अमरपाटन प्रशासन से (विकलांग) (मां-बाप) ने (गरीब-बेटे) के लिए लगाई न्याय की गुहार,अधिकारी पैसे के आगे सुनने को नहीं है तैयार
(पढ़िए क्या है सच)
मध्य प्रदेश जिला मैहर के अंतर्गत तहसील अमरपाटन में प्रशासनिक अधिकारियों से विकलांग मां-बाप अपने गरीब बेटे के लिए लग रहे हैं न्याय की गुहार
लेकिन प्रशासनिक अधिकारी पैसे के दम पर सुनने को नहीं है तैयार ग्राम पंचायत कुम्हारी निवासी छोटेलाल साहू पत्नी उर्मिला साहू एवं पुत्र विजय साहू और उनके गरीबी में साथ देने वाले उनके परिवार के व्यक्तियों के द्वारा अमरपाटन प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा पड़ोसी रामकरण साहू पिता हरदास साहू के द्वारा लगभग 15 से 20 वर्ष पहले हमारे बड़े भाई की जमीन छीन कर अपने पक्का मकान का निर्माण करवाया था और पैसे के आगे प्रशासनिक अधिकारी हम गरीबों की सुनवाई नहीं हुई थी
अब फिर से हमारी जमीन को पड़ोसी रामकरण साहू छीनना चाहते है
लेकिन प्रशासनिक अधिकारी हम गरीबों की सुनवाई नहीं कर रहा आगे जानकारी में छोटेलाल साहू एवं उनके परिवार ने बताया कि लगभग दो-तीन साल पहले बारिश के कारण मकान गिर गया था अब उसी जमीन में मकान का निर्माण कर रहे हैं जबकि विजय साहू पिता छोटेलाल साहू अपनी जमीन को गिरवी करके और रिश्तेदारों से ब्याज में रुपए मांग कर अपने पट्टे की आराजी नंबर 669 में मकान का निर्माण करवा रहे हैं
लेकिन (पड़ोसी/विपक्ष) रामकरण साहू पिता हरदास साहू कुम्हारी निवासी के द्वारा रीवा सीमेंट फैक्ट्री में परमानेंट की नौकरी करते हैं उनका कहना कि हमारे पास बहुत पैसे हैं हमारा कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता हमने ऐसे कई अधिकारियों को खरीदा है
इसलिए रुपए का दुरुपयोग करते हुए पहले दिनांक (24/05/2024) को स्ट्रे लगाया था फिर पीड़ित विजय साहू पिता छोटेलाल साहू पटवारी प्रतिवेदन का निरीक्षण करने के बाद एवं ग्राम पंचायत कुम्हारी सरपंच के द्वारा सच्चाई को देखते हुए पंचनामा बनवाकर दिया गया था
जिसकी वजह से तहसीलदार महोदय के द्वारा सच्चाई को देखते हुए दिनांक 09/07/2024 को स्ट्रे खारिज कर दिया गया था
लेकिन दूसरी बार विपक्ष रामकरण साहू के द्वारा फिर 19/072024 को फिर से साथ दिवस के लिए स्ट्रे लगाया गया विकलांग मां-बाप के पुत्र विजय साहू ने पत्रकार की मदद से श्रीमान एसडीम महोदय के पास जानकारी लेने पहुंचे तो उनके द्वारा बताया गया कि दोनों पक्षों को बुलाकर सच्चाई का पता लगाया जाएगा और खारिज कर दिया जाएगा
लेकिन जब पीड़ित विजय साहू पिता छोटेलाल साहू मां उर्मिला देवी साहू अपने भाई परिवार वालों के साथ 26/07/24 को एसडीएम न्यायालय में उपस्थित होकर अपनी सच्चाई बताना चाहा लेकिन एसडीम महोदय के द्वारा विपक्ष की फाइल को देखते हुए 13 तारीख की पेशी बढ़ा दिया गया लेकिन गरीब पति-पत्नी सिर्फ न्याय की गुहार लगाते रह गए
इससे यह प्रतीत होता है कि पैसे वालों के आगे गरीबों की कोई सुनवाई नहीं होती गरीब तो सच्चाई पेश करते-करते लड़ना ही भूल जाता है सच क्या है आप तो स्वयं जान सकते हैं
एक तरफ मध्य प्रदेश सरकार राजस्व महा:अभियान चला रही है वहीं
राजस्व विभाग के अधिकारी पेशी पर पेशी बढ़ाकर गरीब जनता की सुनवाई नहीं कर रहे हैं और ऐसे विकलांग पति-पत्नी एवं गरीब परिवार न्यायालय का चक्कर लगा रहे है