न्यूज रिपोर्टर मनोज मूंधड़ा बीकानेर श्रीडूंगरगढ़
गैस का होगा स्थाई समाधान जानिए योग प्रशिक्षक ओम प्रकाश कालवा के साथ।
श्रीडूंगरगढ़। कस्बे की ओम योग सेवा संस्था के निदेशक योग प्रशिक्षक ओम प्रकाश कालवा ने पूर्ण पवनमुक्तासन के बारे में जानकारी देते हुए बताया।
अर्थ
पवनमुक्तासन एक योग क्रिया है। पवन का अर्थ है वायु और मुक्त का अर्थ है छोड़ना या मुक्त करना। जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है ये आसन आपकी आंतों से वायु या वात निकालने में उपयोगी है। इस आसन के करने से कभी कब्ज की समस्या नहीं होती और पाचन में सुधार होता है।
विधि
चरण 1. पीठ के बल शवासन की मुद्रा में लेट जाएं. चरण 2.दोनों हाथों से घुटने को ऊपर से पकड़ें और सांस लेते हुए पैर के घुटनों को सीने से लगाएं और 10-20 सेकेंड तक सांस रोक कर रखें. चरण 3. घुटने को दोनों हाथों से मुक्त करें फिर सांस छोड़ते हुए पैरों को सीधा करके सामान्य स्थिति में लौट आएं.
लाभ
पवनमुक्तासन पीठ की निचले हिस्से की मांसपेशियों को मजबूत करता है और रीढ़ की हड्डी में लचक बढ़ाता है। श्रोणि की मांसपेशियों और प्रजनन अंगों की मालिश करके, यह नपुंसकता,बाँझपन और मासिक धर्म की समस्याओं के उपाय में भी उपयोगी है।
नोट
-सभी योग आसनों का अभ्यास अनुभवी योग प्रशिक्षक की देखरेख में ही करना चाहिए।
निवेदन
ओम योग सेवा संस्था श्री डूंगरगढ़