नई दिल्ली, 6 जून 2025: संसद के परिसीमन 2026 को लेकर एक अनुमानित रिपोर्ट सामने आई है,

जिसमें देश भर में लोकसभा और राज्यसभा सीटों की संख्या में बदलाव का खाका पेश किया गया है। इस रिपोर्ट के अनुसार, भारत में कुल 800 लोकसभा सीटें और 432 (320+112) राज्यसभा सीटें होंगी, जो कुल मिलाकर 1132 संसद सदस्यों का प्रतिनिधित्व करेंगी। यह परिसीमन 90% वजन जनसंख्या और 10% क्षेत्रफल के आधार पर किया गया है।रिपोर्ट के मुताबिक, उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक 121 लोकसभा सीटें और 47 राज्यसभा सीटें होंगी, जो कुल 168 सांसदों का प्रतिनिधित्व करेंगी। वहीं, बिहार में 61 लोकसभा और 24 राज्यसभा सीटें होंगी, जो कुल 85 सांसदों को जगह देंगी। महाराष्ट्र में 76 लोकसभा और 31 राज्यसभा सीटें होंगी, जिससे कुल 107 सांसद होंगे।क्षेत्रीय आधार पर देखें तो दक्षिण भारत में तमिलनाडु को 48 लोकसभा और 19 राज्यसभा सीटें मिलेंगी, जबकि तेलंगाना में 25 लोकसभा और 10 राज्यसभा सीटें होंगी। पश्चिमी भारत में गुजरात को 42 लोकसभा और 17 राज्यसभा सीटें मिलेंगी। पूर्वी भारत में पश्चिम बंगाल को 57 लोकसभा और 23 राज्यसभा सीटें दी जाएंगी। उत्तरी भारत में राजस्थान को 46 लोकसभा और 18 राज्यसभा सीटें मिलेंगी।रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि छोटे राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में सीटों की संख्या में मामूली बदलाव होगा। उदाहरण के लिए, चंडीगढ़ और दादरा नगर हवेली को 1-1 लोकसभा सीट मिलेगी। इस परिसीमन से क्षेत्रीय और जनसंख्या के आधार पर संसद में प्रतिनिधित्व को संतुलित करने की कोशिश की गई है।यह अनुमान 2011 की जनगणना के आधार पर तैयार किया गया है, और इसके लागू होने पर संसद में राज्यों के प्रतिनिधित्व में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है। हालांकि, यह अभी केवल एक अनुमान है, और अंतिम निर्णय सरकार और संबंधित समितियों द्वारा लिया जाएगा।

















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