न्यूज रिपोर्टर नरसीराम शर्मा बीकानेर श्रीडूंगरगढ़
पंचांग का अति प्राचीन काल से ही बहुत महत्त्व माना गया है ज्योतिष शास्त्रों में भी पंचांग को बहुत महत्त्व दिया गया है और पंचाग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना गया है !पंचांग में सूर्योदय सूर्यास्त, चद्रोदय-चन्द्रास्त काल, तिथि, नक्षत्र, मुहूर्त, योगकाल, करण, सूर्य-चंद्र के राशि, चौघड़िया मुहूर्त दिए गए हैं!
🙏जय श्री कृष्णा🙏
आज का पंचांग
*दिनाँक:- 22/06/2024, शनिवार* पूर्णिमा, शुक्ल पक्ष, ज्येषठ “””””””(समाप्ति काल)
तिथि————- पूर्णिमा 06:36:45 तक
तिथि————– प्रतिपदा 29:12:27*(क्षय )
पक्ष———————— शुक्ल
नक्षत्र——————- मूल 17:53:15
योग—————— शुक्ल 16:43:41
करण——————- बव 06:36:45
करण—————– बालव 17:57:54
करण—————- कौलव 29:12:27
वार————————- शनिवार
माह————————- ज्येष्ठ
चन्द्र राशि——————– धनु
सूर्य राशि——————— मिथुन
रितु————————– वर्षा
आयन———————– दक्षिणायण
संवत्सर——————– क्रोधी
संवत्सर (उत्तर)—————- कालयुक्त
विक्रम संवत—————- 2081
गुजराती संवत————– 2080
शक संवत—————— 1946
कलि संवत—————— 5125
सूर्योदय——————– 05:26:04
सूर्यास्त———————- 19:16:35
दिन काल——————– 13:50:31
रात्री काल——————- 10:09:43
चंद्रास्त———————– 05:45:16
चंद्रोदय———————– 19:58:30
लग्न———– मिथुन 6°53′, 66°53′
सूर्य नक्षत्र————– आर्द्रा
चन्द्र नक्षत्र———————— मूल
नक्षत्र पाया——————– ताम्र
🚩 पद, चरण 🚩
यो—- मूल 06:09:11
भा—- मूल 12:02:06
भी—- मूल 17:53:15
भू—- पूर्वाषाढा 23:42:46
💮 ग्रह गोचर 💮
ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
==========================
सूर्य= मिथुन 06°10, आर्द्रा 1 कु
चन्द्र=धनु 06°30 , ज्येष्ठा 2 यो
बुध =मिथुन 15°53′ आर्द्रा 3 ड
शु क्र= मिथुन 11°05, आर्द्रा ‘ 2 घ
मंगल=मेष 15°30 ‘ भरणी ‘ 1 ली
गुरु=वृषभ 12°30 रोहिणी , 1 ओ
शनि=कुम्भ 25°00 ‘ पू o भा o ,2 सो
राहू=(व) मीन 17°35 रेवती , 1 दे
केतु=(व) कन्या 17°35 हस्त , 3 ण
💮शुभा$शुभ मुहूर्त 💮
राहू काल 08:54 – 10:38 अशुभ
यम घंटा 14:05 – 15:49 अशुभ
गुली काल 05:26 – 07: 10अशुभ
अभिजित 11:54 – 12:49 शुभ
दूर मुहूर्त 07:17 – 08:12 अशुभ
वर्ज्यम 16:20 – 17:53 अशुभ
प्रदोष 19:17 – 21:20 शुभ
🚩गंड मूल 05:26 – 17:53 अशुभ
💮चोघडिया, दिन
काल 05:26 – 07:10 अशुभ
शुभ 07:10 – 08:54 शुभ
रोग 08:54 – 10:38 अशुभ
उद्वेग 10:38 – 12:21 अशुभ
चर 12:21 – 14:05 शुभ
लाभ 14:05 – 15:49 शुभ
अमृत 15:49 – 17:33 शुभ
काल 17:33 – 19:17 अशुभ
🚩चोघडिया, रात
लाभ 19:17 – 20:33 शुभ
उद्वेग 20:33 – 21:49 अशुभ
शुभ 21:49 – 23:05 शुभ
अमृत 23:05 – 24:21* शुभ
चर 24:21* – 25:38* शुभ
रोग 25:38* – 26:54* अशुभ
काल 26:54* – 28:10* अशुभ
लाभ 28:10* – 29:26* शुभ
💮होरा, दिन
शनि 05:26 – 06:35
बृहस्पति 06:35 – 07:44
मंगल 07:44 – 08:54
सूर्य 08:54 – 10:03
