गोपाल चतुर्वेदी/मथुरा।
मोटे अनाज सेहत के लिए बरदानः डा वाईके शर्मा
वेटरनरी वि.वि के केवीके द्वारा गांव सैनवां में कराई गई मोटे अनाज की व्यंजन प्रतियोगिता
मथुरा। मोटे अनाज सेहत के लिए बरदान हैं। हर इंसान को अपनी खुराक में मोटे अनाजों के व्यजनों को जरुर शामिल करना चाहिए। ये विचार शनिवार को कृषि विज्ञान केन्द्र के प्रभारी डा वाई.के शर्मा ने व्यक्त किए। वो अटारी कानपुर, वेटरनरी वि.वि के कुलपति प्रो ए.के श्रीवास्तव, निदेशक प्रसार डा अतुल सक्सेना के दिशा निर्देशन में मोटे अनाज पर आधारित चौमुहां विकास खंड के गांव सैनवां में आयोजित व्यजंन प्रतियोगिता को संबोधित कर रहे थे। उन्होने कहा कि मोटे अनाजो में प्रमुख रुप से बाजरा, ज्वार, रागी, कगुनी, कोेदों, सावां आदि आते हैं। इनके सेवन से बीपी, शुगर, मोटापा सहित कई अन्य कई गंभीर बीमारियों से निजात मिलती है। इसलिए सभी को मोटे अनाजों का सेवन अवश्य करना चाहिए।
उद्यान वैज्ञानिक डा बृज मोहन ने पूरे विश्व में हो रही मोटे अनाज की खेती का परिदृश्य समझाते हुए सभी से मोटे अनाजों से बने व्यजंनों के सेवन करने की अपील की। उन्होने कार्यक्रम में मौजूद महिलाओं से आग्रह किया कि वो अपनी रसोई में मोटे अनाजों को जरुर शामिल करें।
डा ० एन.आर. राजपूत ने कहा कि मोटे अनाजों के उत्पादन में श्रम एवं लागत भी कम लगती है। मोटे अनाजों का सेवन इस दौर में जरुरी हो गया है। गर्भवती महिलाओं को संतुलित आहार जरुर खिलाएं। रेसपी प्रतियोगिता में महिलाओं ने मोटे अनाज से विभिन्न तरह के व्यजनं बनाए। निर्णायक कमेटी के सदस्य केवीेके प्रभारी डा वाईके शर्मा, डा बृज मोहन, प्रधान प्रतिनिधि, प्रभारी प्रधानाध्यापक प्रदीप कुमार ने उनके व्यजनों के आधार पर बबीता, , सरोज, छवि, दीपिका, देवकी, गुडिया आदि को प्रमाणपत्र देकर प्रोत्साहित किया।
इस अवसर पर मालती दीक्षित, त्रिलोकी शर्मा, गुडिया, निर्मला देवी, मीरा, खुशबू, साधना, पूजा, सुनीता, पिस्ता, लता देवी, गायत्री, मन्नू, सावित्री, उषा, संगीता, लता, तनीषा, किरन, मीरा, शांति, मुद्रा, सुमन, आरती आदि ने प्रतिभाग किया।