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गडरा और वराव कांड से सबक लेकर सतर्क था प्रशासन, खजुरहन विवाद में पुलिस अधीक्षक दिलीप सोनी और एएसपी विक्रम सिंह की सराहनीय पहल से टला टकराव

गडरा और वराव कांड से सबक लेकर सतर्क था प्रशासन, खजुरहन विवाद में पुलिस अधीक्षक दिलीप सोनी और एएसपी विक्रम सिंह की सराहनीय पहल से टला टकराव

मऊगंज से चंद्रेश राल्ही की रिपोर्ट

मऊगंज, खजुरहन


:
मऊगंज जिले के खजुरहन गांव में एक बार फिर मंदिर विवाद भड़क उठा, लेकिन इस बार हालात गडरा और वराव जैसी घटनाओं में तब्दील नहीं हो सके—उसका श्रेय जाता है जिले के पुलिस अधीक्षक दिलीप सोनी और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विक्रम सिंह की त्वरित और संवेदनशील कार्यशैली को, जिनकी सतर्कता और दृढ़ नेतृत्व ने समय रहते स्थिति को संभाल लिया।

सोमवार को तब विवाद गहराया, जब मुस्लिम समुदाय के लोगों ने मंदिर परिसर के नजदीक शव दफनाने के लिए गड्ढा खोदा। यह स्थल पहले से ही विवादित भूमि के रूप में चिन्हित था और एक महीने पूर्व यहां इसी मुद्दे को लेकर धरना-प्रदर्शन भी हुआ था। हिंदू पक्ष ने धार्मिक भावना आहत होने की बात कहकर इसका विरोध किया और दोनों समुदायों के बीच तनाव की स्थिति बन गई।

घटना की सूचना मिलते ही एसपी दिलीप सोनी और एएसपी विक्रम सिंह ने स्वयं मोर्चा संभालते हुए मौके पर वरिष्ठ अधिकारियों के साथ पहुंचकर हालात का जायज़ा लिया। दोनों अधिकारियों ने पूरी संवेदनशीलता के साथ पक्षों से बातचीत की, धैर्यपूर्वक दोनों समुदायों को सुना और बीच का रास्ता निकालते हुए मुस्लिम पक्ष को वैकल्पिक स्थान पर शव दफनाने के लिए राज़ी कर लिया।

इस बीच पुलिस बल की चाक-चौबंद व्यवस्था भी देखने को मिली। 100 से अधिक पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई, जिसमें महिला बल भी शामिल था। किसी भी प्रकार की अफवाह या हिंसा को रोकने के लिए पुलिस ने लगातार निगरानी रखी और गांव में फ्लैग मार्च भी किया गया।

एसपी दिलीप सोनी और एएसपी विक्रम सिंह की सराहनीय पहल से न सिर्फ स्थिति नियंत्रण में आई, बल्कि दो समुदायों के बीच संभावित टकराव भी टल गया। प्रशासन ने स्पष्ट कर दिया है कि जिले में शांति व्यवस्था भंग करने की अनुमति किसी को नहीं दी जाएगी और सभी विवादों को क़ानूनी दायरे में सुलझाया जाएगा।

फिलहाल खजुरहन गांव में स्थिति नियंत्रण में है, लेकिन तनाव बना हुआ है। पुलिस प्रशासन लगातार सतर्क है और हर स्थिति पर पैनी नजर बनाए हुए है।

इस प्रकरण में पुलिस अधीकारियों की सजगता और मानवीय दृष्टिकोण एक मिसाल के रूप में सामने आई है, जो जिले की कानून-व्यवस्था को मजबूती देने की दिशा में एक सकारात्मक संकेत है।

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