शुक्र 10:03 – 11:12
बुध 11:12 – 12:21
चन्द्र 12:21 – 13:31
शनि 13:31 – 14:40
बृहस्पति 14:40 – 15:49
मंगल 15:49 – 16:58
सूर्य 16:58 – 18:07
शुक्र 18:07 – 19:17
🚩होरा, रात
बुध 19:17 – 20:07
चन्द्र 20:07 – 20:58
शनि 20:58 – 21:49
बृहस्पति 21:49 – 22:40
मंगल 22:40 – 23:31
सूर्य 23:31 – 24:21
शुक्र 24:21* – 25:12
बुध 25:12* – 26:03
चन्द्र 26:03* – 26:54
शनि 26:54* – 27:45
बृहस्पति 27:45* – 28:36
मंगल 28:36* – 29:26
*🚩 उदयलग्न प्रवेशकाल 🚩*
मिथुन > 04:08 से 6:48 तक
कर्क > 06:48 से 08:38 तक
सिंह > 08:38 से 11:18 तक
कन्या > 11:18 से 13:24 तक
तुला > 13:24 से 15: 26 तक
वृश्चिक > 15:26 से 17:58 तक
धनु > 17:58 से 19:48 तक
मकर > 19:48 से 22:02 तक
कुम्भ > 22:02 से 23:14 तक
मीन > 23:14 से 00:44 तक
मेष > 00:44 से 02:24 तक
वृषभ > 02:24 से 04:08 तक
*🚩विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार*
(लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट
*नोट*- दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें।
लाभ में व्यापार करें।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें।
*💮दिशा शूल ज्ञान—————–पूर्व*
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो लौंग अथवा कालीमिर्च खाके यात्रा कर सकते हैl
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
*शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु चl*
*भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय:ll*
*🚩 अग्नि वास ज्ञान -:*
*यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,*
*चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु।*
*दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,*
*नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं।।*
*महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्*
*नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत्।।*
15 + 7 + 1 = 23 ÷ 4 = 3 शेष
मृत्यु लोक पर अग्नि वास हवन के लिए शुभ कारक है l
*🚩ग्रह मुख आहुति ज्ञान 🚩*
सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है
चन्द्र ग्रह मुखहुति
*💮 शिव वास एवं फल -:*
15 + 15 + 5 = 35 ÷ 7 = 0 शेष
शमशान वास = मृत्यु कारक
*🚩भद्रा वास एवं फल -:*
*स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।*
*मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।*
*💮🚩 विशेष जानकारी 🚩💮*
*प्रतिपदाक्षय
*संत कबीर दास जी जयंती
*जगन्नाथ रथ यात्रा प्रारम्भ
*गुरु हरगोविंद सिंह जयंती
💮 शुभ विचार 💮
गते शोको न कर्तव्यो भविष्यं नैव चिन्तयेत्।
वर्तमानेन कालेन प्रवर्त्तन्ते विचक्षणाः।।
।। चा o नी o।।
हम उसके लिए ना पछताए जो बीत गया. हम भविष्य की चिंता भी ना करे. विवेक बुद्धि रखने वाले लोग केवल वर्तमान में जीते है.
