अंकुर कुमार पाण्डेय
रिपोर्ट सत्यार्थ न्यूज
वाराणसी
वाराणसी – काशी मोक्ष धर्म की नगरी में चंद्रग्रहण का दिव्य नजारा, घाटों पर उमड़ी श्रद्धांलुओं के आस्था की भीड़
वाराणसी – काशी में साल का दूसरा और आखिरी पूर्ण चंद्रग्रहण शुरू हो गया है। जैसे ही रात 9:57 बजे आकाश में “ब्लड मून” दिखाई दिया, गंगा घाटों पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। लोग स्नान-ध्यान कर “सीताराम” और “हर-हर महादेव” के जयकारों से वातावरण गूंजा उठाया।ग्रहण के सूतक काल के चलते काशी के प्रमुख मंदिरों के कपाट बंद कर दिए गए। दशाश्वमेध घाट पर होने वाली गंगा आरती भी परंपरा के अनुसार दोपहर में ही संपन्न की गई। यह अद्भुत संयोग 34 साल बाद देखने को मिला है।
वैज्ञानिक महत्व-
चंद्रग्रहण तब होता है जब पृथ्वी, सूर्य और चंद्रमा के बीच आकर चांद पर अपनी छाया डालती है। इस दौरान चांद लाल-नारंगी रंग का दिखता है, जिसे ब्लड मून कहा जाता है।पूर्ण चंद्रग्रहण 82 मिनट तक रहेगा, जिसमें चांद लाल-नारंगी रंग का नजारा देगा।














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