डोल ग्यारस पर छ: मंदिरों की डोल निकली, अखाड़ों के पहलवानों ने बताए हैरतअंगेज करतब, आरती के बाद बालम ककड़ी की महाप्रसाद का वितरण किया
रिपोर्टिंग-सुनील माहेश्वरी रिंगनोद धार से
रिंगनोद/ नगर में डोल ग्यारस का पर्व परंपरागत भक्ति भाव के साथ मनाया गया। इस अवसर पर नगर के अति प्राचीन राजपूत समाज सरकारी श्री राम मंदिर, चार समाज श्री बड़ा राम मंदिर, सुथार समाज श्री विश्वकर्मा चारभुजा मंदिर, सीरवी समाज श्री योगमाया मंदिर, राठौर समाज श्री राम मंदिर, रविदास समाज श्री राम मंदिर की डोल सुबह से सज धज कर तैयार हो गई थी। जो ठीक 1:00 बजे सभी डोल पुजारी वर्ग भगवान कृष्ण की प्रतिमा को डोल में विराजमान कर रामदेव परिसर में इकठ्ठे हुए। जहां ग्रामीणों ने भजन कीर्तन कर सामूहिक नृत्य किया, तो अखाड़ा दलों ने तेरे हैरत अगेज करतब दिखाएं। ठीक 3:00 बजे सभी डोलो का चल समारोह बैंड बाजा एवम अखाड़े के साथ क्रमशः बस स्टैंड, सदर बाजार, तिजोरी गली, फिर सीरवी मोहल्ला में होते हुए सभी डोल योगमाया परिसर पहुंचे।
चल समारोह में ग्रामीणों ने जगह जगह पूजन पाठ किया, डोलो के आगे अखाड़ा दाल मोतीलाल नेहरू व्यायाम शाला, बजरंग दल अखाड़ा के उस्ताद व शिष्यों ने प्रत्येक चौराहों पर हैरत अंगेज करतब दिखाएं। बस स्टेंड पर विभिन्न सामाजिक, धार्मिक, राजनीतिक संगठनों एवम प्रेस क्लब द्वारा भगवान का पूजन कर अखाड़ों के उस्तादों का शाल श्रीफल साफा बांधकर पुरस्कृत किया। डोल का समापन योगमाया चौक में हुआ जहां जल आरती कर प्रसाद बाटी गई। ज्ञात है कि इस पर्व पर ग्रामीणों द्वारा नई फसल बालम ककड़ी चढ़ाने का महत्व है। किंतु क्षेत्र में भारी वर्षा के कारण ककड़ी की फसल खराब हो गई, जिसके चलते ग्रामीण ने केले प्रसाद के रूप में चढ़ाए।
प्रतिवर्ष 5 क्विंटल से अधिक बालम लकड़ी प्रसाद के रूप में चढ़ाई जाती है, जो आरती के बाद विशेष रूप से प्रसाद मेंं बाटी जाती है। किंतु इस बार श्रद्धालु ककड़ी की प्रसाद से वंचित रहे, वहीं पुलिस विभाग के सहायक उप निरीक्षक टीएस जमरा, दशरथ सिंह चौहान दलबल के साथ चल समारोह में मुस्तैदी से डटे रहे।