सर्वे नागा: प्रीयन्तां मे ये केचित् पृथ्वीतले।
ये च हेलिमरीचिस्था ये न्तरे दिवि संस्थिता:।।
ये नदीषु महानागा ये सरस्वतिगामिन:।
ये च वापीतडागेषु तेषु सर्वेषु वै नम:।।
नाग पंचमी का पावन पर्व, सनातन संस्कृति के चरमोत्कर्ष की प्रतीति है। यह पर्व सहअस्तित्व के रूप में जीव एवं प्रकृति के बीच आत्मीय सम्बन्ध को परिभाषित करता है।
सभी को नाग पंचमी की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं।
इस अवसर पर आदिदेव महादेव और नाग देवता से सभी के लिए सुख-समृद्धि एवं उन्नति की मंगलकामना करता हूं।