सत्यार्थ न्यूज श्रीडूंगरगढ़-सवांददाता नरसीराम शर्मा
पंचांग का अति प्राचीन काल से ही बहुत महत्त्व माना गया है। शास्त्रों में भी पंचांग को बहुत महत्त्व दिया गया है और पंचाग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना गया है। पंचांग में सूर्योदय सूर्यास्त, चद्रोदय-चन्द्रास्त काल, तिथि, नक्षत्र, मुहूर्त योगकाल, करण, सूर्य-चंद्र के राशि, चौघड़िया मुहूर्त दिए गए हैं।
🙏जय श्री गणेशाय नमः🙏
🙏जय श्री कृष्णा🙏
🕉️आज का पंचांग -01.04.2025🕉️
✴️ दैनिक गोचर राशिफल सहित✴️
🕉️ शुभ मंगलवार 🌞 – शुभ प्रभात् 🕉️
74-30💥मध्यमान💥75-30
(केतकी चित्रापक्षीय गणितानुसारेण निर्मितम्)
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___आज विशेष___
हिंदू मान्यताओं के अनुसार बुधवार का महत्व
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__दैनिक पंचांग विवरण__
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आज दिनांक…………………01.04.2025
कलियुग संवत्……………………5127
विक्रम संवत्……………………. 2082
शक संवत्………………………1947
संवत्सर……………………. श्री सिद्धार्थी
अयन………………………….उत्तर
गोल…………………. …….. उत्तर
ऋतु…………………….. …बसंत
मास……………………….. . चैत्र
पक्ष…………………………..शुक्ल
तिथि……..चतुर्थी. रात्रि. 2.33* तक / पंचमी
वार……………………….. मंगलवार
नक्षत्र….. भरणी. पूर्वा. 11.07 तक / कृतिका
चंद्रराशि……. मेष. अपरा. 4.30 तक / वृषभ
योग………. विष्कुंभ. प्रातः 9.47 तक / प्रीति
करण……………. वणिज. अपरा. 4.05 तक
करण….. विष्टि(भद्रा) रात्रि. 2.33* तक / बव
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नोट-जिस रात्रि समय के ऊपर(*) लगा हुआ हो वह समय अर्द्ध रात्रि के बाद सूर्योदय तक का है।
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विभिन्न नगरों के सूर्योदय में समयांतर मिनट
दिल्ली -10 मिनट———जोधपुर +6 मिनट
जयपुर -5 मिनट——अहमदाबाद +8 मिनट
कोटा – 5 मिनट————-मुंबई +7 मिनट
लखनऊ – 25 मिनट——बीकानेर +5 मिनट
कोलकाता -54 मिनट–जैसलमेर +15 मिनट
सूर्योंदयास्त दिनमानादि-अन्य आवश्यक सूची
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सूर्योदय………………. प्रातः 6.24.06 पर
सूर्यास्त………………. सायं. 6.46.43 पर
दिनमान-घं.मि.से……………..12.22.37
रात्रिमान-घं.मि.से…………….. 11.36.20
चंद्रोदय…………………8.11.15 AM पर
चंद्रास्त……………….10.16.48 PM पर
राहुकाल..अपरा. 3.41 से 5.14 तक(अशुभ)
यमघंट…..प्रातः 9.30 से 11.03 तक(अशुभ)
गुलिक……..अपरा. 12.35 से से 2.08 तक
अभिजित………..मध्या.12.11 से 1.00 तक
पंचक……………………. आज नहीं है।
हवन मुहूर्त………………….. .आज है।
दिशा शूल………………….. उत्तर दिशा
दोष परिहार…….. गुड़ का सेवन कर यात्रा करें
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🌄विशिष्ट काल-मुहूर्त-वेला परिचय🌄
अभिजित् मुहुर्त – दिनार्द्ध से एक घटी पहले और एक घटी बाद का समय अभिजित मुहूर्त कहलाता है,पर बुधवार को यह शुभ नहीं होता.
