• पहले राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस के अवसर पर सिठमरा विद्यालय के बच्चों ने बनाए आकर्षक चित्र और मॉडल।
रूरा कानपुर देहात। सिठमरा गांव के जूनियर एवं प्राथमिक विद्यालयों में पहला अंतरिक्ष दिवस धूमधाम से मनाया गया ।जिसमें प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक अरविंद राजपूत और जूनियर विद्यालय सिठमरा के प्रधानाध्यापक शनेन्द्र सिंह तोमर साथ परिहारन पुरवा की प्रभारी प्रधानाध्यापक सरला और बाजपेई पुरवा के प्रभारी प्रधानाध्यापक योगेन्द्र सिंह ने बच्चों में कलर पोस्टर बांटकर बच्चों की कलात्मक और चिंतन शैली का विकास किया। जिसमें नन्हे मुन्ने बच्चों ने कोमल हाथों से आकर्षक माडल व चित्र बनाए।
जूनियर विद्यालय सिठमरा के प्रधानाध्यापक शनेन्द्र सिंह तोमर ने बच्चों को बताया कि 23 अगस्त को राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस घोषित किया गया है भारत का पहला राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस आज मनाया जा रहा है। लैंडिंग साइड का नाम शिव शक्ति पॉइंट रखा गया है । उपग्रह आर्यभट्ट जो भारत का पहला उपग्रह था 19 अप्रैल 1975 को लांच किया गया था । भारत में कुल 116 उपग्रह लांच किए हैं।
इस अवसर पर राज्य अध्यापक अवार्डी नवीन कुमार दीक्षित ने बताया कि पृथ्वी की सतह से लगभग 3600 किलोमीटर दूर एक मौसम उपग्रह को एक परिक्रमा पूरी करने में 23 घंटे 56 मिनट 4 सेकंड लगते हैं । उपग्रह पृथ्वी के जितना निकट होगा कक्षीय वेग उतना ही तेज होगा । जीपीएस उपग्रह 20 200 किलोमीटर की ऊंचाई पर मध्यम पृथ्वी कक्षा में उड़ते हैं। शिक्षक मायादेवी ने बताया कि भारत के अनेक सेटेलाइट स्पेस में है । शिक्षक गुंजन पांडे ने बताया कि डॉ विक्रम ए साराभाई को भारत में अंतरिक्ष कार्यक्रमों का जनक माना जाता है । अनुदेशक प्रियंका ने बच्चों की चित्रकला एवं मॉडल प्रदर्शनी आयोजित कराई।