• जबरदस्ती स्मार्टमीटर थोपना गलत : धीरेंद्र
• 2 लाख रुपया देने सहित अन्य सवालों को लेकर 22 अगस्त से 24 अगस्त तक प्रखंड–अंचलों के मुख्यालयों पर होगा अक्रोशपूर्ण प्रदर्शन
दरभंगा : भाकपा(माले) पोलित ब्यूरो सदस्य धीरेंद्र झा ने कहा कि मोदी सरकार का तीसरा कार्यकाल शुरू होते ही गरीबों पर जुल्म ढाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि बड़े ही जोर जबरदस्ती के साथ स्मार्ट मीटर गांव गांव में लगाने का खेल चल रहा है। बिहार सरकार के किसी मंत्रालय, किसी ऑफिस, मंत्री,सांसद, विधायक के यहा स्मार्ट मीटर नही लगा, लेकिन जनता पर स्मार्ट मीटर थोपा जा रहा है। ये जो सरकारी आतंक है वो देश में बने उपभोक्ता सरक्षण कानून का खुला उलंघन है।श्री झा ने पंडासराय स्थित भाकपा(माले) जिला कार्यालय में जिला कमिटी की बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि उपभोक्ताओं को ये अधिकार होना चाहिए कि हम कौन सा मीटर लगाएंगे, कौन सा नही लगाएंगे, इसमें सरकार को हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए और स्मार्ट मीटर योजना को सरकार को तत्काल वापस लेना चाहिए।
श्री झा ने आगे कहा कि भारत के लोकतंत्र और संविधान पर खतरा मंडरा रहा है। यहां तक कि संवैधानिक आरक्षण पर खतरा है। उन्होंने कहा की भारत सरकार के हलफनामा पर सुप्रीम कोर्ट के 7 जजेज के फैसला ने जो एस सी /एस टी आरक्षण पर फैसल दिया है इसको लेकर पूरे देश में काफी आक्रोश है। हमारी पार्टी एस सी/ एस टी समाज के इस आक्रोश के साथ है।
श्री झा ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 341 की रक्षा होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि कोर्ट के जरिए इस प्रक्रिया में कोई हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए।
एस सी /एस टी आरक्षण का एक सामाजिक, छुआछूत, सामाजिक भेदभाव उसका आधार रहा है। भाजपा– आर एस एस के लोग इस आरक्षण की छीन लेना चाहते है। इस लिए समाज के प्रगतिशील लोगो तथा सम्पूर्ण वंचित तबके के लोगो को एकताबद्ध होकर के आंदोलन को तेज करना होगा। श्री झा ने कहा की भारत सरकार की ओर से जो बजट पेश हुआ है उसे बजट में बिहार के लिए कुछ नहीं है बिहार में करीब 1 लाख के आसपास आशा कार्यकर्ता हैं,ढाई लाख रसोईया हैं, ढाई लाख के आसपास आंगनबाड़ी सेविका सहायिका हैं और इसके साथ-साथ हेल्थ और एजुकेशन में काम करने वाले बहुत सारे वर्कर्स हैं। ये सभी भारत सरकार का योजना है लेकिन भारत सरकार न्यूनतम मजदूरी आधारित मासिक मानदेय नहीं दे रही है। तमाम योजनाओं में कई महीने से नर्स का पेमेंट नहीं हुआ है और एक जबरदस्ती हाजरी का प्रणाली थोपा जा रहा है और इसको लेकर पूरे बिहार में कार्यबहिष्कार आंदोलन चल रहा है। इसको लेकर केंद्र सरकार की चुप्पी बनी हुई है।
मिथिलांचल के विकास को लेकर केंद्र सरकार के एजेंडा में कोई कही कुछ चर्चा नही है। कोशी बाढ़ को लेकर एक बड़ी चर्चा की गई की कोशी को लेकर इतना पैसा दे दिया गया लेकिन न तो वो सिंचाई के लिए पैसा है और न ही बाढ़ प्रबंधन के लिए। भारत सरकार कोसी–मेची दो नदियों को जोड़ने वाली योजना को लेकर यह पैसा दिया गया है। इस इलाके के सवालों को लेकर कोई बातचीत नहीं हो रही है। मिथिलांचा को लेबर सप्लाई जॉन बना दिया गया है।
भाकपा(माले) और खेग्रामस की और से एक राज्यव्यापी अभियान लिया गया है। बिहार की नीतीश सरकार द्वारा 95 लाख गरीब परिवारों को 2 लाख देने की घोषणा की थी लेकिन आज हालात यह है की किसी भी गरीब का 72 हजार से नीचे का से प्रमाण पत्र नही बन रहा है। जिसको लेकर 22 से 24 तक बिहार के तमाम प्रखंड मुख्यालय पर घेरा डालो डेरा डालो आंदोलन चलाया जायेगा।
श्री झा ने केंद्र सरकार द्वारा वक्फ बोर्ड पर लाए गए कानून के पर बोलते हुए कहा की वक्फ बोर्ड की जमीन तो सरकार की संपति है नही। वो मुस्लिम समुदाय के जरिए दान में दी गई संपत्ति है। और उसको मैनेज करने के लिए उसके प्रबंधन के लिए वक्फ बोर्ड बना है। इसलिए वक्फ बोर्ड में कोई छेड़ छाड़ करना निहायत ही गलत है। उन्होंने कहा की मोदी सरकार वक्फ बोर्ड की संपति भी अंबानी – आदानी सहित बड़े घराने को देने के लिए ऐसा प्रावधान बनाया है जो गलत हैं। श्री झा ने कहा कि वक्फ बोर्ड की स्वायत्तता बरकरार रहनी चाहिए तथा उसमे सरकार व प्रशासन का कोई हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए।
वही भाकपा(माले) जिला सचिव बैद्यनाथ यादव ने बताया की हक दो वादा निभाओ अभियान का दूसरा चरण आज से 500 गांव पंचायतों में गरीबों की मीटिंग से की जाएगी। जहा गरीबों के सवाल को सुना जायेगा और उनके सवाल को धरना के माध्यम से प्रखंड प्रशासन को दिया जायेगा और हल करने की मांग उठाई जाएगी।