न्यूज रिपोर्टर नरसीराम शर्मा बीकानेर श्रीडूंगरगढ
पंचांग का अति प्राचीन काल से ही बहुत महत्त्व माना गया है शास्त्रों में भी पंचांग को बहुत महत्त्व दिया गया है और पंचाग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना गया है !पंचांग में सूर्योदय सूर्यास्त, चद्रोदय-चन्द्रास्त काल, तिथि, नक्षत्र, मुहूर्त, योगकाल, करण, सूर्य-चंद्र के राशि, चौघड़िया मुहूर्त दिए गए हैं!
🙏जय श्री कृष्णा🙏
आज का पंचांग
*दिनाँक:- 26/06/2024, बुधवार* पंचमी, कृष्ण पक्ष, आषाढ “””””””(समाप्ति काल)
तिथि————— पंचमी 20:54:33 तक
पक्ष————————– कृष्ण
नक्षत्र—————— धनिष्ठा 13:04:04
योग—————– विश्कुम्भ 06:12:41
योग——————– प्रीति 27:19:08
करण—————— कौलव 10:02:41
करण—————– तैतुल 20:54:33
वार————————– बुधवार
माह————————- आषाढ
चन्द्र राशि——————– कुम्भ
सूर्य राशि——————— मिथुन
रितु————————– वर्षा
आयन———————– दक्षिणायण
संवत्सर——————– क्रोधी
संवत्सर (उत्तर) ————– कालयुक्त
विक्रम संवत—————– 2081
गुजराती संवत—————- 2080
शक संवत——————– 1946
कलि संवत——————- 5125
सूर्योदय———————– 05:27:08
सूर्यास्त———————– 19:17:11
दिन काल——————— 13:50:02
रात्री काल——————– 10:10:16
चंद्रास्त———————– 09:36:26
चंद्रोदय———————- 23:01:02
लग्न———–मिथुन 10°42′, 70°42′
सूर्य नक्षत्र——————– आर्द्रा
चन्द्र नक्षत्र——————– धनिष्ठा
नक्षत्र पाया——————– ताम्र
*🚩💮🚩 पद, चरण 🚩💮🚩*
गु—- धनिष्ठा 07:26:11
गे—-धनिष्ठा 13:04:04
गो—- शतभिषा18:41:54
सा—- शतभिषा 24:19:45
*💮🚩💮 ग्रह गोचर 💮🚩💮*
ग्रह =राशी, अंश ,नक्षत्र, पद
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सूर्य= मिथुन 10°10, आर्द्रा 2 घ
चन्द्र=कुम्भ 02°30 , धनिष्ठा 3 गु
बुध =मिथुन 23°53′ पुनर्वसु 2 को
शु क्र= मिथुन 16°05, आर्द्रा ‘ 3 ड
मंगल=मेष 18°30 ‘ भरणी ‘ 2 लू
गुरु=वृषभ 12°30 रोहिणी , 1 ओ
शनि=कुम्भ 25°10 ‘ पू o भा o ,2 सो
राहू=(व) मीन 17°20 रेवती , 1 दे
केतु=(व) कन्या 17°20 हस्त , 3 ण
*🚩💮🚩 शुभा$शुभ मुहूर्त 💮🚩💮*
राहू काल 12:22 – 14:06 अशुभ
यम घंटा 07:11 – 08:55 अशुभ
गुली काल 10:38 – 12:22 अशुभ
अभिजित 11:54 – 12:50 अशुभ
दूर मुहूर्त 11:54 – 12:50 अशुभ
वर्ज्यम 19:49 – 21:20 अशुभ
प्रदोष 19:17 – 21:20 शुभ
🚩पंचक अहोरात्र अशुभ
💮चोघडिया, दिन
लाभ 05:27 – 07:11 शुभ
अमृत 07:11 – 08:55 शुभ
काल 08:55 – 10:38 अशुभ
शुभ 10:38 – 12:22 शुभ
रोग 12:22 – 14:06 अशुभ
उद्वेग 14:06 – 15:50 अशुभ
चर 15:50 – 17:33 शुभ
लाभ 17:33 – 19:17 शुभ
🚩चोघडिया, रात
उद्वेग 19:17 – 20:33 अशुभ
शुभ 20:33 – 21:50 शुभ
अमृत 21:50 – 23:06 शुभ
चर 23:06 – 24:22* शुभ
रोग 24:22* – 25:39* अशुभ
काल 25:39* – 26:55* अशुभ
लाभ 26:55* – 28:11* शुभ
उद्वेग 28:11* – 29:27* अशुभ
💮होरा, दिन
बुध 05:27 – 06:36
चन्द्र 06:36 – 07:45
शनि 07:45 – 08:55
बृहस्पति 08:55 – 10:04
