रिपोर्टर:-अजय कुमार रजक
जिला:-गिरिडीह
अनुमंडल:-डुमरी
पीएन कॉलेज में महिला दिवस सह सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित
डुमरी:अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर शनिवार को पीएन कॉलेज में संगोष्ठी अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस सह सांस्कृतिक कार्यक्रम’ का आयोजन किया गया।आईक्यूएसी व महिला सशक्तिकरण प्रकोष्ठ के संयुक्त तत्वाधान में कार्यक्रम आयोजित किया गया।शुरुआत वाणिज्य विभाग की व्याख्याता रजनी कुमारी के स्वागत संबोधन के पश्चात कॉलेज की छात्रा जागृति, खुशबु,कुसुम तथा सिमरन के द्वारा प्रस्तुत किये गये स्वागत गीत के साथ किया गया।कार्यक्रम पर प्रकाश डालते हुए अंग्रेजी विभाग की व्याख्याता प्रियंका कुमारी ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस हमारे लिए दुनिया भर के लोगों के साथ आवाज मिलाने और समान अधिकारों के लिए अपना संदेश जोर-शोर से चिल्लाने का दिन है,महिलाओं के अधिकार मानवाधिकार हैं।हम सभी महिलाओं का, उनकी सभी विविधताओं का जश्न मनाते हैं।हम आस्था,नस्ल, जातीयता,लिंग या यौन पहचान या विकलांगता के उनके पहलुओं और अंतर्संबंधों को अपनाते हैं।हम उनका जश्न मनाते हैं जो हमसे पहले आए, उनका जो अब हमारे साथ खड़े हैं और उनका जो बाद में आएंगे।यह महिलाओं की उपलब्धियों का जश्न मनाने का समय है,चाहे वह सामाजिक,आर्थिक या राजनीतिक सांस्कृतिक हो।कार्यक्रम को डॉ उमा पाण्डेय,डॉ शशि भूषण,प्रो यशवंत कुमार सिन्हा,प्रो गौतम कुमार सिंह, प्रो रीतलाल वर्मा,प्रो मौलाना इसरायल आदि ने भी संबोधित किया।कार्यक्रम में ख़ुशी,कंचन तथा राखी के द्वारा देशभक्ति गीतों पर नृत्य प्रस्तुत किये गये वहीं खुशबु,सिमरन,शिवानी,कुसुम,सुमी,विनती,ममता, रेखा और जागृति के द्वारा बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ थीम पर एक लघु नाटिका पेश किया गया।कार्यक्रम के अंत में महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ मनोज कुमार मिश्र ने अपने संबोधन में कहा कि हर साल 8 मार्च के दिन अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है,इस दिन को मनाने का मकसद महिला सशक्तिकरण की तरफ एक कदम है.महिलाओं की उन्नति और विकास को बढ़ावा देना भी इस दिन का मकसद है,1977 में यूनाइटेड नेशंस जनरल असेंबली ने 8 मार्च को महिला दिवस घोषित किया था.इसके बाद से ही अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाने लगा हालांकि इस दिन को मनाने की नींव 1909 में ही रख दी गई थी।इस साल अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की कैंपेन थीम इंस्पायर इंक्लुजन है.इंस्पायर इंक्लुजन का अर्थ है महिलाओं के महत्व को समझने के लिए लोगों को जागरूक करना.इस थीम का अर्थ महिलाओं के लिए एक ऐसे समाज के निर्माण को बढ़ावा देना भी है जहां महिलाएं खुद को जुड़ा हुआ महसूस कर सकें,सशक्त महसूस कर सकें।प्रो दिव्या रानी द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ कार्यक्रम का समापन किया गया।इस दौरान प्रो मधु जायसवाल,प्रो संगीता कुमारी,प्रो योगेश प्रसाद
आईक्यूएसी के समन्वयक प्रो राजकुमार मेहता,सपना सिन्हा,मोनी जायसवाल,परमेश्वर महतो आदि उपस्थित थे।