैंक वसूली के 556 में से 520 मामले निपटाए गए। अन्य 8 हजार 857 केसो में से 6 हजार 640 मामले निपटाए गए तथा दीवानी मामलों में 496 केसों में से 152 मामले निपटाए गए। इस राष्ट्रीय लोक अदालत में मोटर व्हीकल एक्ट और बिजली चोरी के मामलों की भी सुनवाई की गई।