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ब्रह्म मुहूर्त – सूर्योदय से पहले का 1.30 घंटे का समय ब्रह्म मुहूर्त कहलाता है।
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प्रदोष काल – सूर्यास्त के पहले 45 मिनट और बाद का 45 मिनट प्रदोष माना जाता है।
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गौधूलिक काल –सूर्यास्त से 12 मिनट पहले एवं 12 मिनट बाद का समय कहलाता है
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🌄✴️भद्रा वास शुभाशुभ विचार✴️🌄
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भद्रा मेष,वृष,मिथुन,वृश्चिक के चंद्रमा में स्वर्ग में व कन्या तुला,धनु,मकर के चंद्रमा में पाताल लोक में और कुंभ मीन कर्क,सिंह के चंद्रमा में मृत्युलोक में मानी जाती है यहां स्वर्ग और पाताल लोक की भद्रा शुभ मानी जाती हैं और मृत्युलोक की भद्रा काल में शुभ कार्य वर्जित होते हैं इसी तरह भद्रा फल विचार करे।
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दैनिक सूर्योदय कालीन लग्न एवं ग्रह स्पष्ट
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लग्न ……………. मीन 16°42′ रेवती 1 दे
सूर्य …………….. मीन 17°21′ रेवती 1 दे
चन्द्र …………… मेष 23°45′ भरणी 4 लो
बुध * …….. मीन 4°31′ उत्तरभाद्रपद 1 दू
शुक्र * ………मीन 3°19′ पूर्वभाद्रपद 4 दी
मंगल ……… मिथुन 29°25′ पुनर्वसु 3 हा
बृहस्पति ……. वृषभ 21°45′ रोहिणी 4 वु
शनि ……….. मीन 0°22′ पूर्वभाद्रपद 4 दी
राहू * ……….मीन 2°36′ पूर्वभाद्रपद 4 दी
केतु * ….कन्या 2°36′ उत्तर फाल्गुनी 2 टो
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✴️🌄दैनिक लग्न समय सारिणी 🌄✴️
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लग्न राशि ***********प्रारंभ – समाप्ति
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मीन …………………06:24 – 07:04
मेष ………………….07:04 – 08:42
वृषभ …………………08:42 – 10:39
मिथुन …………………10:39 – 12:53
कर्क ………………….12:53 – 15:11
सिंह ………………….15:11 – 17:25
कन्या …………………17:25 – 19:38
तुला ………………….19:38 – 21:54
वृश्चिक ……………….. 21:54 – 24:11*
धनु ……………….. 24:11* – 26:16*
मकर …………………26:16* – 28:01*
कुम्भ …………………28:01* – 29:32*
मीन ……………….29:32* – 30:23*
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जहां समय के आगे (*) लगा है वह समय
अर्द्ध रात्रि उपरांत के समय का सूचक है।
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✴️🌄दिन का चौघड़िया🌄✴️
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चंचल…………..प्रातः 9.30 से 11.03 तक
लाभ………….पूर्वा. 11.03 से 12.35 तक
अमृत…………अपरा. 12.35 से 2.08 तक
शुभ…………….अपरा. 3.41 से 5.14 तक
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✴️🌄रात्रि का चौघड़िया🌄✴️
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लाभ…………रात्रि. 8.14 से 9.41 तक
शुभ…….रात्रि. 11.08 से 12.35 AM तक
अमृत..रात्रि.12.35 AM से 2.02 AM तक
चंचल…रात्रि. 2.02 AM से 3.29 AM तक
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(विशेष – ज्योतिष शास्त्र में एक शुभ योग और एक अशुभ योग जब भी साथ साथ आते हैं तो शुभ योग की स्वीकार्यता मानी गई है।) _________________________________
🌞🕉️शुभ शिववास की तिथियां🕉️🌞
शुक्ल पक्ष-2—–5—–6— 9—–12—-13
कृष्ण पक्ष-1—4—-5—-8—11—12—-30
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दिन नक्षत्र एवं चरणाक्षर संबंधी संपूर्ण विवरण
संदर्भ विशेष –यदि किसी बालक का जन्म गंड नक्षत्रों (रेवती,अश्विनी,अश्लेषा,मघा,ज्येष्ठा और मूल) में होता है तो सविधि नक्षत्र शांति की आवश्यक मानी गयी है और करवाना चाहिये।
आज जन्मे बालकों का नक्षत्र के चरण अनुसार राशिगत् नामाक्षर
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समय-नक्षत्र नाम-नक्षत्र चरण-चरणाक्षर
