श्मशान पर अतिक्रमण ग्रामीण न्याय के लिए दर दर भटकने को मजबूर
सत्यार्थ न्यूज़ से पुनीत मरकाम की रिपोर्ट, भानुप्रतापपुर
कांकेर छत्तीसगढ़ ( भानुप्रतापपुर) अंतर्गत ग्राम हेटारकसा इंसान को मरने के बाद 2 गज जमीन तो नसीब हो जाती है पर जमीन पर भी अतिक्रमण कर लोग खेती बड़ी करने की सोच तो आम व्यक्ति मृत शरीर को कहां दफन करेंगे एक बड़ी सवाल है यह मामला कांकेर जिला के ग्राम हेटारकसा की है जहां पर एक व्यक्ति रसूख की दम पर बरसों से चले आ रही शमशान घाट को ही अतिक्रमण कर मुर्दों के ऊपर की खेती बड़ी करने की तैयारी कर रहा है । ग्राम हेटारकसा के ग्रामीण श्मशान घाट की समस्या को लेकर कांकेर के पुर्व कलेक्टर अभिजीत सिंग भानुप्रतापपुर तहसीलदार एसडीएम तक कि ऑफिसो की चक्कर लगा चुके हैं इसके बावजूद ग्रामीणों की समस्या को अभी तक कोई भी अधिकारी ने ना जांच कराई गई और ना ही कार्यवाही की गई है ग्रामीणों ने प्रशासनिक अधिकारियों पर ही कई गंभीर आरोप लगा है ।
क्या है मामला
प.ह.न.24 भूमि की खसरा नंबर 144/3 रकबा 1.60 हेक्टेयर है बड़े झाड़ के जंगल (सामुदायिक मरघट ) के रूप राजस्व अभिलेख में दर्ज है । जिसे हाटकर्रा निवासी रामकुमार सिन्हा पिता फागुराम जाति कलार द्वारा खसरा नंबर 144 पर 0.57 हेक्टेयर को बिना ग्राम सभा प्रस्ताव के अवैध तरीके से वन अधिकार पट्टा बना लिया है जिसकी जानकारी ग्राम सभा पंजी पर भी पंजीयन नहीं किया गया है । रामकुमार सिन्हा द्वारा फर्जी तरीके से वन अधिकार के पट्टा बनाकर श्मशान घाट को तहस नहस करने से ग्रामीण काफी आक्रोशित है ।
बाइट….. सुन्हेर गजेंद्र ( पर्पल शर्ट )
बाइट….. देहुती मंडावी ( सरपंच हेटारकसा )
बाइट…. सावित्री मंडावी ( विधायक भानुप्रतापपुर )