🚩 सुभाषितानि 🚩
गीता -: ज्ञानविज्ञानयोग अo-07
एतद्योनीनि भूतानि सर्वाणीत्युपधारय ।,
अहं कृत्स्नस्य जगतः प्रभवः प्रलयस्तथा ॥,
हे अर्जुन! तू ऐसा समझ कि सम्पूर्ण भूत इन दोनों प्रकृतियों से ही उत्पन्न होने वाले हैं और मैं सम्पूर्ण जगत का प्रभव तथा प्रलय हूँ अर्थात् सम्पूर्ण जगत का मूल कारण हूँ॥,6॥,
🚩 दैनिक राशिफल🚩
देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत।।
🐏मेष-पुराने संगी-साथी व रिश्तेदारों से मुलाकात होगी। नए मित्र बनेंगे। अच्छी खबर मिलेगी। प्रसन्नता रहेगी। कार्यों में गति आएगी। विवेक का प्रयोग करें। लाभ में वृद्धि होगी। मित्रों के सहयोग से किसी बड़ी समस्या का हल मिलेगा। व्यापार ठीक चलेगा। घर-बाहर सुख-शांति रहेगी।
🐂वृष-मेहनत सफल रहेगी। बिगड़े काम बनेंगे। कार्यसिद्धि से प्रसन्नता रहेगी। आय में वृद्धि होगी। सामाजिक कार्य करने के अवसर मिलेंगे। घर-बाहर पूछ-परख रहेगी। जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। पार्टनरों का सहयोग मिलेगा। समय की अनुकूलता का लाभ लें। धनार्जन होगा।
👫मिथुन-लेन-देन में सावधानी रखें। किसी भी अपरिचित व्यक्ति पर अंधविश्वास न करें। शोक संदेश मिल सकता है। विवाद को बढ़ावा न दें। किसी के उकसाने में न आएं। व्यस्तता रहेगी। थकान व कमजोरी रहेगी। काम में मन नहीं लगेगा। आय में निश्चितता रहेगी। व्यवसाय ठीक चलेगा।
🦀कर्क-मेहनत का फल पूरा नहीं मिलेगा। स्वास्थ्य खराब हो सकता है। बौद्धिक कार्य सफल रहेंगे। किसी प्रबुद्ध व्यक्ति का मार्गदर्शन मिल सकता है। यात्रा मनोरंजक रहेगी। पारिवारिक मांगलिक कार्य हो सकता है। नौकरी में अधिकार बढ़ सकते हैं। उन्नति के मार्ग प्रशस्त होंगे।
🐅सिंह-संपत्ति के बड़े सौदे बड़ा लाभ दे सकते हैं। प्रॉपर्टी ब्रोकर्स के लिए सुनहरा मौका साबित हो सकता है। भाग्योन्नति के प्रयास सफल रहेंगे। रोजगार में वृद्धि के योग हैं। स्वास्थ्य कमजोर रहेगा। आय में वृद्धि होगी। व्यस्तता रहेगी। मित्रों की सहायता कर पाएंगे।
🙍♀️कन्या-शत्रुओं का पराभव होगा। राजकीय सहयोग प्राप्त होगा। वैवाहिक प्रस्ताव प्राप्त हो सकता है। कारोबार से लाभ होगा। नौकरी में प्रभाव बढ़ेगा। कोई बड़ा कार्य करने की योजना बन सकती है। कार्यसिद्धि होगी। सुख के साधनों पर व्यय होगा। प्रसन्नता रहेगी। प्रमाद न करें।
⚖️तुला-वाहन,मशीनरी व अग्नि आदि के प्रयोग से हानि की आशंका है, सावधानी रखें। दूसरों के झगड़ों में हस्तक्षेप न करें। आवश्यक वस्तु समय पर नहीं मिलने से क्षोभ होगा। फालतू की बातों पर ध्यान न दें। व्यापार ठीक चलेगा। जोखिम व जमानत के कार्य बिलकुल न करें।
🦂वृश्चिक-तीर्थदर्शन हो सकता है। सत्संग का लाभ मिलेगा। राजकीय सहयोग से कार्य पूर्ण व लाभदायक रहेंगे। कारोबार मनोनुकूल रहेगा। शेयर मार्केट में जोखिम न लें। नौकरी में चैन रहेगा। घर-बाहर प्रसन्नता बनी रहेगी। दुष्टजन हानि पहुंचा सकते हैं। ध्यान रखें।