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11.07 AM तक—-भरणी—-4——-लो
04.30 PM तक—कृतिका—-1——-अ
__राशि मेष – पाया स्वर्ण__
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09.54 PM तक—कृतिका—-2——-ई
03.21 AM तक—कृतिका—-3——-उ उपरांत रात्रि तक—कृतिका— 4——-ए
___राशि वृषभ – पाया स्वर्ण__
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____आज का दिन___
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व्रत विशेष…………. चैत्र नवरात्रि व्रत जारी है।
अन्य व्रत………….. श्री गणेश दमनक चतुर्थी
पर्व विशेष………………..श्री मत्स्य जयंती
चैत्र नवरात्रि…………..चतुर्थ (कुष्मांडा पूजन)
दिन विशेष…..अप्रेल मास 2025(30) प्रारंभ
दिन विशेष…………….. विश्व मूर्ख दिवस
दिन विशेष………,राष्ट्रीय टाॅम फूलरीज दिवस
पंचक…………………… आज नहीं है।
विष्टि(भद्रा).अपरा. 4.05 से रात्रि. 2.33*तक
खगोल विशेष……………… आज नहीं है।
सर्वा.सि.योग….. प्रातः 11.07 से रात्रि. पर्यंत
अमृ.सि.योग………………. आज नहीं है।
सिद्ध रवियोग….. प्रातः 11.07 से रात्रि. पर्यंत
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अगले दिन की प्रतीकात्मक जानकारी
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आज दिनांक……………….. 02.04.2025
तिथि………………चैत्र शुक्ला पंचमी बुधवार
व्रत विशेष………….चैत्र नवरात्रि व्रत जारी है
अन्य व्रत………………….. श्री पंचमी
पर्व विशेष……………….. आज नहीं है।
चैत्र नवरात्रि………..पंचम (स्कंदमाता पूजन)
दिन विशेष..विश्व ओटिज्म जागरूकता दिवस
दिन विशेष………… विश्व बाल पुस्तक दिवस
पंचक…………………… आज नहीं है।
विष्टि(भद्रा)………………..आज नहीं है।
खगोल विशेष…कर्के. भौम. रात्रि. 1.29* पर
सर्वा.सि.योग………………..संपूर्ण (अहोरात्र)
अमृ.सि.योग……………… आज नहीं है।
सिद्ध रवियोग……………… प्रातः 8.50 तक
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✴️आज की विशेष प्रस्तुति✴️
💥धर्म ज्योतिष आध्यात्म वास्तु राशिफल 💥
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हिंदू मान्यताओं के अनुसार बुधवार का महत्व
शास्त्रों में सप्ताह का हर एक दिन किसी न किसी भगवान को समर्पित होता है। वार के अनुसार ही उस दिन पूजा-पाठ और उपासना की जाती है। बुधवार का दिन भगवान गणेश को समर्पित होता है। मान्यता है कि इस दिन सभी ग्रहों में युवराज कहे जाने वाले बुध को प्रसन्न करने पर व्यक्ति को कई तरह के लाभ मिलते है। बुधवार के दिन बुद्धि और भाग्य के देवता बुध के प्रसन्न होने पर व्यक्ति के सारे काम आसानी से संपन्न हो जाते हैं। शास्त्रों में बुधवार के दिन कई तरह के उपाय बताए गए हैं जिन्हें अपनाने पर कई तरह के फायदे प्राप्त होते हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार बुध बुद्धि, व्यापार, त्वचा एवं धन का ग्रह है। बुध राशि चक्र में मिथुन और कन्या राशि का स्वामी है। बुध ग्रह व्यापार,बैंकिंग लेखनी,मोबाइल नेटवर्किंग आदि से संबंधित है। बुधवार के दिन किन्नरों को दान करना बहुत ही शुभ माना गया है। हरे रंग के वस्त्र का दान भी बुध के शुभ प्रभाव को बढ़ाता है। हर रंग और किन्नर दोनों ही बुध ग्रह से संबंधित है इसलिए ज्योतिषशास्त्र में किन्नरों को हरे रंग के वस्त्र देना शुभ फलदायी बताया गया है। दान के बदले किन्नर आशीर्वाद स्वरूप आपको जो कुछ भी दे उसे अपने पूजाघर में हरे रंग के कपड़े में लपटे कर रख दें। ऐसा करने से आपको धन की कमी कभी भी नहीं होगी।बुधवार को मूंग की दाल दान करने से कष्टों का निवारण होता है। किसी गरीब अथवा जरूरतमंद को मूंग दान करें और फिर देखें कि कैसे आपके सभी दुख दूर हो जाते हैं। इसके अलावा बुधवार के दिन गाय को हरी घास खिलाएं। गाय को हरी खास खिलाने पर सभी देवी-देवताओं की कृपा बनी रहती है। यदि आपकी कुंडली में बुध ग्रह कमजोर है या फिर नीच का हो तो आप बुध ग्रह की शुभता पाने के लिए बुध के बीज मंत्र का जाप करें
‘ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं स: बुधाय् नम:।।
