सत्यार्थ न्यूज़ ब्यूरो चीफ भोपाल मध्य प्रदेश प्रवीण कुमार दुबे 8839125553
मध्यप्रदेश में हर वोटर का वेरिफिकेशन होगा:आज ही रात से वोटर लिस्ट फ्रीज होगी, संदिग्ध लोगों से दस्तावेज मांगे जाएंगे

भोपाल
बिहार की तर्ज पर एमपी में भी वोटर लिस्ट का स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) होगा। -फाइल फोटो।
मध्यप्रदेश में बिहार की तरह वोटर लिस्ट का गहन पुनरीक्षण स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) किया जाएगा। चुनाव आयोग ने सोमवार को इसकी घोषणा कर दी है।
प्रदेश की सभी 230 विधानसभा सीटों के हर बूथ की वोटर लिस्ट की गहनता से जांच की जाएगी। हर वोटर को फिर से वेरिफाई किया जाएगा। चुनाव आयोग के निर्देश के बाद एमपी में ट्रेनिंग हो चुकी है।
आज रात 12 बजे से मतदाता सूची फ्रीज होगी। इसके बाद अब बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) घर-घर जाकर फॉर्म बांटेंगे। बीएलओ एक घर तीन बार जाएंगे।
कलेक्टर, एसडीएम, एडीएम, तहसीलदार, बीएलओ सहित वोटर लिस्ट के अपडेशन से जुड़े अफसर कर्मचारियों की ट्रेनिंग कराई जा चुकी है।
अब हर बूथ की वोटर लिस्ट की जांच होगी। संदिग्ध लोगों से दस्तावेज मांगे जाएंगे। एसआईआर में कई जगह बड़ी संख्या में लोगों के नाम वोटर लिस्ट से हटेंगे। बता दें कि मध्यप्रदेश में साल 2028 में अक्टूबर या नवंबर के महीने में विधानसभा चुनाव होंगे।
अलग-अलग विभागों के स्टाफ की पहले से लगाई ड्यूटी इस प्रक्रिया के लिए जरूरी तैयारी पहले से चल रही है। अलग-अलग सरकारी विभागों के कर्मचारियों की ड्यूटी बीएलओ के कार्य के लिए लगाने के आदेश जारी किए गए थे। भोपाल जिला मलेरिया कार्यालय के लगभग सभी कर्मचारियों और अधिकारियों के ड्यूटी के आदेश दिवाली से पहले ही जारी किए जा चुके हैं।
तीन सवाल के जवाब से समझिए, एसआईआर में क्या होगा?
1. मतदाता सूची का स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन क्यों किया जा रहा है? चुनाव आयोग अब तक आठ बार एसआईआर करवा चुका है। पिछली बार 2003-04 में एसआईआर हुआ था। औसतन 22 साल में एक बार वोटर लिस्ट का एसआईआर किया जाता है। एसआईआर में वोटर लिस्ट में शामिल हर व्यक्ति की गहनता से जांच की जाती है, कोई गलत व्यक्ति तो वोटर नहीं हे। एक से ज्यादा जगह नाम तो नहीं है।
2003-04 की लिस्ट से मिलान किया जाएगा कि आपके परिवार के लोग उस वक्त कहां थे। जिनके नाम नहीं होंगे, मिलान नहीं होंगे, उन्हें नोटिस देकर दस्तावेज मांगे जाएंगे। बिहार के एसआईआर वाले 11 दस्तावेज ही मान्य होंगे।
2. क्या नई व्यवस्था में ऐसे लोग जो नए वोटर बनना चाहते हैं या दूसरे राज्य से शिफ्ट होकर आए हैं, उन्हें डिक्लेरेशन फॉर्म भरना होगा? 1 जुलाई 1987 से पहले जन्मे हैं, तो खुद का जन्म प्रमाण देना होगा। 1 जुलाई 1987 से 2 दिसंबर 2004 के बीच जन्मे हैं, तो माता-पिता के जन्म या नागरिकता के दस्तावेज भी दिखाने होंगे। 2 दिसंबर 2004 के बाद जन्मे लोगों के लिए शर्त और कड़ी है। उन्हें यह साबित करना होगा कि माता-पिता में कम-से-कम एक भारतीय नागरिक हैं और दूसरा गैर-कानूनी प्रवासी नहीं है। यानी उन्हें भी अपने पेरेंट्स के दस्तावेज दिखाने होंगे।
3. क्या डॉक्यूमेंट मांगे जाएंगे? मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा- एन्यूमरेशन फेज में कोई दस्तावेज नहीं देने होंगे। पहले फेज में कोई दस्तावेज नहीं देने होंगे। पहले फेज में बीएलओ घर-घर जाकर फॉर्म बांटेंगे, फिर मिलान होगा। जिनके दस्तावेज का मिलान नहीं होगा, उनसे दस्तावेज मांगे जाएंगे।
कांग्रेस ने कहा- भाजपा और चुनाव आयोग का डरावना प्रयास एसआईआर शुरू करने पर पीसीसी अध्यक्ष जीतू पटवारी ने सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि यह भाजपा और चुनाव आयोग का एक डरावना प्रयास है। बिहार में जिस तरीके से एसआईआर का प्रोग्राम बनाया गया उससे देश में में गलत राजनीतिक हलचल है। जिंदा लोगों को मार दिया गया। 65 लाख वोट हटा दिए गए। सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिए लेकिन आज तक चुनाव आयोग ने सार्वजनिक नहीं किए।
मंगलवार को होगी सभी राजनीतिक दलों के साथ बैठक संयुक्त मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी आरपीएस जादौन ने बताया कि प्रदेश के सभी जिलों में मंगलवार को कलेक्टर और जिला निर्वाचन अधिकारी सभी राजनीतिक दलों की बैठक बुलाएंगे और SIR को लेकर चुनाव आयोग के निर्देशों की जानकारी देंगे। मध्य प्रदेश के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने भी इसको लेकर राजनीतिक दलों की बैठक बुलाई है।
















Leave a Reply