🏹धनु-आर्थिक उन्नति के प्रयास सफल रहेंगे। कोई बड़ा कार्य कर पाएंगे। व्यवसाय मनोनुकूल लाभ देगा। कार्य पूर्ण होंगे। प्रसन्नता रहेगी। प्रतिष्ठा बढ़ेगी। भाग्य का साथ मिलेगा। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। जोखिम न लें। भाइयों का सहयोग मिलेगा। आय में वृद्धि होगी।
🐊मकर-बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे। लंबी यात्रा हो सकती है। लाभ होगा। नए अनुबंध हो सकते हैं। रोजगार में वृद्धि होगी। रुके कार्य पूर्ण होंगे। प्रसन्नता रहेगी। नौकरी में उच्चाधिकारी की प्रसन्नता प्राप्त होगी। प्रशंसा मिलेगी। घर-बाहर पूछ-परख रहेगी। प्रमाद न करें।
🍯कुंभ-व्ययवृद्धि से तनाव रहेगा। किसी व्यक्ति के उकसावे में न आएं। विवाद से बचें। पारिवारिक चिंता बनी रहेगी। काम में मन नहीं लगेगा। व्यापार ठीक चलेगा। आय होगी। विवेक का प्रयोग करें। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। मित्रों का सहयोग प्राप्त होगा।
🐟मीन-रोजगार में वृद्धि होगी। व्यावसायिक यात्रा लाभदायक रहेगी। बेरोजगारी दूर करने के प्रयास सफल रहेंगे। नवीन वस्त्राभूषण की प्राप्ति होगी। कोई बड़ा कार्य हो जाने से प्रसन्नता रहेगी। निवेश लाभदायक रहेगा। भाग्योन्नति के प्रयास सफल रहेंगे। विवाद से बचें। आवश्यक वस्तु गुम हो सकती है।
🙏आपका दिन मंगलमय हो🙏
शनिवार व्रत महत्व
शनिवार के दिन व्रत रखने से जातक के शनिदोष समाप्त होते हैं। यहां तक कि भविष्य में आने वाले बुरे प्रकोप से भी बचा जा सकता है। शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या से छुटकारा मिलता है। इससे नौकरी और व्यापार में लाभ मिलता है। इसके अलावा सुख-समृद्धि और मान-सम्मान में बढ़ोतरी होती है। शनिवार के दिन व्रत रखने से घरों में सुख-शांति बनी रहती है। साथ ही साथ धन-यश की भी प्राप्ति होती है। मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने से दुर्भाग्य को सौभाग्य में बदला जा सकता है।
Shaniwar Mantra (शनिवार मंत्र)
ॐ शं शनैश्चराय नमः
ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः
ॐ शन्नो देविर्भिष्ठयः आपो भवन्तु पीतये। सय्योंरभीस्रवन्तुनः।।
Shaniwar Vrat Niyam (शनिवार व्रत के नियम)
व्रत से एक दिन पहले तामसिक वस्तुओं का सेवन नहीं करना चाहिए। व्रत वाले दिन स्नान के बाद पीपल वृक्ष में जल अर्पित करना चाहिए। व्रत वाले दिन किसी के प्रति मन में द्वेष की भावना नहीं रखनी चाहिए। इस दिन गरीबों जरुरत का सामान दान जरूर करें। इसके अलावा इस दिन चीटियों को आटा जरूर डालें। शनिवार व्रत में पूरे दिन फलाहार पर रहना चाहिए। व्रत के दूसरे दिन शनि देव की पूजा के बाद ही व्रत का पारण करें।