कांकेर कलेक्टर ने बैठक लेकर उल्लास कार्यक्रम के प्रगति की जानकारी ली
साक्षरता अभियान की सफलता के लिए दिलाई शपथ
सत्यार्थ न्यूज़ से पुनीत मरकाम कांकेर( छत्तीसगढ़) भानुप्रतापपुर ✍️ ✍️
कांकेर ( छत्तीसगढ़)कलेक्टर नीलेश कुमार क्षीरसागर ने आज उल्लास: नव भारत साक्षरता कार्यक्रम के जिले में बेहतर क्रियान्वयन के संबंध में बैठक लेकर आवश्यक निर्देश दिए। कलेक्टर ने बैठक में कहा कि उल्लास कार्यक्रम के तहत सभी युवा, प्रौढ़, पुरूष एवं महिलाओं को शत-प्रतिशत बुनियादी साक्षरता प्रदान करना हमारा लक्ष्य है। इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सभी आगे बढ़कर कार्य करें। साथ ही वालेंटियर शिक्षक के रूप में कार्य करने जिले के नागरिकों को भी प्रेरित करें। कलेक्टर ने उल्लास कार्यक्रम के अंतर्गत जिले में अब तक की प्रगति की विस्तृत जानकारी ली और सभी विकासखण्ड स्तरीय अधिकारियों को निर्धारित समय-सीमा में कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिए। इस अवसर पर कलेक्टर ने बैठक में उपस्थित लोगों को साक्षरता अभियान को सफल बनाने के लिए शपथ भी दिलाई।
बैठक में जिला पंचायत के सीईओ सुमित अग्रवाल ने कहा कि उल्लास कार्यक्रम के तहत स्वेच्छा से अपनी सेवा देने के इच्छुक लोगों को वालेंटियर शिक्षक के रूप में चयनित किया जाना है। इसके लिए युवाओं सहित मैदानी स्तर के कर्मचारियों, जनप्रतिनिधियों एवं एनजीओ के सदस्यों की भी सहायता ली जा सकती है। उन्होंने कहा कि साक्षर करने हेतु स्थलों का चयन कर उल्लास साक्षरता केन्द्र स्थापित किया जाना है। साक्षरता कार्यक्रम के जिला नोडल वैभव कुमार मेश्राम ने उल्लास कार्यक्रम के उद्देश्य एवं जिले की प्रगति के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के तहत अनुशंसित उल्लास: नव भारत साक्षरता कार्यक्रम केन्द्र प्रवर्तित योजना है, जो कि सभी के लिए शिक्षा हेतु प्रारंभ की गई है। इस कार्यक्रम के अंतर्गत 15 वर्ष से अधिक उम्र के असाक्षरों को शत्-प्रतिशत साक्षर किए जाने का लक्ष्य है। साक्षरता केवल पढ़ना, लिखना और अंक ज्ञान की जानकारी ही नहीं है बल्कि इससे बढ़कर कार्यात्मकता, सशक्तिकरण तथा आगे सीखते रहना है। साक्षरता एक व्यक्ति के लिए बेहतर आजीविका व अवसरों तक पहुंचने, समुदाय के लिए समाज की एकता व सबके स्वास्थ्य व शिक्षा हेतु और देश के लिए जनतंत्र की मजबूती व आर्थिक तरक्की एवं विकास के लिए आवश्यक है। उन्होंने बताया कि उल्लास कार्यक्रम के पांच महत्वपूर्ण घटक हैं, जिनमें बुनियादी साक्षरता एवं संख्या ज्ञान, महत्वपूर्ण जीवन कौशल, बुनियादी शिक्षा, व्यावसायिक कौशल विकास एवं सतत् शिक्षा शामिल है।
बैठक में जिले के सभी जनपद पंचायतों के अध्यक्षगण, जिला शिक्षा अधिकारी अशोक कुमार पटेल, सभी बीईओ, एबीईओ सहित शिक्षा विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारीगण उपस्थित थे।