पुरी की रथ यात्रा, जिसे रथ यात्रा के नाम से भी जाना जाता है, पुरी, ओडिशा, भारत में प्रतिवर्ष मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण हिंदू रथ उत्सव है। इस उत्सव के कुछ मुख्य पहलू इस प्रकार हैं।
• देवता : यह उत्सव तीन देवताओं का सम्मान करता है: जगन्नाथ (भगवान विष्णु या कृष्ण का एक रूप), उनके भाई बलभद्र और उनकी बहन सुभद्रा।
• रथ : देवताओं को हर साल नए बनाए गए तीन विशाल, अलंकृत रथों में जगन्नाथ मंदिर से गुंडिचा मंदिर और वापस ले जाया जाता है।
• मार्ग : रथ “बड़ा डंडा” (भव्य मार्ग) से गुंडिचा मंदिर तक जाते हैं, जहाँ देवता जगन्नाथ मंदिर में वापस लौटने से पहले एक सप्ताह तक निवास करते हैं।
• इतिहास : रथ यात्रा का वर्णन ब्रह्म पुराण, पद्म पुराण, स्कंद पुराण और कपिला संहिता जैसे प्राचीन ग्रंथों में पाया जा सकता है। यूरोपीय यात्रियों ने 13वीं शताब्दी से इस उत्सव का दस्तावेजीकरण किया है।
• अंतर्राष्ट्रीय समारोह : यह त्यौहार दुनिया भर के 108 से ज़्यादा शहरों में हर साल मनाया जाता है, जिसे 1968 से इस्कॉन हरे कृष्ण आंदोलन द्वारा लोकप्रिय बनाया गया है।