शादी के लिए बारात लेकर जा रहे युवक को पुलिस ने चोरी के मामले में उठाया, म्याना पुलिस की अभिरक्षा में हुई संदिग्ध मौत
जिला अस्पताल में परिजनों ने किया जमकर हंगामा, होने वाली दुल्हन और चाची ने की पेट्रोल डालकर आत्मदाह की कोशिश
गुना
जिले के धरनावदा थानांतर्गत क्विंटलों चांदी बरामदी मामले में पुलिस अपनी पीठ थपथपा ही रही थी कि म्याना थाने के ग्राम भिडऱा में हुई चोरी के मामले में उठाए गए युवक पर पुलिस ने ऐसी थर्ड डिग्री इस्तेमाल की कि उसकी संदिग्ध हालत में पुलिस अभिरक्षा में मौत हो गई। मृतक युवक की रविवार को शादी होनी थी, वह सज संवर कर हाथों में मेंहदी लगाकर शेरवानी पहनकर बारात लेकर दुल्हन को ले जाने निकल ही रहा था कि जिले की म्याना, झागर, रुठियाई एवं धरनावदा पुलिस ने दबिश देकर उसे और उसके चाचा को उठा लिया। रविवार देर रात परिजनों को उसकी मौत की खबर लगी। जिसके बाद बड़ी संख्या में परिवार की महिलाएं सहित होने वाली दुल्हन जिला अस्पताल पहुंची। यहां महिलाओं ने पुलिस पर हत्या करने का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया। यहीं नहीं गुस्साई युवक की होने वाली दुल्हन और उसकी चाची ने खुद पर पेट्रोल डालकर आत्मदाह करने की कोशिश की। जिसमें दुल्हन को किसी तरह पुलिस ने नियंत्रित कर अस्पताल चौकी में बिठा दिया। वहीं उसकी चाची झुलस गई। जिसकी आग बुझाने के चक्कर में एसडीओपी भी झुलस गए।
दरअसल पूरा घटनाक्रम 13 जुलाई से शुरू हुआ। जब भोपाल, राजगढ़ सहित अन्य जगह हुई चोरी के मामलों में संबंधित पुलिस बल और रुठियाई, धरनावदा तथा झागर चौकी के पुलिस बल ने देर रात धरनावदा थाने से करीब 8 किलोमीटर दूर पारदियों के गांव पर दबिश दी। इस दौरान पारदी समाज के लोगों ने पुलिस टीम ने हमला कर दिया था। इस हमले में एक एएसआई सहित पुलिस के 10 पुलिसकर्मी घायल हुए थे। वहीं आरोपी रात के अंधेरे में मोटर सायकिलों से जंगलों में भाग गए थे। मामले में पुलिस ने महिलाओं सहित आधा दर्जन से अधिक लोगों पर मामला दर्ज किया था। जिसके बाद अगले दिन म्याना, झागर एवं रुठियाई पुलिस ने इसी मामले में बीलाखेड़ी निवासी देवा और उसके चाचा गंगाराम को डकैती के केस में पूछताछ के लिए उठा लिया। जिसके बाद पुलिस उसे पहले झागर चौकी फिर म्याना थाने पूछताछ के लिए ले गई। परिजनों के अनुसार यहां पुलिस ने उसके साथ जमकर थर्ड डिग्री उपयोग की। जिसमें उसकी हालत बिगडऩे पर उसे पहले म्याना अस्पताल फिर जिला अस्पताल लेकर पुलिस आई। यहां उसकी मौत हो गई। जबकि पुलिस का दावा है कि पुलिस उसे म्याना थाने से चोरी का मामल रिकवरी के लिए संबंधित जगह ले जा रही थी। तभी उसके सीने में दर्द हुआ और उसकी मौत हो गई।
प्राप्त जानकारी के अनुसार रविवार शाम को देवा पारदी की बारात गांव से शहर के गोकुल सिंह चक्क पर आने वाली थी। तभी पुलिस उसे तथा उसके चाचा को उठा ले गई। इस मामले में देवा की चाची सूरजबाई के मुताबिक, हम भी पुलिस के पीछे-पीछ चौकी पहुंचे। पुलिस ने कहा कि एक गाड़ी की बरामदगी के सिलसिले में देवा को लेकर आए हैं। हमें देर रात जिला अस्पताल से सूचना मिली कि एक पारदी नाम के युवक को पोस्टमार्टम के लिए लाया गया है। जब हम अस्पताल पहुंचे तो पता चला कि पुलिस कस्टडी में देवा की मौत हो गई है। देवा की मौत की सूचना मिलते ही उसकी मंगेतर और उसकी चाची समेत पारदी समाज की महिलाएं मिनी ट्रक से जिला अस्पताल पहुंची। देवा की मंगेतर ने खुद को आग लगाने के लिए अपने पूरे शरीर पर पेट्रोल डाल लिया और आत्मदाह की कोशिश करने लगी। ये सब देखकर पुलिस ने उसे पकडक़र चौकी पर बैठा लिया। इसके थोड़ी देर बाद देवा की चाची सूरज बाई ने पहले पेड पर फांसी लगाने और बाद में खुद के ऊपर पेट्रोल डालकर आग लगा ली, जिसमें वह बुरी तरह झुलस गई। आग बुझाने के लिए एसडीओपी युवराज सिंह आए तो उनकी भी हाथ की अंगुलियां झुलस गईं। इसके बाद कई बार धक्कामुक्की हुई। उल्लेखनीय है कि मृतक देवा घर में शादी का महौल था। रस्में होने के साथ देवा के हाथों में मेहंद भी लग चुकी थी। बारात रवाना होने से पहले देवा ने शेरवानी पहनकर अपनी आखिरी फोटो भी ली थी। उधर, दुल्हन तैयार हो चुकी थी और बारात आने का इंतजार चल रहा था। इसके बाद देर रात देवा की मौत की खबर लगी। रविवार-सोमवार की दरम्यानी देर रात यहां हंगामा चलता रहा। हंगामा बढ़ता देख सभी जिलों का पुलिस बल सहित आसपास के थानों से पुलिस बल मंगाया गया। सोमवार सुबह शव के पीएम के दौरान भी जमकर हंगामा हुआ। हालांकि बाद में परिजन शव लेकन अंतिम संस्कार करने चले गए। वहीं मामले में मजिस्टे्रट जांच के आदेश हुए।
इनका कहना है
ग्राम भिडऱा थाना म्याना में विगत दिनों एक चोरी हुई थी। उस मामले में देवा और गंगाराम को पुलिस पकडक़र लाई थी। जिसने पूछताछ के बाद रविवार शाम 6 बजे के करीब रिकवरी हेतु ले जा रहे थे। उसी दौरानदेवा के सीने में दर्द हुआ। जिसे तत्काल म्याना अस्पताल लेकर पहुंचे, लेकिन वहां डॉक्टर नहीं मिलने पर गुना रैफर कर दिया। यहां करीबन 45 मिनट उपचार चला। सीपीआर देकर ईसीजी कराई गई। लेकिन वह बच नहीं पाया। परिवारजनों का आरोप है कि पुलिस की मारपीट में उसकी मौत हुई है। डॉक्टरों की टीम द्वारा पीएम कराया जा रहा है। वहीं मामले में मजिस्टे्रट जांच के आदेश हुए हैं।-
मानसिंह ठाकुर, एएसपी गुना