बुध की साधना का मंत्र
प्रियंगुकलिकाश्यामं रूपेणाप्रतिमं बुधम।
सौम्यं सौम्य गुणोपेतं तं बुधं प्रणमाम्यहम्।।
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✴️ 🕉️आज का राशिफल🕉️ ✴️
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मेष-(चू चे चो ला ली लू ले लो अ)
आज अपने झगड़ालू स्वभाव को क़ाबू में रखें, नहीं तो रिश्तों में कभी न मिटने वाली खटास पैदा हो सकती है। इससे बचने के लिए अपने नज़रिए में खुलापन अपनाएँ और पूर्वाग्रहों को छोड़ें। दीर्घावधि निवेश से बचिए और अपने दोस्तों के साथ बाहर जाकर कुछ ख़ुशी के पल बिताएँ। ऐसे मुद्दों पर बात करने से बचें, जिनको लेकर प्रियजनों से वाद-विवाद होने की संभावना है। आपकी आकर्षक छवि मनचाहा परिणाम देगी। कार्यक्षेत्र में आपके कामकाज की सराहना होगी। मौज-मस्ती के लिए घूमना संतोषजनक रहेगा।
वृषभ-(इ उ एओ वा वी वू वे वो)
आज आप धैर्य बनाए रखें, क्योंकि आपकी समझदारी और प्रयास आपको सफलता ज़रूर दिलाएंगे। आज घर से बाहर बड़ों का आशीर्वाद लेकर निकलें इससे आपको धन लाभ हो सकता है। आप मानें या न मानें, आपके आस-पास को बड़े ग़ौर से आपको देख रहा है और आपको एक आदर्श मानता है। इसलिए ऐसे काम करें, जो क़ाबिले-तारीफ़ हों और आपकी प्रतिष्ठा को बढ़ाएँ। अपने प्रिय की ग़ैरमौजूदगी में आप ख़ुद को बिल्कुल खाली महसूस करेंगे। आपके बॉस किसी भी बहाने में दिलचस्पी ज़ाहिर नहीं करेंगे- इसलिए निगाहों में बने रहने के लिए अपना काम अच्छी तरह से करें। खाली वक्त में आप कोई फिल्म देख सकते हैं यह फिल्म आपको पसंद नहीं आएगी और आपको लगेगा कि आपने अपना कीमती वक्त जाया कर दिया। आपकी भागदौड़ भरी दिनचर्या के कारण आपका जीवनसाथी ख़ुद को दरकिनार महसूस कर सकता है।
मिथुन- (क की कू घ ङ छ के को ह)
आज आप अपने परिवार के इलाज से जुड़े ख़र्चों में वृद्धि को नकारा नहीं जा सकता है। हालाँकि आपकी आर्थिक स्थिति में सुधार आएगा, लेकिन पैसे का लगातार पानी की तरह बहते जाना आपकी योजनाओं में रुकावट पैदा कर सकता है। मेहमानों के साथ का आनंद लेने के लिए बढ़िया दिन है। अपने रिश्तेदारों के साथ कुछ ख़ास करने की योजना बनाएँ। इसके लिए वे आपकी तारीफ़ करेंगे। आज अपने प्रिय से दूर होने का दुःख आपको टीस देता रहेगा। अपनी नौकरी से चिपके रहिए और दूसरों से उम्मीद मत कीजिए कि वे आकर आपकी मदद करेंगे। बिना किसी को अवगत कराए ही आज आपके घर में किसी दूर के रिश्तेदार की एंट्री हो सकती है जिसके कारण आपका समय खराब हो सकता है। आपके लिए यह ख़ूबसूरत दिन रहेगा, लेकिन सेहत को लेकर थोड़ी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
कर्क- (ही हू हे हो डा डी डू डे डो)
आज अपनी सेहत के बारे में ज़रूरत से ज़्यादा चिंता न करें। निश्चिंतता बीमारी की सबसे बड़ी दवा है। आपका सही रवैया ग़लत रवैये को हराने में क़ामयाब रहेगा। अगर आपको लगता है कि आपके पास पर्याप्त धन नहीं है तो आज घर के किसी बड़े से धन संचित करने की सलाह लें। पारिवारिक तनावों को अपना ध्यान भंग न करने दें। ख़राब दौर हमें बहुत-कुछ देता है। आपकी आकर्षक छवि मनचाहा परिणाम देगी। अपने काम और प्राथमिकताओं पर ध्यान एकाग्र करें। घर से बाहर निकलकर आज आप खुली हवाओं में टहलना पसंद करेंगे। आज आपका मन शांत होगा जिसका फायदा आपको पूरे दिन मिलेगा। आपका जीवनसाथी आपको इतना बेहतरीन पहले कभी महसूस नहीं हुआ। आपको उनसे कोई बढ़िया सरप्राइज़ मिल सकता है।
सिंह- (मा मी मू मे मो टा टी टू टे)
