ब्रेकिंग न्यूज़

19 मार्च 2025 बुधवार आज का पंचांग व राशिफल और जानें कुछ खास बातें पंडित नरेश सारस्वत रिड़ी के साथपुलिस अधीक्षक टीकमगढ़ मनोहर सिंह मंडलोई के निर्देशन मे थाना पलेरा ग्राम करोला में पति-पत्नि की हुई हत्या के हत्यारो को किया गया गिरफ़्तारनवनिर्वाचित भाजपा जिलाध्यक्ष नंदलाल गुप्ता का महुली में किया गया जोरदार स्वागतविधानसभा प्रभारी रामदेव ढाका ने ली श्रीडूंगरगढ़ ब्लॉक कांग्रेस कार्यकर्ताओं की बैठक, शामिल हुए पार्टी बड़ी संख्या में कार्यकर्ताश्रीडूंगरगढ़ के एकलव्य पब्लिक स्कूल में आयोजित हुआ कक्षा 8 के विद्यार्थियों का विदाई समारोह छात्रों ने प्रस्तुत किए सांस्कृतिक कार्यक्रम, शिक्षकों ने दी शुभकामनाएंगो संरक्षण एवं देश में ऊंच नीच जाति का भेद खत्म हो- कमलेश शास्त्री, रामकथा प्रवक्ता वागड़सोनभद्र -सीओ सदर ने अपने सर्किल क्षेत्र में किया रात्रि भ्रमणशासकीय पॉलीटेक्निक रामानुजगंज द्वारा ग्राम आरागाही में NSS शिविर का भव्य शुभारंभराजस्व प्रकरणों के निराकरण एवं विभागीय कार्याे में रूचि नहीं लेना पांच पटवारियों को पड़ा महंगाकलेक्टर श्री यादव ने जनसुनवाई में सुनीं समस्याएं तहसील, विकासखंड और ग्राम पंचायत ग्राम पंचायत स्तर पर आयोजित हुई जनसुनवाई1.महिलाओं को मिले घर बैठे रोजगार,आई मुख्यमंत्री वर्क फ्रॉम होम जॉब योजना 2.अग्निवीर योजना के तहत 10 अप्रैल तक किए जा सकेंगे ऑनलाइन आवेदन ।भवन निर्माणकर्ताओं को आ रही है भारी दिक्कतशाम की देश और राज्यों से बड़ी खबरें एक साथआपणो गांव श्रीडूंगरगढ़ सेवा समिति के सेवादार मिले विधायक से , वन विभाग के लिए एनिमल एंबुलेंस व प्रथम श्रेणी पशु चिकित्सालय को पॉली ट्रॉमा बनाने की मांगये सब है उत्तर प्रदेश सरकार के होनहार सफाई कर्मचारी किसी अंगल से लग रहा ये सफाई कर्मचारी हैं

संसार का सबसे बड़ा कब्रिस्तान “मांसाहारियों” का पेट, सात्विक एवं शाकाहारी ही मनुष्य का भोजन

WhatsApp Image 2025-02-17 at 15.59.09

😊 Please Share This News 😊


Satyarath
Spread the love

संवाददाता:- हर्षल रावल सिरोही/राज.

संसार का सबसे बड़ा कब्रिस्तान “मांसाहारियों” का पेट, सात्विक एवं शाकाहारी ही मनुष्य का भोजन

 

सनातन धर्म एवं भारतीय संस्कृति में मनुष्य के पवित्र शरीर में मांस खाना घोर पाप माना गया है।


________
सिरोही। सत्यार्थ न्यूज के लोकप्रिय संवाददाता हर्षल रावल ने बताया कि हिन्दू धर्म में भोजन को मनुष्य के स्वभाव, आत्मा और मन से जोड़ा गया है। कहा गया है कि जो जैसा अन्न ग्रहण करता है, वो स्वभाव से वैसा ही बन जाता है। इसलिए वो व्यक्ति जो धर्म को मानता है, उसे सात्विक भोजन करने की सलाह दी जाती है। लेकिन सात्विक भोजन पर रहना सबके वश की बात नहीं होती है। इसलिए कुछ लोग कुछ विशेष अवसरों पर ही सात्विक भोजन की नियमावली का पालन करते हैं।
लेकिन मनुष्य अपने पेट एवं स्वाद के लिए और जाने-अनजाने में अंडा, मांस, मछली का सेवन कर विधि के विधान के अनुसार पाप कर्मों में लिप्त होते हैं। फिर उसके कर्मफल भोगते हुए और दुःख में यह बात कहते हैं कि मैंने तो किसी के साथ बुरा नहीं किया, फिर मेरे साथ बुरा क्यों हो रहा है, ऐसे मनुष्य को सरल शब्दों में समझाना चाहता हूं कि आपने पाप किया है उसका कर्मफल भोगना ही होगा। इसके बचना असंभव है। मांस मनुष्य का भोजन नहीं है।
मनुष्य को नुकसान करने वाले कीड़ों को मुर्गी खाती हैं। तालाब की सफाई के लिए बनाई गई मछली बह कर आये मुर्दा जानवर को खा कर सफाई करती है। और जब मनुष्य मुर्गी, बकरा, भैसा, सुअर को खाता है तो बीमारियों का आना स्वाभाविक है। ऐसा कार्य मत करो। जीव हत्या का बहुत बड़ा पाप लगता है। यह पाप “महापाप” कहलाता हैं। स्वयं पाप से बचो और अपने परिवार को बचाओ। अपना शरीर शुद्ध रखो। इसमें बीमारी न आवे। मन-चित सही रहे। शराब, नशीली पदार्थ आंखों से माता-बहन-बेटी की पहचान समाप्त कर देती है। स्वयं शराब एवं नशीली पदार्थों का सेवन मत करो।

