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जल जीवन मिशन में अनियमितता के आरोपों पर बिफरा विपक्ष, विधायक समितियों से जांच की मांग

जल जीवन मिशन में अनियमितता के आरोपों पर बिफरा विपक्ष, विधायक समितियों से जांच की मांग


गोपाल भार्गव ने भी रखा समर्थन, मुख्य सचिव बोले – अब कोई समझौता नहीं, गड़बड़ी मिली तो सीधी कार्रवाई
भोपाल, 27 नवंबर। मध्य प्रदेश में केंद्र की महत्वाकांक्षी जल जीवन मिशन योजना को लेकर सियासत एक बार फिर गरमा गई है। विपक्षी कांग्रेस ने बुधवार को विधानसभा में योजना को “चौपट” करने का गंभीर आरोप लगाते हुए विधायक समितियों से जांच कराने की मांग की। हैरानी की बात यह रही कि सत्ता पक्ष के वरिष्ठ विधायक और पूर्व मंत्री गोपाल भार्गव ने भी विपक्ष की इस मांग का खुला समर्थन कर दिया।
विपक्ष के नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार और कांग्रेस विधायक दल की उपनेता डॉ. हिना कावरे ने सदन में योजना के क्रियान्वयन में बड़े पैमाने पर अनियमितता, घटिया सामग्री का उपयोग और भ्रष्टाचार के आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि कई गांवों में पाइपलाइन बिछाने के बाद भी पानी नहीं पहुंच रहा, ठेकेदारों और अधिकारियों की मिलीभगत से करोड़ों रुपए का बंदरबांट हुआ है। कांग्रेस ने मांग की कि योजना की जांच विधानसभा की लोक लेखा समिति या प्राक्कलन समिति से कराई जाए।
सत्ता पक्ष की ओर से हमेशा मुखर रहने वाले नेता गोपाल भार्गव ने विपक्ष की मांग का समर्थन करते हुए कहा, “योजना में अगर कहीं गड़बड़ हुई है तो उसकी जांच होनी चाहिए। हम भी चाहते हैं कि सच्चाई सामने आए।” भार्गव का यह बयान सत्ता पक्ष के लिए असहज स्थिति पैदा करने वाला रहा।
वहीं, मुख्य सचिव अनुराग जैन ने मंत्रालय में आयोजित उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक में अधिकारियों को साफ चेतावनी दी है कि जल जीवन मिशन में अब गुणवत्ता, वित्तीय शुचिता और पारदर्शिता से कोई समझौता बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सूत्रों के अनुसार मुख्य सचिव ने कहा, “जो काम हो रहा है, उसकी गुणवत्ता और बिल की हर पाई का हिसाब होना चाहिए। जहां कहीं भी गड़बड़ी पकड़ी गई, वहां अधिकारियों-ठेकेदारों के खिलाफ तुरंत सख्त कार्रवाई होगी।”
जल जीवन मिशन के तहत मध्य प्रदेश में मार्च 2024 तक हर घर नल से जल पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन अभी भी प्रदेश के करीब 35 फीसदी घरों में नल कनेक्शन बाकी हैं। तीसरे पक्ष की जांच और शिकायतों में सामने आए घटिया निर्माण और फर्जी बिलिंग के मामलों ने योजना की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
विपक्ष अब इस मुद्दे को आने वाले दिनों में और तेज करने की तैयारी में है, जबकि सरकार का दावा है कि योजना तेज गति से पूरी की जा रही है और गुणवत्ता पर कोई समझौता नहीं किया जा रहा।
फिलहाल सदन में इस मुद्दे पर चर्चा जारी है और आने वाले दिनों में विधायक समितियों से जांच का प्रस्ताव रखा जा सकता है।

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