कुनिहार से पवन कुमार सिंघ की रिपोर्ट
कुनिहार: प्रदेश में मानसून की पहली बारिश ने अपना रौद्र रूप दिखाना शुरू कर दिया है, जिसके चलते जगह-जगह भूस्खलन व नदी-नालों का जलस्तर भी बढ़ना शुरू हो गया है। यदि बात जिला सोलन के कुनिहार क्षेत्र की करें तो यहां कुनिहार-नालागढ़ मार्ग के गंभरपुल के अतिरिक्त ज्यावला गांव भी खतरे से खाली दिखाई नहीं दे रहा, क्योंकि गत सोमवार की भांति ही वीरवार देर रात्रि हुई भारी बारिश के चलते ज्यावला गांव की पहाड़ी से बहते नाले से पानी के साथ-साथ भारी मलबा आ गया। इसकी वजह से कुछ मकानों के साथ-साथ गंभरपुल भी खतरे की जद में आता दिखाई दे रहा है। पानी का बहाव इतना अधिक था कि एक मकान व पुल की नींव तक खोखली हो गई है जबकि अन्य मकानों को भी खतरा पैदा हो गया है। ग्रामीणों ने सरकार एवं प्रशासन से राहत एवं बचाव की गुहार लगाई है। उन्होंने कहा कि यदि सरकार ने समय रहते पानी के बहाव का समाधान नहीं किया तो बरसात के दौरान किसी बड़ी अनहोनी के अंदेशे से भी इन्कार नहीं किया जा सकता। बता दें कि बीते सोमवार को ज्यावला गांव की पहाड़ी में बादल फटने जैसे हालात हो गए थे, जिसकी वजह से गंभरपुल में भारी मलबा आ गया था। इस कारण कई मकानों के अतिरिक्त कई वाहन तक मलबे की चपेट में आ गए थे और घंटों तक मार्ग पूरी तरह से बन्द हो गया था।
उधर, गंभरपुल के साथ लगते मकान की मालिक अनिता शर्मा ने कहा कि अपने मकान को गिरता देखने के सिवाय कुछ नजर नहीं आ रहा। गत मंगलवार को भी प्रशासन को आपबीती सुनाई थी, वहीं बीती रात्रि भी इतना पानी व मलबा पहाड़ी से आ गया कि मकान की नींव तक खोखली हो गई है। अभी तक प्रशासन का कोई अधिकारी मौके पर नहीं आया है जबकि हमने पूरी रात बच्चों के साथ सहम कर गुजारी है। सुबह होते ही परिवार को किसी अपने रिश्तेदारों के घर भेज दिया ताकि परिवार सुरक्षित रहे।