अंकुर कुमार पाण्डेय
रिपोर्ट सत्यार्थ न्यूज
वाराणसी
वाराणसी में अधिवक्ता औऱ पुलिस विवाद पर आज सामंजस्य बैठक, हुई सुलह की राह पर महत्वपूर्ण कदम उठाये वकील–पुलिस विवाद सहमति के नए चरण में पहुँचा मामला, मजिस्ट्रेट जांच तक नहीं होगी गिरफ्तार

वाराणसी में अधिवक्ताओं और पुलिस के बीच पिछले दिनों हुए विवाद को लेकर आज बड़ा कदम उठाया जा रहा है। राज्य विधिज्ञ परिषद उत्तर प्रदेश के उपाध्यक्ष अनुराग पांडेय के पत्र के क्रम में पुलिस, प्रशासन और अधिवक्तागण के बीच सामंजस्य बैठक का आयोजन किया जा रहा है। यह बैठक आज 21 सितंबर 2025, अपराह्न 4:00 बजे सर्किट हाउस सभागार, वाराणसी में होगी।बैठक में अधिवक्ताओं और पुलिस के बीच हाल में हुए घटनाक्रम पर विचार-विमर्श किया जाएगा और दोनों पक्षों के बीच तनाव कम करने एवं समाधान की दिशा में ठोस कदम उठाए इस बैठक में दी सेन्ट्रल बार एसोसिएशन, बनारस और दी बनारस बार एसोसिएशन के अध्यक्ष व मंत्री समेत अन्य अधिवक्ता भी शामिलगौ रतलब है कि पिछले दिनों भेलूपुर और बड़ागांव थाने और वाराणसी कछारी के अंतर्गत अधिवक्ताओं व पुलिस के बीच हुए विवाद ने बड़ा रूप ले लिया था, जिससे प्रदेशभर के वकीलों में रोष व्याप्त है। इसके मद्देनज़र न्यायिक जांच, सुरक्षा व्यवस्था और पारदर्शी कार्यवाही की मांग भी उठी थी।आज की यह सामंजस्य बैठक अधिवक्ताओं और पुलिस के बीच संवाद स्थापित करने तथा स्थिति को सामान्य बनाने के लिए एक अहम पहल मानी जा रही है। शहर में पिछले कई दिनों से चर्चा में रहे वकील–पुलिस विवाद पर सोमवार को बड़ा घटनाक्रम सामने आया। पुलिस कमिश्नर (सीपी) आवास पर अधिवक्ताओं और प्रशासनिक अधिकारियों के बीच हुई महत्वपूर्ण बैठक में कई मुद्दों पर सहमति बनी।बैठक में तय हुआ कि विवाद से जुड़े मामलों की मजिस्ट्रेट जांच कराई जाएगी और जांच रिपोर्ट आने तक किसी भी अधिवक्ता की गिरफ्तारी नहीं की जाएगी। मजिस्ट्रेट जांच के बाद ही आगे की कार्रवाई होगी।अधिवक्ताओं ने अपनी 6 प्रमुख मांगें प्रशासन के सामने रखीं, जिन पर सहमति बन चुकी है। यह बैठक तनाव कम करने और दोनों पक्षों के बीच संवाद बहाल करने की दिशा में एक अहम कदम मानी जा रही है।इस पूरे घटनाक्रम के बाद कल कचहरी परिसर में बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों की एक और बैठक होगी, जिसमें वकीलों से समर्थन लेने और आगे की रणनीति तय करने पर विचार किया जाएगा।कानूनी विशेषज्ञों के अनुसार, यह कदम अधिवक्ताओं के मनोबल को मजबूत करने और विवाद को शांतिपूर्ण समाधान तक ले जाने का संकेत है।














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