मंगल 10:04 – 11:13
सूर्य 11:13 – 12:22
शुक्र 12:22 – 13:31
बुध 13:31 – 14:41
चन्द्र 14:41 – 15:50
शनि 15:50 – 16:59
बृहस्पति 16:59 – 18:08
मंगल 18:08 – 19:17
🚩होरा, रात
सूर्य 19:17 – 20:08
शुक्र 20:08 – 20:59
बुध 20:59 – 21:50
चन्द्र 21:50 – 22:41
शनि 22:41 – 23:31
बृहस्पति 23:31 – 24:22
मंगल 24:22* – 25:13
सूर्य 25:13* – 26:04
शुक्र 26:04* – 26:55
बुध 26:55* – 27:46
चन्द्र 27:46* – 28:37
शनि 28:37* – 29:27
*🚩 उदयलग्न प्रवेशकाल 🚩*
मिथुन > 03:54 से 6:34 तक
कर्क > 06:34 से 08:24 तक
सिंह > 08:24 से 11:04 तक
कन्या > 11:04 से 13:10 तक
तुला > 13:10 से 15: 12 तक
वृश्चिक > 15:12 से 17:44 तक
धनु > 17:44 से 19:34 तक
मकर > 19:34 से 21:48 तक
कुम्भ > 21:48 से 23:00 तक
मीन > 23:00 से 00:30 तक
मेष > 00:30 से 02:10 तक
वृषभ > 02:10 से 03:50 तक
*🚩विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार*
(लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट
*नोट*- दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें।
लाभ में व्यापार करें।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें।
*💮दिशा शूल ज्ञान—————-उत्तर*
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो पान अथवा पिस्ता खाके यात्रा कर सकते हैl
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
*शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु चl*
*भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय:ll*
*🚩 अग्नि वास ज्ञान -:*
*यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,*
*चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु।*
*दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,*
*नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं।।*
*महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्*
*नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत्।।*
15 + 5 + 4 + 1 = 25 ÷ 4 = 1 शेष
पाताल लोक पर अग्नि वास हवन के लिए अशुभ कारक हैl
*🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮🚩*
सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है
मंगल ग्रह मुखहुति
*💮 शिव वास एवं फल -:*
20 + 20 + 5 = 45 ÷ 7 = 3 शेष
वृषभारूढ़ = शुभ कारक
*🚩भद्रा वास एवं फल -:*
*स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।*
*मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।*
*💮🚩 विशेष जानकारी 🚩💮*
*नाग पंचमी (बंगाल)
*कोकिला पंचमी
*💮🚩💮 शुभ विचार 💮🚩💮*
यस्य स्नेहो भयं तस्य स्नेहो दुःखस्य भाजनम्।
स्नेहमूलानि दुःखानि तानि त्यक्त्वा वसेत्सुखम्।।
।। चा o नी o।।
जो व्यक्ति अपने घर के लोगो से बहोत आसक्ति रखता है वह भय और दुःख को पाता है. आसक्ति ही दुःख का मूल है. जिसे सुखी होना है उसे आसक्ति छोडनी पड़ेगी.
