स्थिर हुआ घाघरा का पानी, किसानों ने ली राहत की सांस
रिपोर्टर: आलम
बिल्थरारोड (बलिया)। गत कई दिनों तक घाघरा नदी के जलस्तर में बढ़ाव का सिलसिला जारी रहने के बाद शुक्रवार की रात से नदी के पानी में स्थिरता आ गई। शनिवार की सुबह से ही नदी की प्रकृति में स्थिरता का क्रम चल रहा था जो शाम तक जारी रहने के बाद जलस्तर में घटाव शुरू हो गया,जिससे बाढ़ की संभावना फिलहाल टल गई है। केंद्रीय जल आयोग के अनुसार शनिवार की शाम चार बजे जलस्तर 64.300 मीटर रिकॉर्ड किया गया, जो खतरे के निशान 64.010 से 29 सेंटीमीटर अधिक है। आयोग का कहना है कि बीते शुक्रवार की रात से नदी में ठहराव के बाद कमी होना शुरू हो गया है।आयोग ने अगले 24 घंटे में जलस्तर में घटाव होने का पूर्वानुमान किया है। जलस्तर में कमी होते देख तटवर्ती बाशिंदों ने राहत की सांस ली है।फिर भी नदी का पानी लालनिशान से अभी भी 29 सेंटीमीटर ऊपर बह रहा है। आयोग के अनुसार जलस्तर में अगर वृद्धि हुई तो बाढ़ की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।तुर्तीपार के रिहायशी क्षेत्रों और कुछ बस्ती की ओर पानी पहुच गया है। बंधा और नदी के बीच कई किलोमीटर भू-भाग तक नदी का पानी फैल गया है।तुर्तीपार,हाहानाला और हल्दिरामपुर के रेगुलेटरों पर पानी का दबाव बन गया है। उधर संभावित बाढ़ के खतरे से निपटने के लिए प्रशासन ने जरूरी ऐतिहात उपाय कर लिए हैं।उपजिलाधिकारी निशांत उपाध्याय ने बताया कि बाढ़ को लेकर प्रशासन अलर्ट है। तटवर्ती क्षेत्रों में बाढ़ चौकियां स्थापित कर नदी की प्रकृति की निगरानी की जा रही है।