मांस खाने के बारे में गीता क्या कहती है:-
भगवान् वराह कहते हैं कि जो व्यक्ति पशु का भक्षण करता है, मेरे लिए उससे बड़ा अपराधी कोई नहीं है। गीता में भगवान श्रीकृष्ण ने भी कहा है कि मांस “तामसिक” भोजनशाला है, जिसे ग्रहण करने से मनुष्य की बुद्धि न केवल क्षीण हो जाती है, बल्कि वो अपनी इन्द्रियों पर से भी नियंत्रण नहीं रख सकता हैं। भगवान श्रीकृष्ण कहते हैं कि जब ऐसा मनुष्य मेरी पूजा-अर्चना करते हैं, तो मैं उसकी पूजा स्वीकार नहीं करता। भगवान कहते है कि मांसाहारी भोजन राक्षसों के लिए है, इंसानों के लिए नहीं। वो कहते हैं कि ऐसे मनुष्य की पूजा कोई भी देवता स्वीकार नहीं करते हैं, मृत्यु के पश्चात ऐसा मनुष्य पशु योनि में जन्म लेता है और कई जन्मों तक भटकता रहता है। पिचाश योनि में उसकी उसकी मृत्यु भी वैसे ही होती है, जैसे उसने किसी जीव को मारकर उसका भक्षण किया था।
वेदों के अनुसार, जो व्यक्ति, नर, गाय, पशु अथवा किसी जानवर का मांस भक्षण करते हैं और उसे अपने शरीर का भाग बनाते हैं, उससे बड़ा पापी कोई नहीं है। यजुर्वेद के अनुसार, मनुष्य को संसार के समस्त जीवों की आत्मा को अपनी आत्मा के तुल्य ही समझना चाहिए।
लोग कहते हैं कि क्षत्रिय लोग मांस ग्रहण करते हैं आपको बताना चाहता हूं कि राजस्थान धरती के महा योद्धा महाराणा प्रताप जी ने जंगलों में पशु मांस नहीं खाया। बल्कि सुखा घास खाकर दिन व्यतीत किया करते थे। भारत में मांस खाने की प्रथा मुगल शासन से आरंभ हुआ हैं। मुगलों के गुलाम राजों ने मांस खाना और खिलवाना आरंभ किया था। जिससे मुगलों को पता था कि हिंदुओं का धर्म एवं बुद्धि भ्रष्ट करने का यही तरीका है। भगवान ने धरती पर अनेकों खाने के लिए व्यंजन बनाए हैं। जिसका स्वाद और पौष्टिकता अपरम्पार हैं। यह पशु मांस से उल्टा हानि हैं, मनुष्य शरीर और कर्म के लिए। इससे हमारे पोस्ट को श्मशान बनाना हैं। जिसमें अनेकों जीव को दफनाना हैं।
मनुष्य कहता है कि यह भगवान ने खाने के लिए पशु बनाये हैं। यह आपकी भ्रष्ट बुध्दि कह सकती हैं। यह भोजन राक्षसों का हैं। जिसमें उनकी बुद्धि अनुसार आप भी व्यवहार करना आरंभ करते हो। कहते है – “जैसा अन्न, वैसा मन”
सदैव शुद्ध सात्विक भोजन ग्रहण करें । जिससे आपका मन, तन, शरीर, विचार, बुध्दि, कर्म पवित्र रहे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

व्हाट्सप्प आइकान को दबा कर इस खबर को शेयर जरूर करें

स्वतंत्र और सच्ची पत्रकारिता के लिए ज़रूरी है कि वो कॉरपोरेट और राजनैतिक नियंत्रण से मुक्त हो। ऐसा तभी संभव है जब जनता आगे आए और सहयोग करे

Donate Now

MORE STORIES

Live AajTak TV

वोट जरूर करें

Sorry, there are no polls available at the moment.

विज्ञापन बॉक्स

[Rich_Web_Slider id="1"]

RASHIFAL

LIVE CRICKET

WEATHER UPDATE

+38
°
C
High:+41
Low:+31
Wed
Thu
Fri
Sat
[covid19-country-updates country=IN country_list=0 layout=3 label="India Covid19 Data" colors="#d80027,#0052b4"]

Stock Market Update

Panchang

LIVE FM

    [Rich_Web_Slider id="1"]
    error: Content is protected !!