*🚩💮🚩 सुभाषितानि 🚩💮🚩*
गीता -: ज्ञानविज्ञानयोग अo-07
बीजं मां सर्वभूतानां विद्धि पार्थ सनातनम्।,
बुद्धिर्बुद्धिमतामस्मि तेजस्तेजस्विनामहम्॥,
हे अर्जुन! तू सम्पूर्ण भूतों का सनातन बीज मुझको ही जान।, मैं बुद्धिमानों की बुद्धि और तेजस्वियों का तेज हूँ॥,10॥,
💮🚩 दैनिक राशिफल 🚩💮
देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत।।आज का राशिफल
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मेष🐐-(चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)
आज के दिन लाभ के अवसर आपकी तलाश में रहेंगे। दिन में जिस किसी के भी संपर्क में रहेंगे उससे कुछ ना कुछ लाभ अवश्य होगा। कार्य क्षेत्र पर भी एक से अधिक साधनो से आय होगी। व्यावसायिक क्षेत्र से जुड़ी महिलाओ को पदोन्नति के साथ प्रोत्साहन के रूप में आर्थिक सहायता भी मिल सकती है। सामाजिक कार्यो में रुचि ना होने पर भी सम्मिलित होना पड़ेगा मान-सम्मान बढेगा। परिजनों का मार्गदर्शन आज प्रत्येक क्षेत्र पर काम आएगा। महिलाओं का सुख सहयोग मिलेगा। प्रेम प्रसंगों में निकटता रहेगी।
वृष🐂-(ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)
आज का दिन कार्य सफलता वाला रहेगा। प्रातः काल जल्दी कार्यो में जुटने का फल शीघ्र ही धन लाभ के रूप में मिलेगा। अधिकांश कार्य थोड़े से परिश्रम से पूर्ण हो जाएंगे। अधिकारी वर्ग मुश्किल कार्यो में सहयोग करेंगे। आज आप जोड़ तोड़ वाली नीति अपना कर कठिन परिस्थितियों में भी अपना काम निकाल लेंगे। सरकारी कार्य मे भी सफलता की उम्मद जागेगी प्रयास करते रहे। दाम्पत्य जीवन मे छोटी-मोटी बातों को दिल पर ना लें स्थिति सामान्य ही रहेगी। मित्रो से कोई दुखद समाचार मिलेगा।
मिथुन👫-(का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)
आज के दिन आप सम्भल कर ही कार्य करेंगे फिर भी सफलता में संशय बना रहेगा। व्यवहारिकता की कमी के कारण जितना लाभ मिलना चाहिए उतना नही मिल सकेगा। घर अथवा बाहर बेवजह कलह के प्रसंग बनेगे। व्यापार व्यवसाय में सहकर्मियो की।मनमानी के कारण असुविधा एवं अव्यवस्था बनेंगी लेकिन फिर भी स्वयं के पराक्रम से खर्च लायक धनार्जन कर ही लेंगे। आस-पड़ोसी एवं भाई बंधुओ से बात का बतंगड़ ना बने इसके लिए मौन रखने की जरूरत है फिर भी महिलाये स्वभावानुसार बनती बात बिगाड़ लेंगी। विपरीत लिंग के प्रति कामासक्त रहेंगे।
कर्क🦀-(ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
आज का दिन आशाओं के विपरीत रहने वाला है। सोची हुई योजनाए आरम्भ में सफल होती नजर आएंगी परन्तु मध्यान तक इनसे निराशा ही मिलेगी। आज आप जिससे भी सहायता मांगेंगे वो भ्रम की स्थिति में रखेगा। आज आप आत्मनिर्भर होकर अपने कार्यो को करें। भागीदारों से धन को लेकर अनबन हो सकती है। मीठा व्यवहार रखने पर भी लोग आपको केवल कार्य निकालने के लिए इस्तेमाल करेंगे। कार्य क्षेत्र की भड़ास घर पर निकालने से घर का माहौल भी बेवजह खराब होगा। पुराने कार्यो को पूर्ण करने की चिंता रहेगी। प्रेम प्रसंगों से निराश होंगे।
