न्यूज रिपोर्टर मनोज मूंधड़ा बीकानेर श्रीडूंगरगढ़
आसनों में सर्वश्रेष्ठ आसन पश्चिमोत्तानासन के बारे में जानिए योग एक्सपर्ट ओम कालवा के साथ।
श्री डूंगरगढ़। कस्बे की ओम योग सेवा संस्था के डायरेक्टर योगाचार्य ओम प्रकाश कालवा ने जानकारी देते हुए बताया कि योग ग्रन्थों में सबसे उपयोगी आसन पश्चिमोत्तानासन शब्द संस्कृत के मूल शब्दों से बना है “पश्चिम” जिसका अर्थ है “पीछे” या “पश्चिम दिशा”, और “तीव्र खिंचाव” है और आसन जिसका अर्थ है “बैठने का तरीका”। इसका सम्पूर्ण मतलब इस आसन में बैठ कर शरीर के बीच के हिस्से में तीव्र खिंचाव पैदा करना है ताकि शरीर की ऊर्जा को नियंत्रित किया जा सके। पश्चिमोत्तानासन यह आसन शिव संहिता में भी वर्णित है और साथ ही अष्टांग श्रृंखला का एक महत्वपूर्ण हिस्सा भी है। हठ योगियों द्वारा यह आसन शरीर में ऊर्जा के बहाव को नियंत्रित करने के लिए किया जाता है।
तरीका???? (Steps to do Seated forward bend)
Step 1 ???? मैट पर बाहर की तरफ सीधी टांगें करके बैठ जाएं और सिर को सीधा रखें।
Step 2 ???? गहरी सांस लेते हुऐ हाथ ऊपर की ओर करें और कमर सीधी रखेंं
Step 3 ???? इसी मुद्रा में धीरे-धीरे आगे की ओर झुकना शुरू करें और रीढ़ की हड्डी को मुड़ने न दें
समय????
कुल मिला कर पाँच बार साँस अंदर लें और बाहर छोड़ें ताकि आप आसन में 30 से 60 सेकेंड तक रह सकें। धीरे धीरे जैसे आपके शरीर में ताक़त और लचीलापन बढ़ने लगे, आप समय बढ़ा सकते हैं — 90 सेकेंड से ज़्यादा ना करें।
लाभ????
पश्चिमोत्तानासन व्यक्ति की lower back (कमर का निचला हिस्सा) के लिए रामबाण योगासन है। इस आसन के नियमित अभ्यास से कमर के निचले हिस्से में दर्द से छुटकारा पाया जा सकता है। लेकिन इसका सिर्फ यही एक फायदा नहीं है। मोटापा कई स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं और बीमारियों का कारण है। इसलिए, बीमारियों से बचने के लिए स्वस्थ वजन बनाए रखना आवश्यक है। पश्चिमोत्तानासन स्वस्थ वजन बनाए रखने में मदद कर सकता है और पेट की चर्बी कम करने में भी मदद कर सकता है ।
नोट ????
योगासनों का अभ्यास अनुभवी योग शिक्षक की देखरेख में ही करना चाहिए।