स्मीमेर अस्पताल में ट्रायल के तौर पर पेपरलेस सिस्टम शुरू, पहले ही दिन धराशायी
केसबाड़ी, ओपीडी, डिस्पेंसरी में लगाए गए कंप्यूटर डॉक्टरों, स्टाफ के लिए संपूर्ण पेपरलेस व्यवस्था यह समझने में समय लगेगा कि टोकन कहां से और कैसे आता है इसकी उलझन में समय बर्बाद हो गया सूरत नगर निगम के स्मीमेर अस्पताल को हॉस्पिटल इंटीग्रेटेड मैनेजमेंट सिस्टम (एचआईएमएस) के तहत पेपरलेस बनाने का काम जोरों पर चल रहा है। उस समय स्मीमेर में इलाज के लिए आने वाले मरीजों की परेशानी को दूर करने के लिए शनिवार से ट्रायल बेस पर पेपरलेस ऑपरेशन शुरू किया गया था। प्राप्त विवरण के अनुसार स्मीमेर अस्पताल में रोजाना हजारों मरीज विभिन्न समस्याओं के इलाज के लिए आते हैं। हालांकि, सिस्टम ने पेपर केस से लेकर इनडोर और आउटडोर केस तक मरीजों के पेपरलेस इलाज की तैयारी कर ली है। वहीं आज शनिवार को स्मीमेर में इलाज के लिए आने वाले मरीजों की भीड़ कम है. इसी को ध्यान में रखते हुए पेपरलेस कैसे काम करेगा, मरीजों को किस तरह का रिस्पांस मिलेगा, मरीजों की परेशानी कम होगी, कंप्यूटर राइज सिस्टम बनाया जाएगा, मरीजों को लंबी लाइन में खड़ा नहीं होना पड़ेगा, ट्रायल बेस पर पेपरलेस ऑपरेशन आज से शुरू कर दिया गया है। शनिवार। इसलिए सभी ओपीडी, केसबाड़ी, डिस्पेंसरी और अन्य महत्वपूर्ण स्थानों पर कंप्यूटर लगाए गए हैं।मशीन के माध्यम से टोकन देने के बाद केसबरी का रजिस्ट्रेशन किया गया और हेल्थ कार्ड दिया गया, जिसे ओपीडी में भेज दिया गया. डॉक्टरों ने मरीज का चेकअप किया और उनकी हिस्ट्री कंप्यूटर पर लिखकर रेफरल या मेडिसिन के लिए विभाग में भेज दिया. हालांकि, यह काम ट्रायल के तौर पर किया गया है। जैसा कि होना ही चाहिए. इसके अनुसार कम्प्यूटर सहित व्यवस्था एवं व्यवस्था में सुधार एवं वृद्धि की जायेगी। यह बात स्मीमेर के अधिकारी ने कही. वहीं आज स्मीमेर में मरीजों की भीड़ काफी बढ़ गई है. अधिकांश मरीजों को पता ही नहीं था कि टोकन कहां मिलेगा, कैसे मिलेगा। ट्रायल के चलते मरीजों की भीड़ अधिक थी। तो अब मरीजों की परेशानी की बारी थी। इतना ही नहीं इस व्यवस्था से डॉक्टरों समेत कर्मचारियों को परेशानी उठानी पड़ी. लेकिन यह सिस्टम ठीक से काम करेगा. तो यह मरीजों के लिए काफी फायदेमंद होगा. स्रोत क्या थे?
रिपोर्टर रजनीश पाण्डेय गुजरात सत्यार्थ न्यूज