सिंह🦁-(मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
आज का दिन भी आशानुकूल रहेगा। सेहत उत्तम रहने से कार्यो को मन लगाकर करेंगे लेकिन किसी के हस्तक्षेप करने से मन विक्षिप्त हो सकता है। किसी के ऊपर ध्यान ना दें एकाग्र होकर अपने कार्य मे लगे रहे धन एवं सम्मान दोनों मिलने के योग है। लेकिन उधार के व्यवहार बढ़ने से असुविधा भी होगी। व्यावसाय में वृद्धि के लिए निवेश करना शुभ रहेगा। भाई-बंधुओ का सहयोग आज अपेक्षाकृत कम ही रहेगा। महिलाओं को छोड़ घर के अन्य सदस्य आपसे ईर्ष्यालु व्यवहार रखेंगे। स्त्री से सुखदायक समाचार मिलेंगे।
कन्या👩-(टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
आज का दिन काफी उठा पटक वाला रहेगा। व्यावसायिक योजनाओं में अचानक बदलाव करना पड़ेगा। दिन के आरंभ में कार्यो की गति धीमी रहेगी समय पर वादा पूरा ना करने से व्यावसायिक संबंध खराब हो सकते है। कार्यो के प्रति नीरसत अधिक रहेगी। किसी भी कार्य को लेकर ठोस निर्णय नही ले पाएंगे परन्तु जिस भी कार्य में निवेश करेंगे उसमे विलंभ से ही सही सफल अवश्य होंगे धन लाभ भी आवश्यकता अनुसार हों जायेगा लेकिन संध्या पश्चात धन संबंधित कोई भी कार्य-व्यवहार ना करें। परिजन आपके टालमटोल वाले व्यवहार से दुखी रहेंगे।
तुला⚖️-(रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
आज के दिन आप बुद्धि विवेक से कार्य करेंगे परन्तु परिस्थिति हर तरह से कार्यो में बाधा डालेगी। कार्य व्यवसाय से मन ऊबने लगेगा धैर्य से कार्य करते रहें संध्या तक संतोषजक लाभ अवश्य मिलेगा पारिवारिक एवं सामाजिक क्षेत्र पर आपके विचारो की प्रशंसा होगी लेकिन केवल व्यवहार मात्र के लिए ही। आर्थिक विषयो को लेकर किसी से विवाद ना करें धन डूबने की आशंका है। गृहस्थ में प्रेम स्नेह तो मिलेगा परन्तु स्वार्थ सिद्धि की भावना भी अधिक रहेगी। महिलाये अधिक बोलने की समस्या से ग्रस्त रहेंगी।
वृश्चिक🦂-(तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)
आज के दिन अनैतिक कार्यो से बच कर रहें मन भ्रमित रहने के कारण निषेधात्मक कार्यो में भटकेगा। लोग आपसे भावनात्मक संबंध बनाएंगे परन्तु आवश्यकता के समय कोई आगे नही आएगा। कार्य क्षेत्र पर भी सहकर्मियो का रूखा व्यवहार रहने से स्वयं के ऊपर ज्यादा निर्भर रहना पड़ेगा। लंबी यात्रा के प्रसंग बनेंगे संभव हो तो आज टालें। पेट अथवा स्वांस, छाती संबंधित व्याधि हो सकती है। अधिकांश समय मानसिक रूप से भी अशान्त रहेंगे। परिवार में अनावश्यक खर्च बढ़ेंगे किसी की गलती का विरोध करना भी बेवजह कलह का कारण बनेगा।
धनु🏹-(ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)
आज का दिन आर्थिक दृष्टिकोण से उन्नति वाला रहेगा। धन संबंधित समस्याएं काफी हद तक सुलझने पर दिन भर प्रसन्नता रहेगी। कार्य व्यवसाय से प्रारंभिक परिश्रम के बाद दोपहर के समय से धन की आमद शुरू हो जाएगी जो संध्या तक रुक रुक कर चलती रहेगी। मितव्ययी रहने के कारण खर्च भी हिसाब से करेंगे धन कोष में वृद्धि होगी। महिलाये किसी मनोकामना पूर्ति से उत्साहित होंगी। आज महिला वर्ग से कोई भी काम निकालना आसान रहेगा मना नही कर सकेंगी। दाम्पत्य सुख में भी वृद्धि होगी। पर्यटन की योजना बनेगी।