आज आपमें से कुछ लोगों को आज महत्वपूर्ण फ़ैसला लेने के लिए बाध्य होना पड़ सकता है, जिससे आप तनावग्रस्त और चिंतित हो सकते हैं। तंग आर्थिक हालात के चलते कोई अहम काम बीच में अटक सकता है। दोपहर के बाद किसी पुराने दोस्त से मुलाक़ात दिन को ख़ूबसूरत बना देगी। आप अपने सुनहरे दिनों को याद करके पुरानी यादों में डूब जाएंगे। मतभेद के चलते व्यक्तिगत संबंधों में दरार पड़ सकती है। यह उन अच्छे दिनों में से एक दिन है जब कार्यक्षेत्र में आप अच्छा महसूस करेंगे। आज आपके सहकर्मी आपके काम की तारीफ करेंगे और आपका बॉस भी आपके काम से खुश होगा। कारोबारी भी आज कारोबार में लाभ कमा सकते हैं। इस राशि के जातक आज के दिन अपने भाई-बहनों के साथ घर पर कोई मूवी या मैच देख सकते हैं। ऐसा करके आप लोगों के बीच प्यार में वृद्धि होगी। आपके जीवनसाथी की कामकाज को लेकर व्यस्तता आपकी उदासी का कारण बन सकती है।
कन्या- (टो प पी पू ष ण ठ पे पो)
आज गर्भवती महिलाओं को चलते-फिरते समय ख़ास ख़याल रखने की ज़रूरत है। अगर संभव हो तो ऐसे लोगों से दूर रहें जो धूम्रपान करते हैं, क्योंकि इससे पैदा होने वाले शिशु को नुक़सान हो सकता है। किसी बड़े समूह में भागीदारी आपके लिए दिलचस्प साबित होगी, हालाँकि आपके ख़र्चे बढ़ सकते हैं। ऐसे दोस्तों के साथ बाहर जाएँ जो आपके हालात और ज़रूरतों को समझते हैं। रोमांटिक मनोभावों में अचानक आया बदलाव आपको काफ़ी खिन्न कर सकता है। अपनी कार्यकुशलता बढ़ाने के लिए नयी तकनीकों का सहारा लें। आपकी शैली और काम करने का नया अन्दाज़ उन लोगों में दिलचस्पी पैदा करेगा, जो आप पर नज़दीकी से ग़ौर करते हैं। आज किसी सहकर्मी के साथ आप शाम का वक्त बिता सकते हैं हालांकि अंत में आपको महसूस होगा कि आपने उनके साथ समय बर्बाद किया है और कुछ नहीं। जीवनसाथी की ख़राब सेहत के चलते आप चिंताग्रस्त हो सकते हैं।
तुला- (रा री रू रे रो ता ती तू ते)
आज आप मानसिक और शारीरिक तौर पर थकान महसूस कर सकते हैं, थोड़ा-सा आराम और पौष्टिक आहार आपके ऊर्जा-स्तर को उठाए रखने में अहम साबित होगा। किसी करीबी दोस्त की मदद से आज कुछ करोबारियों को अच्छा-खासा धन लाभ होने की संभावना है। यह धन आपकी कई परेशानियों को दूर कर सकता है। जब निवेश करने का सवाल आपके सामने हो, तो स्वतन्त्र बनें और अपने फ़ैसले ख़ुद लें। आपका बेपनाह प्यार आपके प्रिय के लिए बेहद क़ीमती है। दिवास्वप्नों में समय खपाना नुक़सानदेह रहेगा, इस मुग़ालते में न रहें कि दूसरे आपका काम करेंगे। अपने ज़बरदस्त आत्मविश्वास का फ़ायदा उठाएँ, बाहर निकलें और कुछ नए सम्पर्क व दोस्त बनाएँ। आपका जीवनसाथी आपकी बहुत तारीफ़ करेगा और आप पर बहुत स्नेह बरसायेगा।
वृश्चिक- (तो ना नी नू ने नो या यी यू)
आज आप अवसाद के ख़िलाफ़ आपकी मुस्कान परेशानी से उबारने वाली रहेगी। जिन लोगों ने लोन लिया था आज उन्हें उस लोन की राशि को चुकाने में दिक्कतें आ सकती हैं। परिवार के सदस्य सहयोगी होंगे, लेकिन उनकी काफ़ी सारी मांगें होंगी। यात्रा के चलते रुमानी संबंध को बढ़ावा मिलेगा। अपनी पेशेवर क्षमताओं को बढ़ाकर आप करिअर में नए दरवाज़े खोल सकते हैं। अपने क्षेत्रे में आपको अपार सफलता मिलने की संभावना भी है। अपनी सभी क्षमताओं को निखारकर औरों से बेहतर बनने की कोशिश करें। आज आपके पास लोगों से मिलने-जुलने का और अपने शौक़ पूरे करने का पर्याप्त खाली समय है। जीवनसाथी के साथ आज की शाम वाक़ई कुछ ख़ास होने वाली है।
धनु-ये यो भा भी भू धा फा ढ़ा भे)
आज आप अपने सकारात्मक रवैये और आत्मविश्वास की वजह से आस-पास के लोगों को प्रभावित करेंगे। माता या पिता की सेहत पर आपको आज बहुत धन खर्च करना पड़ सकता है। इससे आपकी आर्थिक स्थिति बिगड़ेगी लेकिन साथ ही रिश्तों में मजबूती आएगी। रिश्तेदारों के यहाँ छोटी यात्रा आपके भागदौड़ भरे दिन में आराम और सुकून देने वाली साबित होगी। अपने प्रिय के बिना समय बिताने में दिक़्क़त महसूस करेंगे। किसी लघु या मध्यावधि पाठ्यक्रम में दाखिला लेकर अपनी तकनीकी क्षमताओं में निखार लाएँ। अगर कहीं बाहर जाने की योजना है तो वह आख़िरी वक़्त पर टल सकती है। आपका जीवनसाथी आपकी ज़रूरतों को अनदेखा कर सकता है, जिसके चलते आप चिड़चिड़े हो सकते हैं।
मकर- (भो जा जी खी खू खे खो गा गी)
