संवाददाता:-
हर्षल रावल सिरोही/राज.
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वोवेश्वर महादेव की नगरी झाड़ोली वीर में “तालाब पूजन” (समुद्र मंथन) का आयोजन हुआ संपन्न, जिसमें हजारों की संख्या में लोग पहुंचे।

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सिरोही। जिले के शिवगंज तहसील के झाड़ोली वीर ग्राम में तालाब पूजन आयोजन संपन्न हुआ। झाड़ोली वीर में बहनें तालाब की परिक्रमा कर विधि-विधान से पूजा-अर्चना की गयी। इस दौरान परिवार और संबंधियों की उपस्थिति में सुख-समृद्धि की कामना की गयी। सिरोही जिले के झाड़ोली वीर में करीब 25 वर्ष के पश्चात तालाब पूजन हुआ।
झाड़ोली वीर में रविवार सुबह नौ बजे तालाब पूजन मूर्हत के अनुसार कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें 500 से अधिक बहनों ने अपने भाइयों के साथ तालाब पूजन कर सुख-समृद्धि और खुशहाली जीवन के लिए प्रार्थना की। पूजन कार्यक्रम में पंडितजी ने पूजन करवाया। तालाब के अंदर भरे हुए जल में मटके को रखकर भाई-बहन ने सामुहिक रूप से उसकी पूजा की और एक-दूसरे को पानी पिलाकर भगवान सूर्य देव और जल देवता से सुख-समृद्धि खुशहाली के लिए प्रार्थना की।
भाई-बहन के संबंध और प्रकृति प्रेम के रूप में तालाब पूजन कर मनाया जाता है। यहां भारी संख्या में हिंदू समाज के 36 कौम की महिलाएं सुबह से ही धार्मिक रीति-रिवाज से तालाब की पूजा करने में जुट गए।

यह है तालाब पूजन की परम्परा:-
स्थानीय रहवासी महिलाओं ने बताया कि क्षेत्र में तालाब पूजन की काफी पुरानी परंपरा है। जिसमें बहनें गांव के तालाब में उतरकर उसकी पूजा करती हैं और भाइयों की खुशहाली की कामना करती हैं। इसके पश्चात भाई उनके लिए उपहार और कपड़े लेकर आते हैं और बहन का हाथ पकड़कर तालाब से बाहर निकालते हैं और लाल चुनरी ओढ़ाते हैं।
तालाब पूजने वाली महिलाएं पारंपरिक राजस्थानी वेशभूषा और आभूषणों में सजधज कर घर से मस्तिष्क पर एक कलश लेकर ढ़ोल ढ़माकों के साथ अपने परिवार-रिश्तेदारों के साथ तालाब पर पहुंची। तालाब में पूजन करने वाली महिलाओं ने तालाब की परिक्रमा कर तालाब पूजने की परम्परा निभाई। इसके पश्चात तालाब में खड़े रहकर बहनों ने भाइयों के मस्तिष्क पर तिलक लगाकर स्वागत किया और एक दूसरे को तालाब का जल ग्रहण करवाया। भाइयों ने परम्परा अनुसार बहनों को हाथ पकड़कर तालाब से बाहर निकाला तथा लाल चुनरी ओढ़ाई।
इसे सफल बनाने में ग्रामवासी एवं क्षेत्रवासियों ने अमूल्य योगदान दिया। जिससे इस तालाब पूजन आयोजन को सफल बना पाएं।


















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