पाटण के सिद्धि सरोवर का पानी पीने लायक है या नहीं, इसका ध्यान पाटण नगर पालिका को रखना चाहिए.
पाटन एक धार्मिक शहर के रूप में जाना जाता है। सिद्धि झील पाटन के तट पर स्थित है।
इसलिए पाटन नगर पालिका की लापरवाही के कारण इसमें बहुत अधिक प्रदूषण होता है। लोग नहर में कपड़े धोते हैं, गाड़ियाँ धोते हैं और नहाने के लिए साबुन, पाउडर, शैम्पू जैसे रसायनों का उपयोग करते हैं झील में आता है भारी अनुदान आने के बावजूद नगर पालिका द्वारा कोई ठोस कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही है। पूरे पाटन के शहरी लोग इस पानी का उपयोग झील में कचरा डालकर करते हैं।
तस्वीर में आप देख सकते हैं कि झील में कितना कूड़ा-कचरा नजर आ रहा है, वहीं गोलापुर के पूर्व सरपंच उम्मेद सिंह, जो कुबेरेश्वर महादेव के सेवक हैं, खुद ही झील में कूड़ा-कचरा निस्तारित करने की कोशिश करते नजर आए यहां कपड़े धोते हैं और गंदा कूड़ा फेंकते हैं, जिससे पानी गंदा हो जाता है और पास में ही पवित्र कुबेरेश्वर महादेव का प्राचीन मंदिर होने के कारण जब श्रद्धालु यहां दर्शन के लिए आते हैं तो इस कूड़े से काफी दुर्गंध आती है। तो कब पाटन के सभी लोगों को शुद्ध और साफ पानी पीने और उपयोग करने को मिलेगा… रहा सवाल तो पाटन के लोगों की मांग है कि जल्द से जल्द इस झील की समुचित सफाई नगर निगम द्वारा करायी जाये.
रिपोर्टर गोवाभाई अहीर पाटन गुजरात