सत्यार्थ न्यूज़
रिपोर्ट मनोज कुमार
बाढ़ एवं अतिवृष्टि से निपटने हेतु सभी पूर्व तैयारी सुनिश्चित कर ली जाए- कलेक्टर श्री सिंह
शहरी क्षेत्रों में नदी-नालों की सफाई करवाई जाए
आपदा प्रबंधन की बैठक कलेक्टर श्री सिंह ने दिए निर्देश
आगर मालवा 20 मई/ कलेक्टर श्री राघवेंद्र सिंह ने शनिवार को कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में जिला आपदा प्रबंधन समिति की बैठक लेकर अधिकारियों को निर्देश दिए की बारिश के मौसम में जिले में बाढ़ एवं अतिवृष्टि की स्थिति से निपटने हेतु सभी पूर्व तैयारियाँ सुनिश्चित कर ली जाएं, बचाव एवं राहत कार्यां के संबंधित सभी आवश्यक संसाधन जुटा लें, होमगार्ड विभाग गोताखोरो को प्रशिक्षण देने के साथ ही बाढ़ के दौरान उपयोग में आने वाली सामग्री बोट, रस्सा, टॉर्च आदि की व्यवस्था करके रखें।
बैठक में सीईओ जिला पंचायत श्रीमती हरसिमरनप्रीत कौर, एडीएम श्री आरपी वर्मा, एसडीएम आगर सर्वेश यादव, एसडीएम सुसनेर श्री मिलिन्द ढोके ,अधीक्षक भू-अभिलेख श्रीमती प्रीति चौहान सहित सभी संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।
कलेक्टर ने एसडीएम एवं तहसीलदारों को निर्देश दिए कि विगत वर्षों में जिन क्षेत्रों में बाढ़ एवं जल भराव की स्थिति निर्मित हुई है, उन्हें चिन्हित करें तथा हां स्थिति से निपटने के लिए सभी व्यवस्था की जाए। ऐसे क्षेत्रों में सभी संबंधित अधिकारियों के दूरभाष नम्बरों की सूची भी चस्पा की जाए तथा पूर्व सूचना देने हेतु कोटवार एवं अन्य मैदानी अमले को पाबंद करें। अत्यधिक बारिश के कारण जिन क्षेत्रों का जिला मुख्यालय से संपर्क टूटता है, वहां पहले से ही खाद्यान्न, दवाइयां सहित अन्य व्यवस्था कर लें। मानसून अवधि के लिए जिला एवं तहसील मुख्यालय पर कंट्रोल रूम का गठन कर अधिकारी-कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई जाए।
कलेक्टर ने शहरी क्षेत्रों में जहां जलभराव की स्थिति निर्मित होती है, वहां जल निकासी की व्यवस्था करवाने तथा सभी नदी-नालों की बारिश पूर्व सफाई करवाने के निर्देश सभी सीएमओ को दिए। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी को सभी स्वास्थ्य केन्द्रों पर मौसमी बीमारियों से बचाव एवं अन्य जरूरी दवाईयां उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। उन्होंने निर्देश दिए कि किसी भी बांध एवं डेम में अत्यधिक जलभराव की स्थिति में निर्मित होने पर जल निकासी से पूर्व बहाव क्षेत्र में लोगों तक स्थानीय अमले के माध्यम से पूर्व सूचना दी जाकर ही जल छोड़ा जाए। बाढ़ एवं अतिवृष्टि की सूचना देने एवं राहत कार्य हेतु पंचायत स्तरीय दल का गठन किया जाए। नदी-नालों की पुल-पुलिया पर बारिश का पानी होने पर आवगमन नहीं करने के लिए सूचना संकेतक लगाए जाएं तथा ऐसी स्थिति में व्यक्ति एवं वाहनों के आवागमन की रोकथाम हेतु बेरीकेड लगवाएं जाकर कर्मचारी की ड्यूटी लगाएं।