आज काम का दबाव और घरेलू मतभेद तनाव की वजह बन सकते हैं। आर्थिक तौर पर सुधार तय है। घर में उल्लास का माहौल आपके तनावों को कम कर देगा। आप भी इसमें पूरी सहभागिता करें और महज़ मूक दर्शक न बने रहें। नए प्रेम-संबंधों के बनने की संभावना ठोस है, लेकिन व्यक्तिगत और गोपनीय जानकारियों को उजागर करने से बचें। तब तक कोई वादा न करें, जब तक कि आप पूरी तरह उसे पूरा करने में सक्षम न हों। वक्त की स्थिति को समझते हुए आज आप सब लोगों से दूरी बनाकर एकांत में वक्त बिताना पसंद करेंगे। ऐसा करना आपके लिए हितकर भी होगा। जीवन साथी की किसी बात को गंभीरता से न लेने की स्थिति में विवाद हो सकता है।
कुंभ- (गू गे गो सा सी सू से सो द)
आज अपने मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान दें, जो आध्यात्मिक जीवन के लिए आवश्यक है। मस्तिष्क जीवन का द्वार है, क्योंकि अच्छा-बुरा सब-कुछ इसी के माध्यम से आता है। यही ज़िंदगी की समस्याएँ दूर करने में सहायक सिद्ध होता है और सही सोच से इंसान को आलोकित करता है। माता या पिता की सेहत पर आपको आज बहुत धन खर्च करना पड़ सकता है। इससे आपकी आर्थिक स्थिति बिगड़ेगी लेकिन साथ ही रिश्तों में मजबूती आएगी। ऐसे विवादास्पद मुद्दों पर बहस करने से बचें, जो आपके और प्रियजनों के बीच गतिरोध पैदा कर सकते हैं। आप साथ में कहीं घूमने-फिरने जाकर अपने प्रेम-जीवन में नयी ऊर्जा का संचार कर सकते हैं। कामकाज के सिलसिले में आपके ऊपर ज़िम्मेदारियों का बोझ बढ़ सकता है। घर के कामों को पूरा करने के बाद इस राशि की गृहणियां आज के दिन फुर्सत में टीवी या मोबाइल पर कोई मूवी देख सकती हैं।
मीन- (दी दू थ झ ञ दे दो च ची)
आज आप अपनी क्षमताओं को पहचानें, क्योंकि आपके अन्दर ताक़त की नहीं बल्कि इच्छा-शक्ति की कमी है। कोई बेहतरीन नया विचार आपको आर्थिक तौर पर फ़ायदा दिलायेगा। आपके माता-पिता की सेहत चिंता और घबराहट का कारण बन सकती है। रोमांस आपके दिल-दिमाग़ पर छाया रहेगा, क्योंकि आज आपकी मुलाक़ात अपने प्रिय से होगी। बदलते समय के साथ क़दमताल करने के लिए नई तकनीक से तालमेल बैठाना महत्वपूर्ण रहेगा। आज आप नए विचारों से परिपूर्ण रहेंगे और आप जिन कामों को करने के लिए चुनेंगे, वे आपको उम्मीद से ज़्यादा फ़ायदा देंगे। अगर आप अपने जीवनसाथी से स्नेह की आशा रखते हैं, तो यह दिन आपकी आशाओं को पूरा कर सकता है।
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नवरात्र का तृतीय दिवस – मां चन्द्रघन्टा
या देवी सर्वभूतेषु चन्द्रघंटा रूपेण संस्थिता
🙏🏻नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।🙏
🙏जय माँ चंद्रघंटा🙏
मां दुर्गा की नवशक्ति का तिसरा स्वरूप मां चंद्रघंटा की पूजा की जाती है। मां दुर्गा का तीसरा स्वरूप मां चंद्रघंटा को समर्पित है। ये अपने भक्तों के प्रति सौम्य और शांत स्वरूप के लिए जानी जाती हैं। चंद्रघंटा माता का प्रभाव शुक्र ग्रह पर है। इस कारण से अगर किसी मनुष्य को शुक्र गृह की विपरीत परिस्थिति के कारण कोई कष्ट आदि हो तो उन्हें सम्पूर्ण श्रद्धा और भक्ति के साथ माँ चंद्रघंटा की आराधना और स्तुति करनी चाहिए। इससे उन्हें माँ चंद्रघंटा की कृपा से समस्त कष्टों से मुक्ति मिल जाती है।
मां चंद्रघंटा का मंत्र, ध्यान
पिंडजप्रवरारूढ़ा,चंडकोपास्त्रकैर्युता।
प्रसादं तनुते मह्यं,चंद्रघंटेति विश्रुता।।
अर्थात् श्रेष्ठ सिंह पर सवार और चंडकादि अस्त्र शस्त्र से युक्त मां चंद्रघंटा मुझ पर अपनी कृपा करें।
वन्दे वांछित लाभाय चन्द्रार्धकृत शेखरम्।
सिंहारूढा चंद्रघंटा यशस्वनीम्।।
मणिपुर स्थितां तृतीय दुर्गा त्रिनेत्राम्।
रंग,गदा,त्रिशूल,चापचर,पदम् कमण्डलु माला वराभीतकराम्।।
या देवी सर्वभूतेषु चंद्रघंटा रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
माता का स्वरूप
