रिपोर्टर रजनीश पाण्डेय सूरत गुजरात सत्यार्थ न्यूज़
‘सूरत नगर निगम कार्यालय वक्फ संपत्ति नहीं’, ट्रिब्यूनल ने खारिज किया वक्फ बोर्ड का दावा
गुजरात वक्फ ट्रिब्यूनल ने सूरत महानगर पालिका के भवन को वक्फ संपत्ति नहीं माना है। दरअसल वक्फ बोर्ड ने भवन के वक्फ संपत्ति होने का दावा किया था। मगर गुजरात वक्फ ट्रिब्यूनल ने उसके दावे को खारिज कर दिया। अब याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट का रुख किया है। दावा है कि मुगलीसराय को शाहजहां की पुत्री जहांआरा ने 1644 में वक्फ की थी।
ट्रिब्यूनल ने फैसले को हाईकोर्ट में दी गई चुनौती।
१- शाहजहां ने बनवाई थी मुगलीसराय।
२- 1644 में जहांआरा ने किया था वक्फ।
३- द्वारिका के टापूओं पर नहीं किया दावा।
शत्रुघ्न शर्मा, गांधीनगर। केंद्र सरकार के वक्फ संशोधन विधेयक ने देश में खूब सुर्खियां बटोरी अब यह विधेयक भले ही संयुक्त संसदीय समिति को भेज दिया गया लेकिन निकट भविष्य में सूरत महानगर पालिका के भवन मुगलीसराय को लेकर बखेड़ा खड़ा हो सकता है। गुजरात वक्फ ट्रिब्यूनल ने इसे वक्फ संपत्ति नहीं माना, लेकिन याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
बेट द्वारिका व सियाल बेट पर नहीं किया दावा
मुगलीसराय, शाहजहां की पुत्री जहांआरा ने दान की थी। उधर वक्फ बोर्ड ने एक बार फिर स्पष्ट किया है कि बेट द्वारिका व सियाल बेट पर वक्फ की ओर से कभी दावा किया ही नहीं गया। गुजरात वक्फ बोर्ड के समक्ष बीते कुछ साल में वक्फ अर्थात दान की गई संपत्तियों को लेकर वक्फ से जुड़े ट्रस्ट, संस्थाओं व धार्मिक स्थलों में करोड़ों रुपये की अनियमितता, ट्रस्टियों की नियुक्ति तथा दान की गई संपत्ति के सही उपयोग व लीज तथा किराए को लेकर सैकड़ों मामले लंबित हैं।
जहांआरा ने किया था वक्फ
ऐसा ही एक मामला सूरत महानगर पालिका के भवन मुगलीसराय का है, शाहजहां की पुत्री जहांआरा ने सन् 1644 में इसे वक्फ कर थी, देश-विदेश से आने वाले यात्रियों के उपयोग के लिए यह संपत्ति दान की गई थी। यहां पर लगे फारसी भाषा में पत्थर पर लिखे गए वक्फनामा के आधार पर अब्दुल वाडोद जरुल्लाह ने खुद को शाहजहां का वारिस बताते हुए वक्फ अधिनियम की धारा 36 के अनुसार इस संपत्ति पर दावा किया था।
वक्फ बोर्ड ने संपत्ति को बताया वक्फ
मामला हाई कोर्ट में चला तथा न्यायालय ने अक्टूबर 2021 में यह मामला वक्फ बोर्ड भेज दिया था। वक्फ बोर्ड के तत्कालीन अध्यक्ष ने वक्फनामा के आधार पर सूरत महानगर पालिका को मुगलीसराय का महज प्रशासक बताते हुए संपत्ति को वक्फ की बता दिया लेकिन मनपा की अपील पर गुजरात वक्फ ट्रिब्यूनल ने उस निर्णय को पलट दिया, हालांकि, याचिकाकर्ता ने पुन: हाई कोर्ट में अपील की जो अभी लंबित है।
वक्फ बोर्ड अध्यक्ष ने क्या कहा?
वक्फ बोर्ड गुजरात के अध्यक्ष डॉ मोहसिन लोखंडवाला बताते हैं कि बोर्ड ने देवभूमि द्वारिका में हिंदुओं के धार्मिक स्थल बेट द्वारिका और सियाल बेट पर कभी कोई दावा नहीं किया है। उनका यह भी कहना है कि वक्फ बोर्ड की खुद की कोई संपत्ति नहीं होती बोर्ड मुस्लिम समुदाय के विविध संगठन व धार्मिक स्थलों के कामकाज की निगरानी करता है।
वक्फ संपत्तियों में भारी अनियमितताएं
सामाजिक कार्यकर्ता शमशाद पठान बताते हैं कि प्रदेश में वक्फ संपत्तियों में भारी अनियमितताएं हैं। हालांकि, वर्ष 2013 में आए संशोधन के बाद कोई भी वक्फ संपत्ति बेची नहीं गई लेकिन वित्तीय अनियमितताएं एवं ट्रस्टी व संपत्तियों को लेकर काफी विवाद हैं।