मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट मीटिंग में 11महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर मुहर लगी।
तबादला नीति को मंजूरी साथ ही बिना कटौती आपूर्ति के लिए अडानी से 25 साल तक बिजली खरीदेगी सरकार.
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट मीटिंग में प्रदेश के 8 लाख कर्मचारियों और करीब चार लाख शिक्षकों के लिए नई तबादला नीति की घोषणा की गई. इसके तहत 15 मई से 15 जून के बीच स्थानांतरण होंगे। इसके अलावा कैबिनेट बैठक में 10 और फैसले लिए गए. इनमें सबसे खास प्राइवेट बसों के लिए शहरों में बस अड्डे बनाने, शहरों में पार्किंग का निजीकरण, 1500 मेगा वाट बिजली की खरीद किए जाने का निर्णय रहा. संसदीय कार्य एवं वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने प्रेस वार्ता में एक-एक प्रस्ताव के बारे में जानकारी दी.एस, के जोशी सत्यार्थ न्यूज़ यूरो ब्यूरो लखनऊ दिनांक 06/05/2024
यूपी कैबिनेट में पास हुए महत्वपूर्ण प्रस्ताव
उत्तर प्रदेश सरकारी सेवक (अनुशासन एवं अपील) (द्वितीय संशोधन) नियमावली 2025 को मंजूरी.
उत्तर प्रदेश नगर निगम पार्किंग स्थल निर्माण, अनुरक्षण और प्रचालन नियमावली 2025
नैफेड के माध्यम से आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए अनुपूरक पुष्टाहार की आपूर्ति के लिए अतिरिक्त बजट
वेतन समिति 2016 की सिफारिशों पर मुख्य सचिव समिति की संस्तुतियों को मंजूरी
उत्तर प्रदेश समाज कल्याण पर्यवेक्षक सेवा नियमावली 2025 के तहत समाज कल्याण पर्यवेक्षक के पदों पर चयन और नियुक्ति.
हर जिले में होंगे प्राइवेट बसों के लिए बस स्टैंड: यूपी में निजी बसों के संचालन को व्यवस्थित करने के लिए सरकार ने उत्तर प्रदेश स्टेट कैरिज बस अड्डा, कॉन्ट्रैक्ट कैरिज व ऑल इंडिया टूरिस्ट बस पार्क (स्थापना एवं विनियमन) नीति 2025 लागू की है. इसके तहत सभी 75 जिलों में प्राइवेट बसों के लिए बस स्टैंड बनाए जाएंगे. इन बस अड्डों पर यात्रियों और ड्राइवर-कंडक्टरों के लिए सभी आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध होंगी. परिवहन विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि निजी बसों के लिए स्टैंड न होने से जाम की समस्या उत्पन्न होती है और यात्री परेशान होते हैं. नई नीति से यातायात व्यवस्था सुधरेगी और यात्रियों को सुविधा मिलेगी.
क्या है यूपी नई स्थानान्तरण नीति
स्थानान्तरण नीति केवल वर्ष 2025-26 के लिए है. स्थानान्तरण 15 जून, 2025 तक किए जाएंगे
समूह ‘क’ एवं समूह ‘ख’ के अधिकारी जो अपने सेवाकाल में संबंधित जनपद में 3 वर्ष पूर्ण कर चुके हों उनका स्थानान्तरण किया जाएगा
समूह ‘क’ एवं समूह ‘ख’ के जो अधिकारी अपने सेवाकाल में एक मण्डल में 07 वर्ष पूर्ण कर चुके हों उनको मण्डल से स्थानान्तरित कर दिया जाएगा
विभागाध्यक्ष और मण्डलीय कार्यालयों में की गई तैनाती को स्थानान्तरण के लिए निर्धारित अवधि में नहीं गिना जाएगा
मण्डलीय कार्यालयों में तैनाती की अधिकतम अवधि 03 वर्ष होगी
सर्वाधिक समय से कार्यरत अधिकारियों के स्थानान्तरण प्राथमिकता के आधार किए जाने की व्यवस्था की गई है
समूह ‘क’ एवं ‘ख’ के स्थानान्तरण संवर्गवार कार्यरत अधिकारियों की संख्या के अधिकतम 20 प्रतिशत किए जाएंगे
समूह ‘ग’ एवं समूह ‘घ’ के कार्मिकों के स्थानान्तरण संवर्गवार कुल कार्यरत कार्मिकों की सख्या के अधिकतम 10 प्रतिशत की सीमा तक किए जा सकेंगे
समूह ‘ग’ के लिए पटल परिवर्तन क्षेत्र के संबंध में निर्गत शासनादेश 13 मई, 2022 के द्वारा कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित किए जाने की व्यवस्था की गई है
समूह ‘ख’ एवं समूह ‘ग’ के कर्मियों के स्थानान्तरण यथा सम्भव मेरिट बेस्ड ऑनलाइन ट्रांसफर सिस्टम के आधार पर किए जाने की व्यवस्था की गई है
मानसिक मंदित बच्चों और चलन क्रिया से पूर्णतया प्रभावित दिव्यांग बच्चों के माता-पिता की तैनाती ऐसे स्थान पर किए जाने की व्यवस्था की गई है, जहां उनकी उचित देखभाल व चिकिकित्सा की समुचित व्यवस्था हो
भारत सरकार के घोषित प्रदेश के 34 जनपदों के 100 आकांक्षी विकास खण्डों के समस्त जनपदों में तैनाती संतृप्तीकरण किए जाने की व्यवस्था की गई है
स्थानान्तरण सत्र के बाद समूह ‘क’ समूह ‘ख’ के स्थानान्तरण विभागीय मंत्री के माध्यम से मुख्यमंत्री का अनुमोदन प्राप्त कर किए जा सकेंगे.