नवरात्र के तीसरे दिन दुर्गाजी के तीसरे रूप चंद्रघंटा देवी के वंदन,पूजन और स्तवन करने का विधान है। इन देवी के मस्तक पर घंटे के आकार का अर्ध चंद्रमा विराजमान है इसलिए इनका नाम चंद्रघंटा पड़ा। इनके शरीर का रंग स्वर्ण के समान चमकीला और वाहन सिंह है। इस देवी के दस हाथ माने गए हैं और ये कमल,धनुष,बाण,खड्ग,कमंडल तलवार,त्रिशूल और गदा आदि जैसे अस्त्र और शस्त्र से सुसज्जित हैं। इनके कंठ में श्वेत पुष्प की माला और शीर्ष पर रत्नजड़ित मुकुट विराजमान है। माता चंद्रघंटा युद्ध की मुद्रा में विराजमान रहती है और तंत्र साधना में मणिपुर चक्र को नियंत्रित करती हैं। माना जाता है कि देवी के इस रूप की पूजा करने से मन को अलौकिक शांति प्राप्त होती है और इससे न केवल इस लोक में अपितु परलोक में भी परम कल्याण की प्राप्ति होती है। इनके वंदन से मन को परम सूक्ष्म ध्वनि सुनाई देती है,जो मन को बहुत शांति प्रदान करती है। चूंकि इनका वर्ण स्वर्ण जैसा चमकीला है और ये हमेशा आसुरिक शक्तियों के विनाश के लिए सदैव तत्पर रहती हैं,इसलिए इनकी आराधना करने वाले को भी अपूर्व शक्ति का अनुभव होता है। मां चंद्रघंटा की पूजा में दूध का प्रयोग कल्याणकारी माना गया है। मां दुर्गा का पहला शैलपुत्री और दूसरा ब्रह्मचारिणी स्वरूप भगवान शंकर को प्राप्त करने के लिए है,जब माता भगवान शंकर को पति रूप में प्राप्त कर लेती हैं तब वह आदिशक्ति के रूप में प्रकट होती है और चंद्रघंटा बन जाती हैं। देवी पार्वती के जीवन में तीसरी सबसे बड़ी घटना के रूप में उनको प्रिय वाहन वाघ प्राप्त होता है। इसलिए माता बाघ पर सवार होकर भक्तों को अभय प्रदान करती हैं। माता को लाल रंग बहुत प्रिय है इसलिए माता की पूजा में लाल रंग के वस्त्र पहनें।
माता चंद्रघंटा पूजा विधि
नवरात्रि के तीसरे ब्रह्ममुहुर्त में उठकर स्नानादि से निवृत होकर माता का ध्यान करें और फिर पूजा स्थल पर गंगाजल से छिड़काव करें। इसके बाद माता का ध्यान करते हुए पांच घी के दीपक जलाएं और फिर माता को सफेद कमल या पीले गुलाब के फूल या माला अर्पित करें। मां दुर्गा को फूल अर्पित करने के बाद रोली, अक्षत और पूजा की सामग्री आदि अर्पित करें। कूपर और दीपक से माता की सुबह-शाम आरती उतारें। आरती के दौरान पूरे घर में शंख और घंटा बजाएं, ऐसा करने से घर की नकारात्मकता खत्म होती है। इसके बाद परिवार समेत माता के जयकारे लगाएं और भोग में माता को केसर की खीर या दूध से बनी मिठाई का भोग लगाकर पूजा संपन्न करें। इसके साथ ही आप चंद्रघंटा माता की कथा, दुर्गा चालिसा,दुर्गा स्तुति या दुर्गा सप्तशती आदि का पाठ करें। शाम के समय में भी माता की आरती करें और ध्यान करें।
चंद्रघण्टा स्तुति
जय मां चन्द्र घंटा सुख धाम।
पूर्ण कीजो मेरे काम।।
चन्द्र समान तू शीतल दाती।
चन्द्र तेज किरणों में समाती।।
क्रोध को शान्त बनाने वाली।
मीठे बोल सिखाने वाली।।
मन की मालक मन भाती हों।
चन्द्र घंटा तुम वरदाती हो।।
सुन्दर भाव को लाने वाली।
हर संकट में बचाने वाली।।
हर बुधवार जो तुझे ध्याये।
श्रद्धा सहित जो विनय सुनाये।।
मूर्ति चन्द्र आकार बनाए।
सन्मुख घी की जोत जलाए।।
शीश झुका कहे मन की बाता।
पूर्ण आस करो जगतदाता।।
कान्ची पुर स्थान तुम्हारा।
करनाटिका में मान तुम्हारा।।
नाम तेरा रटूं महारानी।
’चमन’ की रक्षा करो भवानी।।
माँ चंद्रघण्टा की कथा
माँ चन्द्रघण्टा असुरों के विनाश हेतु माँ दुर्गा के तृतीय रूप में अवतरित होती हैं। जो भयंकर दैत्य सेनाओं का संहार करके देवताओं को उनका भाग दिलाती हैं। भक्तों को वांछित फल दिलाने वाली हैं। आप सम्पूर्ण जगत की पीड़ा का नाश करने वाली हैं। जिससे समस्त शात्रों का ज्ञान होता है,वह मेधा शक्ति आप ही हैं। दुर्गा भव सागर से उतारने वाली भी आप ही है। आपका मुख मंद मुस्कान से सुशोभित,निर्मल,पूर्ण चन्द्रमा के बिम्ब का अनुकरण करने वाला और उत्तम सुवर्ण की मनोहर कान्ति से कमनीय है,तो भी उसे देखकर महिषासुर को क्रोध हुआ और सहसा उसने उस पर प्रहार कर दिया, यह बड़े आश्चर्य की बात है। कि जब देवी का वही मुख क्रोध से युक्त होने पर उदयकाल के चन्द्रमा की भांति लाल और तनी हुई भौहों के कारण विकराल हो उठा तब उसे देखकर जो महिषासुर के प्राण तुरंत निकल गये यह उससे भी बढ़कर आश्चर्य की