• जिले मे मुग़लसराय के अन्तर्गत थाना अलीनगर के प्रभारी बेदाग तरीके से चलाया अलीनगर थाना,बदली थाना प्रभारियों की पुरानी परंपरा।
चंदौली: जिले का एक ऐसा थाना था जिसमें एक ईंट रखने से पुलिस डरती थी, अगर कोई भूल कर भी एक ईट रख देता था तो उसका ट्रांसफर रातों-रात हो जाता था। लेकिन इस अंधविश्वास को तोड़ते हुए शेषधर पांडे परिसर में कार्यालय बनवाकर आठ माह कुर्सी पर बैठे रहे।शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए अपराधियों के खिलाफ निडर होकर कार्रवाई करने वाली पुलिस अपनी ऑफिस बनवाने पर डरती थी। अलीनगर के थाना प्रभारी निरीक्षक जब-जब ऑफिस बनवा कर बैठना चाहे या जो भी बैठा.. उसके सामने ऐसी घटनाएं हुई, जिसके चलते या तो नींद हराम हुई या फिर थानेदारी से ही हटना पड़ा। हालांकि ऑफिस बनवाकर बैठने को लेकर अपने अनोखे डर को खुले तौर पर बताने से जिम्मेदार परहेज करते हैं। पर कार्यालय की जगह बाहर बरामदा में ही बैठकर थाना चलाते हैं।बताया जाता है कि सबसे पहले 2007 में अलीनगर थाने पर अनिरुद्ध सिंह एसओ पद पर तैनात थे। उनसे भी कुछ पुलिसकर्मियों ने कहा कि थाना परिसर में अगर एक ईट भी कोई रखता है तो उसका ट्रांसफर हो जाता है। उन्होंने 2007 में कहा कि मैं अंधविश्वास नहीं मानता हूं। अंधविश्वास को तोड़ने के लिए अनिरुद्ध सिंह ने सबसे पहले पूजा पाठ करके ऑफिस बनवाया। कार्यालय में टाइल्स, एसी के अलावा आकर्षक लाइटें भी लगवाई। लेकिन जैसे ही बैठना चाहा उनका भी रातों-रात ट्रांसफर हो गया। लेकिन कुछ दिनों बाद फिर अलीनगर थाने पर तैनाती दी गई। उसके बाद 2007 से लेकर 10 अप्रैल 2023 तक कार्यालय में कोई भी निरीक्षक प्रभारी नहीं बैठना चाहे। जितने भी प्रभारी निरीक्षक पद पर आए उन्होंने कार्यालय की जगह बाहर बरामदा में ही बैठकर थाना चलाते नजर आए।जब 12 अप्रैल 2023 शेषधर पांडेय ने अलीनगर थाने का चार्ज लिया तो उनसे भी कुछ लोगों ने बताया कि थाना परिसर में अगर एक भी कोई ईट रखता है तो उसका रातों-रात ट्रांसफर हो जाता है। लेकिन जवाब देते हुए कहा कि मैं अंधविश्वास नहीं मानता हूं। वहीं थाने के बरामदा को ही कार्यालय के लिए काम शुरू कर दिया है। कार्यालय में टाइल्स, एसी के अलावा आकर्षक लाइटें भी लगवाई है। उसके बाद 2 दिसंबर 2023 को पुलिस अधीक्षक डॉक्टर अनिल कुमार द्वारा नवीनीकृत प्रभारी निरीक्षक कक्ष का उद्घाटन विधि विधान से कराया।इतना ही नहीं थाना क्षेत्र के एक भूपौली पुलिस चौकी भवन का नवीनीकृत उद्घाटन कराया। उद्घाटन के बाद शेषधर पांडेय लगभग 8 माह तक अलीनगर थाने में टिके रहे। वह अक्सर कहते रहते थे कि जिसका जहां पर जितने दिन का दानापानी लिखा है, वहां वह बना रहेगा। उसे अपना काम इमानदारी से करते रहना चाहिए।थाना परिसर में बैडमिंटन कोर्ट बनवाने के साथ-साथ परिसर के मंदिर को भी बेहतरीन बनवा दिया। साथ ही वहां वाटिका डेवलप करवा दी, ताकि थाना परिसर की खूबसूरती बनी रही। इसीलिए उन्होंने जाते-जाते नए थाना प्रभारी को कुछ नसीहत देकर गए हैं।