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27 जून 2025 शुक्रवार आज का पंचांग व राशिफल और जानें कुछ खास बातें पंडित नरेश सारस्वत रिड़ी के साथ

सत्यार्थ न्यूज श्रीडूंगरगढ़- सवांददाता नरसीराम शर्मा

पंचांग का अति प्राचीन काल से ही बहुत महत्त्व माना गया है। शास्त्रों में भी पंचांग को बहुत महत्त्व दिया गया है और पंचाग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना गया है। पंचांग में सूर्योदय सूर्यास्त, चद्रोदय-चन्द्रास्त काल, तिथि, नक्षत्र, मुहूर्त योगकाल, करण, सूर्य-चंद्र के राशि, चौघड़िया मुहूर्त दिए गए हैं।

🙏जय श्री गणेशाय नमः🙏

🙏जय श्री कृष्णा🙏

🕉️आज का पंचांग- 27 जून 2025

दिन – शुक्रवार
विक्रम संवत् – 2082
अयन – उत्तरायण
ऋतु – वर्षा
मास – आषाढ़
पक्ष – शुक्ल
तिथि – द्वितीया सुबह 11:19 तक तत्पश्चात् तृतीया
नक्षत्र – पुनर्वसु सुबह 07:22 तक तत्पश्चात् पुष्य
योग – व्याघात रात्रि 09:10 तक तत्पश्चात् हर्षण
राहुकाल – सुबह 11:01 से दोपहर 12:43 तक (अहमदाबाद मानक समयानुसार)
सूर्योदय – 05:57
सूर्यास्त – 07:29 (सूर्योदय एवं सूर्यास्त अहमदाबाद मानक समयानुसार)दिशा शूल – पश्चिम दिशा में
ब्रह्ममुहूर्त – प्रातः 04:33 से प्रातः 05:15 तक (अहमदाबाद मानक समयानुसार)
अभिजीत मुहूर्त – दोपहर 12:16 से दोपहर 01:10
निशिता मुहूर्त – रात्रि 12:22 जून 28 से रात्रि 01:04 जून 28 तक (अहमदाबाद मानक समयानुसार)

व्रत पर्व विवरण – जगन्नाथ रथयात्रा

विशेष – द्वितीया को बृहती (छोटा बैंगन या कटेहरी) खाना निषिद्ध है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंड: 27.29-34)

गर्भ की रक्षा

चांदी की कटोरी में दही जमाकर खाने से गर्भपात नहीं होता

बार बार बुखार आना

बार-बार बुखार आता हो तो भोजन से पहले २-३ ग्राम अदरक और थोड़ा नींबू खाएं फिर भोजन करें ।

CD-आरोग्यता की कुंजियाँ

लक्ष्मी कहाँ से चली जाती है ?

भगवान श्रीहरि कहते हैं :“जपो अल्पज्ञ भीगे पैर अथवा नग्न होकर सोता है तथा वाचाल की भाँति निरंतर बोलता रहता है,उसके घर से साध्वी लक्ष्मी चली जाती है।

जो व्यक्ति अपने सिर पर तेल लगाकर उसी हाथ से दूसरे के अंग का स्पर्श करता है और अपने किसी अंग को बाजे की तरह बजाता है,उससे रुष्ट होकर लक्ष्मी उसके घर से चली जाती है ।

जो व्रत-उपवास नहीं करता,संध्या – वंदन नहीं करता,सदा अपवित्र रहता है तथा भगवदभक्ति से रहित है उसके यहाँ से मेरी प्रिया लक्ष्मी चली जाती है।

पद्म पुराण के अनुसार मस्तक पर लगाने से बचे हुए तेल को अपने शरीर पर भी लगाना वर्जित है।

मासिक के दिनों में ये सावधानी रहें।

मासिक के दिनों में जो माता बहन अपने हाथ से आटा गूंधती है। भोजन बनाती है,बेटे को,पति को परिवार को भोजन बनाके खिलाती है,वो उनकी बुद्धि को कुंठित करती है। इन से उनकी बुद्धि का विकास रुक जाता है,डरपोक हो जायेगे दब्बू हो जायेंगे मासिक के दिनों में अपने हाथ से भोजन बनाकर नहीं खिलाना चाहिए,मासिक धर्म में मंदिर में भी नहीं जाना चाहिए गुरु के पास भी नहीं जाना चाहिए और पति को बच्चों को पुत्र को स्पर्श नहीं करना चाहिए। अभी वैज्ञानिकों ने प्रयोग किया मासिक धर्मवाली महिलाओं ने शक्कर की फैक्ट्री में काम किया तो शक्कर की क्वालिटी पर भी असर पड़ा वस्तु पर भी असर पड़ता है और व्यक्ति पर भी

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