एमएनसी के लिए वैश्विक क्षमता केंद्र नीति: यूपी को एमएनसी का हब बनाने के लिए ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर (वैश्विक क्षमता केंद्र) नीति 2025 लागू की जाएगी. इसके तहत भारतीय और विदेशी बहुराष्ट्रीय कंपनियों को भारी रियायतें और सब्सिडी दी जाएंगी. इस नीति का लक्ष्य राज्य में निवेश को बढ़ावा देना और रोजगार के अवसर सृजित करना है.
यूपी अडानी ग्रुप से खरीदेगा 1500 मेगावाट बिजली: बिजली आपूर्ति की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए सरकार 1600 मेगावाट की परियोजना से 1500 मेगावाट बिजली खरीदने का प्रस्ताव पारित करेगी. यह खरीद प्रतिस्पर्धात्मक बिडिंग के आधार पर होगी, जिससे राज्य में निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित होगी.
महाराष्ट्र से कम दर पर यूपी को बिजली उपलब्ध कराएगी अडानी की कंपनी: उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन में उद्योगपति अडानी की एंट्री हो गई है. उत्तर प्रदेश की योगी सरकार की कैबिनेट ने 1600 मेगावाट तापीय परियोजना से कुल 1500 मेगावाट ऊर्जा की खरीद के लिए मैसर्स अडानी पावर लिमिटेड की न्यूनतम बिड को स्वीकार करते हुए मुहर लगा दी है.
अब पावर सप्लाई एग्रीमेंट में दिए गए टैरिफ प्रावधानों के अंतर्गत 25 साल की अवधि के लिए पावर सप्लाई एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर किया जाएगा. यानी अगले 25 साल के लिए अडानी की कंपनी तय कीमत पर पावर कॉरपोरेशन को बिजली बेचेगी.साल 2033-34 तक उत्तर प्रदेश को ऊर्जा की डिमांड पूरा करने के लिए करीब 10,795 मेगावाट की अतिरिक्त तापीय ऊर्जा की जरूरत पड़ेगी. इसके लिए 2× 800 मेगावाट यानी (1600 मेगावाट) क्षमता की तापीय परियोजना से कुल 1500 मेगावाट बिजली खरीदने की बिडिंग प्रक्रिया में मेसर्स अडानी पावर लिमिटेड को सफल घोषित किया.
कंपनी के फिक्स चार्ज ₹3.727 पैसे प्रति यूनिट, फ्यूल चार्ज 1.656 रुपए प्रति यूनिट और कुल टैरिफ 5.383 रुपए प्रति यूनिट की न्यूनतम बिड को कैबिनेट से अनुमोदन प्राप्त हो गया. कंपनी को सफल बिडर घोषित किया गया.
ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा ने जानकारी दी कि शर्तों के मुताबिक बिड ड्यू डेट पर कुल टैरिफ 5.383 रुपए प्रति यूनिट पर पावर सप्लाई एग्रीमेंट में दिए गए टैरिफ प्रावधानों के अंतर्गत 25 वर्षों के लिए पावर सप्लाई एग्रीमेंट हस्ताक्षरित होगा.
अडानी से बिजली की खरीद पर सरकार के 2958 करोड़ रुपए बचेंगे:उत्तर प्रदेश सरकार का तर्क है कि अडानी पावर लिमिटेड से बिजली खरीदने पर 25 साल में कुल 2958 करोड़ रुपए की बचत होगी. अडानी पावर लिमिटेड ने न्यूनतम बिड उपलब्ध कराई. कंपनी से मोलभाव किया गया जिसके बाद फिक्स चार्ज में 10 पैसे प्रति यूनिट कंपनी की तरफ से कम की गई है.
इससे उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड को पीपीए को पूर्ण अवधि में लगभाग 2,598 करोड़ की बचत होगी. यह भी जानकारी दी गई कि अगस्त 2024 में महाराष्ट्र ने भी इसी गाइडलाइन के माध्यम से बिजली खरीद के लिए मैसर्स अडानी पावर लिमिटेड को टेंडर दिया है. महाराष्ट्र में 5.39 पैसे प्रति यूनिट की दर से बिजली खरीद की जाएगी जबकि उत्तर प्रदेश में इससे कम दर पर खरीद होगी.