मकर🐊-(भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)
आज के दिन आप किसी भी कार्य को लेकर ज्यादा भाग-दौड़ करने के पक्ष में नही रहेंगे। आसानी से जितना मिल जाये उसी में संतोष कर लेंगे। परन्तु महिलाये इसके विपरीत रहेंगी अल्प साधनो से कार्य करने पर भाग्य को दोष देंगी। व्यवसाय की गति पल पल में बदलेगी जिससे सुकून से बैठने का समय नही मिलेगा। किसी पुरानी घटना को याद करके दुखी रहेंगे। पारिवारिक खर्चो में अकस्मात वृद्धि होने से बजट गड़बड़ा सकता है। महिलाओं के मन मे आज उथल पुथल अधिक रहने के कारण बड़ी जिम्मेदारी का कार्य सौपना उचित नही रहेगा।
कुंभ🍯-(गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
आज के दिन मानसिक चंचलता के कारण बनते कार्यो को दुविधा के कारण आप स्वयं बिगाड़ लेंगे। सरकारी कार्य आज सावधानी से करें अन्यथा लंबित रखें हानि निश्चित रहेगी। संबंधो के प्रति भी आज ईमानदार नही रहेंगे। पारिवारिक वातावरण आपके गलत आचरण से कलुषित होगा। सामाजिक क्षेत्र पर लोग पीठ पीछे बुराई करेंगे। सेहत में मानसिक दबाव के चलते उतार चढ़ाव लगा रहेगा। घर के बुजुर्ग आपसे नाराज रहेंगे। धन लाभ अचानक होने से स्थिति संभाल नही सकेंगे रुपया आते ही हाथ से निकल भी जायेगा।
मीन🐳-(दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)
आपको आज के दिन प्रत्येक कार्यो में सावधान रहने की आवश्यकता है। धन के पीछे भागने की प्रवृति पर आज लगाम लगाकर रखे अन्यथा धन के साथ-साथ मान हानि भी होगी। दोपहर से पहले के भाग में पुराने कार्य पूर्ण होने से थोड़ा बहुत धन मिलने से दैनिक खर्च निकल जाएंगे। इसके बाद का समय प्रतिकूल बनता जाएगा। कार्य व्यवसाय में प्रतिस्पर्धी हर प्रकार से आपके कार्यो में व्यवधान डालने का प्रयास करेंगे। परिजनों से भी मामूली बात पर झगड़ा होगा। वाणी एवं व्यवहार से संयम बरतें।
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बुधवार का रखते हैं व्रत तो जरूर पढ़ें यह कथा और
आरती, साथ ही जानें नियम
बुधवार का दिन भगवान गणेश को समर्पित होता है। इस दिन श्री गणेश का व्रत रखने से गणपति की कृपा भी होती है और कथा के पाठ से सुख-समृद्धि का वास बना रहता है।बुधवार का दिन श्री गणेश को समर्पित है। इस दिन श्री गणेश की पूजा के साथ-साथ व्रत के पालन का विधान भी बताया गया है। ऐसे में आइये जानते हैं बुधवार व्रत की कथा, आरती और नियमों के बारे में विस्तार से।
बुधवार व्रत नियम
1.बुधवार व्रत के नियम बहुत सरल हैं। बुधवार के दिन प्रातः स्नान के बाद व्रत रखें।
2.व्रत रखने के बाद नमक (नमक के उपाय) का भोजन न करें। शाम के समय फलाहार का सेवन करें।
3.फलाहार के साथ ही व्रत का पारण करें क्योंकि अन्न के
बुधवार व्रत कथा