बात है, क्योंकि क्रोध में भरे हुए यमराज को देखकर भला कौन जीवित रह सकता है। देवि! आप प्रसन्न हों। परमात्मस्वरूपा आपके प्रसन्न होने पर जगत् का अभ्युदय होता है और क्रोध में भर जाने पर आप तत्काल ही कितने कुलों का सर्वनाश कर डालती हैं, यह बात अभी अनुभव में आयी है, क्योंकि महिषासुर की यह विशाल सेना क्षण भर में आपके कोप से नष्ट हो गयी है। कहते है कि देवी चन्द्रघण्टा ने राक्षस समूहों का संहार करने के लिए जैसे ही धनुष की टंकार को धरा व गगन में गुजा दिया वैसे ही माँ के वाहन सिंह ने भी दहाड़ना आरम्भ कर दिया और माता फिर घण्टे के शब्द से उस ध्वनि को और बढ़ा दिया, जिससे धनुष की टंकार, सिंह की दहाड़ और घण्टे की ध्वनि से सम्पूर्ण दिशाएं गूँज उठी। उस भयंकर शब्द व अपने प्रताप से वह दैत्य समूहों का संहार कर विजय हुई।
चंद्रघंटा देवी का प्रिय भोग (प्रसाद) और रंग
मां चंद्रघंटा को दूध और दूध से बने मिष्ठान्न बहुत पसंद हैं। इसलिए को खीर का भोग लगाना सबसे अच्छा माना जाता है। मां को दूध या दूध से बने मिष्ठान्न का भोग लगाकर इसका दान जरूर करें।
मां चंद्रघंटा की आराधना में रंगों का विशेष महत्व है।
माता चंद्रघंटा को हरा, भूरा और सफेद रंग पसंद है। हालांकि उन्हें लाल रंग सबसे प्रिय है। मान्यता है कि मां के चंद्रघंटा स्वरूप की पूजा करते समय सफेद रंग का वस्त्र पहनना शुभ होता है। सफेद रंग शुद्धता का प्रतीक माना जाता है।
चंद्रघंटा स्तोत्र
माँ चंद्रघंटा की आराधना के लिए यहाँ दिए गए स्तोत्र का सम्पूर्ण भक्तिपूर्वक पाठ करें। यह अत्यंत ही सिद्ध स्तोत्र है। सम्पूर्ण श्रद्धापूर्वक इस माँ चंद्रघंटा स्तोत्र के पाठ का फल अत्यंत ही शुभ और मंगलकारी होता है।
वन्दे वाञ्छितलाभाय चन्द्रार्धकृतशेखराम्।
सिंहारूढा चन्द्रघण्टा यशस्विनीम्।।
मणिपुर स्थिताम् तृतीय दुर्गा त्रिनेत्राम्।
खङ्ग, गदा, त्रिशूल, चापशर, पद्म कमण्डलु माला वराभीतकराम्।।
पटाम्बर परिधानां मृदुहास्या नानालङ्कार भूषिताम्।
मञ्जीर, हार, केयूर, किङ्किणि, रत्नकुण्डल मण्डिताम।।
प्रफुल्ल वन्दना बिबाधारा कान्त कपोलाम् तुगम् कुचाम्। कमनीयां लावण्यां क्षीणकटि नितम्बनीम्।।
पिण्डज प्रवरारूढा चण्डकोपास्त्रकैर्युता।
प्रसादं तनुते मह्यम् चन्द्रघण्टेति विश्रुता।।
या देवी सर्वभूतेषु माँ चन्द्रघण्टा रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः ।।
आपदुध्दारिणी त्वंहि आद्या शक्तिः शुभपराम्।
अणिमादि सिद्धिदात्री चन्द्रघण्टे प्रणमाम्यहम्।।
चन्द्रमुखी इष्ट दात्री इष्टम् मन्त्र स्वरूपिणीम्।
धनदात्री, आनन्ददात्री चन्द्रघण्टे प्रणमाम्यहम्।।
नानारूपधारिणी इच्छामयी ऐश्वर्यदायिनीम्।
सौभाग्यारोग्यदायिनी चन्द्रघण्टे प्रणमाम्यहम्।।
माँ चंद्रघंटा कवच
रहस्यम् शृणु वक्ष्यामि शैवेशी कमलानने।
श्री चन्द्रघण्टास्य कवचम् सर्वसिद्धिदायकम्।।
बिना न्यासम् बिना विनियोगम् बिना शापोध्दा बिना होमम्। स्नानम् शौचादि नास्ति श्रद्धामात्रेण सिद्धिदाम।।
कुशिष्याम् कुटिलाय वञ्चकाय निन्दकाय च।
न दातव्यम् न दातव्यम् न दातव्यम् कदाचितम।।
चन्द्रघन्टा गायत्री मंत्र
ॐ चंन्द्रधंटायै च विदमहे अर्धचन्द्राय धीमहि तन्नो देवी प्रचोदयात्।
ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चै ॐ चंन्द्रधंटा दैव्यै नमः।
ॐ क्लीं रोगान् रोधय चंद्रघण्टायै क्लीं फट्।
माँ चंद्रघंटा की आरती
जय माँ चन्द्रघण्टा सुख धाम।
पूर्ण कीजो मेरे काम।।
चन्द्र समाज तू शीतल दाती।
चन्द्र तेज किरणों में समाती।।
मन की मालक मन भाती हो।
चन्द्रघण्टा तुम वर दाती हो।।
सुन्दर भाव को लाने वाली।
हर संकट में बचाने वाली।।
हर बुधवार को तुझे ध्याये।
श्रद्धा सहित तो विनय सुनाए।।
मूर्ति चन्द्र आकार बनाए।।
शीश झुका कहे मन की बाता।
पूर्ण आस करो जगत दाता।।
कांचीपुर स्थान तुम्हारा।
कर्नाटिका में मान तुम्हारा।।
नाम तेरा रटू महारानी।
भक्त की रक्षा करो भवानी।।


















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