एक बार मधुसुदन नाम का एक व्यक्ति अपनी पत्नी को उसके मायके लेने पहुंचा।जिस दिन मधुसुदन अपनी पत्नी को लेने उसके मायके पहुंचा उस दिन बुधवार था। मधुसुदन अपनी पत्नी को लेकर जाने लगा तो सास-ससुर ने उन्हें जाने से रोक दिया। सास-ससुर ने मधुसुदन को बताया कि बुधवार को शुभ काम के लिए यात्रा नहीं करते। हालांकि मधुसुदन ने इन सब बातों को मानने से इनकार कर दिया और चलने लगा। तभी उसके सास-ससुर ने उससे गणपति और बुध पूजन करके आने के बारे में पूछा। मधुसुदन ने जाने की जल्दी में झूठ बोल दिया कि उसने श्री गणेश की पूजा की थी। इसके बाद मधुसुदन पत्नी को लेकर घर से चला लेकिन उसे रास्ते में कष्ट उठाने पड़े। उसकी बैलगाड़ी टूट गई जिसकी वजह से उसे पत्नी के साथ दूर तक पैदल चलना पड़ा। फिर बिना अपराध के गलतफहमी के कारण उसे उस राज्य के राजा ने सजा सुना दी। इन सब घटनाओं के बाद मधुसुदन को अहसास हुआ कि बुधवार व्रत कितना जरूरी है। इसके बाद उसने श्री गणेश और बुध देव से क्षमा मांगी और व्रत रखने का वचन दिया। श्री गणेश एवं बुध देव की कृपा हुई और मधुसुदन अपनी पत्नी के साथ घर पहुंच गया। मधुसुदन ने इसके बाद से अपनी साथ के साथ बुधवार व्रत का श्रद्धा से पालन किया।
बुधवार व्रत आरती श्री गणेश की आरती
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा। माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥
एक दंत दयावंत, चार भुजा धारी। माथे सिंदूर सोहे, मूसे की सवारी॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा। माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥
पान चढ़े फल चढ़े, और चढ़े मेवा। लड्डुअन का भोग लगे संत करें सेवा॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा। माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥
अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया। बांझन को पुत्र देत निर्धन को माया॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा। माता जाकी पार्वती (माता पार्वती के मंत्र) पिता महादेवा॥
सूर’ श्याम शरण आए, सफल कीजे सेवा। माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा। माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥
दीनन की लाज रखो, शंभु सुतकारी। कामना को पूर्ण करो जाऊं बलिहारी॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा। माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥
बुध देव की आरती
आरती युगलकिशोर की कीजै। तन मन धन न्योछावर कीजै॥
गौरश्याम मुख निरखन लीजै। हरि का रूप नयन भरि पीजै॥
रवि शशि कोटि बदन की शोभा। ताहि निरखि मेरो मन लोभा॥
ओढ़े नील पीत पट सारी। कुंजबिहारी गिरिवरधारी॥
फूलन सेज फूल की माला। रत्न सिंहासन बैठे नंदलाला॥
कंचन थार कपूर की बाती। हरि आए निर्मल भई छाती॥
श्री पुरुषोत्तम गिरिवरधारी। आरती करें सकल नर नारी॥
नंदनंदन बृजभान किशोरी। परमानंद स्वामी अविचल जोरी॥
नोट-
-अगर आप भी बुधवार का व्रत रख रहे हैं तो इन नियमों का पालन अवश्य करें और साथ ही, आरती और कथा अवश्य पढ़ें। तभी व्रत पूर्ण होगा।